जयपुर जिला

Term Path Alias

/regions/jaipur-district

जलबिरादरी का आमंत्रण
Posted on 24 Sep, 2008 09:07 AM जलबिरादरी

आमंत्रण
जलसंरक्षण ने बदली गांव की तस्वीर
Posted on 16 Sep, 2008 04:27 PM

जयपुर-अजमेर राजमार्ग पर दूदू से 25 किलोमीटर की दूरी पर राजस्थान के सूखाग्रस्त इलाके का एक गांव है - लापोड़िया। यह गांव ग्रामवासियों के सामूहिक प्रयास की बदौलत आशा की किरणें बिखेर रहा है। इसने अपने वर्षों से बंजर पड़े भू-भाग को तीन तालाबों (देव सागर, फूल सागर और अन्न सागर) के निर्माण से जल-संरक्षण, भूमि-संरक्षण और गौ-संरक्षण का अनूठा प्रयोग किया है। इतना ही नहीं, ग्रामवासियों ने अपनी सामूहिक

तालाब
जयपुर स्मार्ट सिटी में स्मार्ट आधारभूत संरचनाओं का भौगोलिक अध्ययन
आर्थिक आधारभूत संरचना में जयपुर स्मार्ट सिटी के आर्थिक परिवेश व संगठन को प्रकट किया जाता है। इसमें आर्थिक अवसर विभिन्न क्षेत्रों में निवेश, बँकिंग, उद्योग, रोजगार, उत्पादन क्षमता. लाभ, एवं अन्य आर्थिक गतिविधियों को सम्मिलित किया जाता है। Posted on 12 Oct, 2023 01:30 PM
प्रस्तावना

किसी भी स्मार्ट सिटी के लिए संस्थागत आधारभूत संरचना, भौतिक आधारभूत संरचना, सामाजिक आधारभूत संरचना तथा आर्थिक आधारभूत संरचना मुख्यरूप के चार बुनियादी स्तंभ होते हैं जिन पर एक स्मार्ट सिटी टिकी होती है अर्थात् उसका विकास संभव होता है। संस्थागत आधारभूत संरचना में उन गतिविधियों को प्रकट करते हैं जो कि शहरी क्षेत्रों के शासन एवं प्रबंधन से संबंधित होती है

जयपुर स्मार्ट सिटी में स्मार्ट आधारभूत संरचनाओं का भौगोलिक अध्ययन
गोचर का प्रसाद बांटता लापोड़िया-भाग 2
बरसात होते ही पूरे गांव के बैल चौइली में भेजे जाते थे। यहां प्राकृतिक चारा उपलब्ध होता था। पचास बीघे की इस चौइली में किसी एक परिवार के नहीं, जमींदार या ठिकानेदार परिवार के नहीं बल्कि गांव के सभी परिवारों के बैल छोड़े जाते थे। बरसात में उठा यह चारा दीपावली तक थोड़ा कमजोर हो जाता था। उसके बाद चौइलो के बैल बीड़ में भेजे जाते और बैलों से खाली हुई चौइली में अब गाय और बकरी की बारी आती। Posted on 19 Jul, 2023 03:05 PM

गोचरः सम्पूर्ण का एक अंश

आज जब गोचर की तरफ फिर से ध्यान जा रहा है, तब इस बात की भी याद दिलाना चाहिए कि हमारे ग्रामीण समाज ने अपने पशुओं की देखरेख के लिए एक सुविचारित ढांचा खड़ा किया था। गोचर उसका एक हिस्सा था।लापोड़िया का ही इतिहास देखें तो पता चलता है कि यहां लगभग 320 बीघे में गोचर के अलावा इसी से मिलते जुलते काम के लिए एक छोटा बीड़, एक बड़ा बीड़ और चौइली नामक

चौका
गर्मियों में पेयजल का संकट तय, योजनाओं की गति धीमी
Posted on 31 Jan, 2019 02:16 PM जयपुर: राजस्थान में पेयजल का संकट खड़ा होेने के आसार हैं इसके कारण आम जनता के साथ ही सरकार में भी चिन्ता पनप गई है। जयपुर, अजमेर, टोंक जैसे बड़े शहरों में पेयजल आपूर्ति करने वाले बीसलपुर बाँध में इस बार पानी की कम आवक ने ही आगामी गर्मियों में पानी के लिये संकट खड़ा कर दिया है। दूसरी तरफ पाँच साल में पेयजल परियोजनाओं में हुई देरी के कारण भी इस बार फिर ग्रामीण इलाकों में पीने के पानी की कमी त
राजस्थान में जल संकट
राजस्थान में फ्लोरोसिस का कहर
Posted on 26 Dec, 2018 01:13 PM

फ्लोरोसिस से पीड़ित बछड़ा (फोटो साभार - प्रो.

फ्लोरोसिस से पीड़ित बछड़ा (फोटो साभार - प्रो. शांतिलाल चौबीसा)
अपना बलिदान देकर वृक्षों को बचाने वाले बिश्नोई
Posted on 16 Oct, 2018 05:39 PM

कश्मीर में जैसे नुन्द ऋषि वैसे राजस्थान के रेतीले क्षेत्र में 500 वर्ष पूर्व बिश्नोई सन्त झम्बोजी हो गए। राजस्थान की शुष्क धरती में खेजड़ी वृक्षों को जीवन दान देने का अभूतपूर्व कार्य उनकी सिखावन के कारण हुआ था। आजकल के वर्षों में ही उनकी कथा सर्वत्र हो गई है। विश्व मंच पर भी पर्यावरण-सेवकों को उनके शिष्यगणों के अद्भुत बलिदान की कहानी प्रेरणादायी लगी है।
खेजड़ी
आओ करें बादलों से प्यार
Posted on 20 Dec, 2016 02:50 PM

राजस्थान के रेगिस्तान में बादल बहुत कम आते हैं। पर यहाँ के लोग बादलों से बहुत प्यार करते हैं। दरअसल वे पानी की हर बूँद की कीमत समझते हैं। इसलिये वे बारिश के पानी को बहुत करीने से बचाकर पूरे साल काम चलाते हैं।

 

पानी का व्यापार


आप सभी उद्यमी हैं। आप व्यापार की बारीकियों को अच्छी तरह समझते हैं। अच्छा उद्यमी वही है, जो छोटी पूँजी से बड़ा व्यापार करे। आज मैं आपसे राजस्थान के रेगिस्तान में होने वाले एक व्यापार के बारे में बात करुँगा। यह पानी का व्यापार है। उद्योग में दो चीजें अहम हैं- उत्पादक और उपभोक्ता। लेकिन, यहाँ तस्वीर अलग है। यहाँ उपभोक्ता और उत्पादक एक ही हैं।

अनुपम मिश्र
मरुस्थल को नन्दन कानन में बदलने की योजनाएँ
Posted on 22 Jun, 2015 01:48 PM सदियों से राजस्थान के लिए रेगिस्तान अभिशाप और चुनौती बना हुआ है और
×