नई दुनिया

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ई-वेस्ट का सफाया करेंगे युवा उद्योगपति
Posted on 03 May, 2014 11:31 AM
मैनेजमेंट एंड हैंडलिंग नियम लागू, फिर भी कबाड़ियों के पास जा रहा ई-वेस्ट
रवि चोपड़ा और राजेन्द्र सिंह का गंगा प्राधिकरण से इस्तीफा
Posted on 11 Mar, 2012 10:08 AM
जल संरक्षण विशेषज्ञ राजेन्द्र सिंह और दो अन्य लोगों ने राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (एनजीआरबीए) से शनिवार को इस्तीफा दे दिया। तीनों लोगों ने गंगा नदी के प्रति सरकार की अनदेखी के विरोधस्वरूप प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाले एनजीआरबीए से इस्तीफा दे दिया। मैगसेसे पुरस्कार विजेता राजेन्द्र सिंह के साथ गंगा प्राधिकरण के दो अन्य सदस्यों रवि चोपड़ा और आर एच सिद्दिकी ने भी गंगा नदी की सफाई पर जोर देने के लिए पर्यावरणविद जी डी अग्रवाल के आमरण अनशन के समर्थन में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपना इस्तीफा भेज दिया।

राजेन्द्र सिंह ने कहा कि जल संसाधन मंत्री पवन कुमार बंसल के साथ हुई बैठक के बाद इस्तीफा भेजा गया। इसमें अग्रवाल के विरोध के विषय में उन्हें आवगत कराया गया। अग्रवाल ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि गंगा का स्वच्छ एवं निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए जोर देने के वास्ते वह अपने आमरण अनशन के अंतिम दौर में जल ग्रहण नहीं करेंगे। चोपड़ा देहरादून स्थित पीपुल्स साइंस इंस्टीट्यूट में निदेशक है, वहीं सिद्दिकी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं।
दस साल से 29 जून को नहीं पहुंचा है मानसून
Posted on 24 Jun, 2011 09:39 AM

भीषण गर्मी से व्याकुल हैं लोग

निगमानंद मौत के मामले ने तूल पकड़ा
Posted on 16 Jun, 2011 11:00 AM
देहरादून (ब्यूरो)। मातृ सदन के संत निगमानंद की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। अखिल भारतीय संत समाज ने निगमानंद की मौत के लिए उत्तराखंड सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। जबकि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा है। दूसरी ओर मातृ सदन में निगमानंद का शव तीन दिनों तक रखे जाने के बाद गुरुवार को उन्हें दफनाए जाने की तैयारियां चल र
सात हजार गांवों पर अकाल का साया
Posted on 15 Mar, 2009 07:45 PM

जयपुर/ नई दुनिया। राजस्थान में इस साल 7372 गांवों पर अकाल का साया मंडरा रहा है। इन गांवों में सरकार शीघ्र ही राहत कार्य शुरु करने जा रही है। सरकार ने इसके साथ ही अकाल ग्रस्त इलाकों में पीने के पानी, रोजगार और पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। जिन जिलों में अकाल की छाया मंडरा रही है, वें हैं जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेंर, सिरोही, पाली, जालौर, अजमेर, भीलवाड़ा, उदयपुर, नागौर, र
सहजन में छिपा है त्‍वचा की खूबसूरती का राज
Posted on 19 Jul, 2011 11:47 AM
त्वचा की कई समस्याओं का इलाज सहजन व गुलाब के फूलों में छिपा है। इनमें कई तरह के हारमोन्स और प्राकृतिक तत्व होते हैं, जो त्वचा की सेहत के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। सहजन व गुलाब के फूलों में मौजूद इन यौगिकों को सदियों से त्वचा की देखभाल के लिए इस्तेमाल किया जाता है। फूलों के निकले अर्क और तेलों को परम्परागत चिकित्सा पद्धतियों में खास स्थान दिया गया है।
अब तोरणी जैसे गाँव ही होंगे नए तीर्थ!
Posted on 16 Jan, 2010 01:15 PM देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरु ने भाखड़ा-नांगल बांध और भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर जैसी जगहों को आधुनिक तीर्थ कहा था। इक्कीसवीं सदी में वैज्ञानिक डॉ. कलाम की इन यात्रा का संदेश भी साफ है- यहाँ मिसाइलमैन का वास्ता मिसाइल की सी गति से नहीं पड़ने वाला, जिनके वे धुरंधर खिलाड़ी रहे हैं। यहाँ उनका रास्ता छोटी-छोटी जल संरचनाएँ रोकेंगी और उनसे कहेंगी, यह वक्त थोड़ा थमने का भी है....! खंडवा जिले के लोगों ने ‘गति के गुरूर’ को तोड़ा है! उन्होंने पानी के वेग को वश में कर लिया है। बादलों से बरसा पानी अब इस जिले की जमीन पर इठलाता, बलखाता और सरपट दौड़ता नजर नहीं आता। अब पानी की लगाम यहाँ के उन लोगों के हाथों में हैं, जो गाँवों में रहते हैं और उनमें से भी अधिकतर पढ़ना-लिखना भी नहीं जानते। ये लोग कभी सरपट भागते पानी के कान उमेठकर उसे कुंडी या कुएँ की दिशा दिखा देते हैं तो कभी उसे पुचकारकर पोखर में उतार देते हैं। सौ बात की एक बात तो यह है कि इन लोगों ने पानी के बहाव को वश में कर लिया है यहाँ। वरना पानी अब नदी-नालों के जरिए समुद्र का रास्ता नहीं नापता।
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