हिमाचल प्रदेश

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हिमाचल में अब ग्रीन ग्रोथ को मिलेगा बढ़ावा
Posted on 23 Apr, 2013 01:06 PM प्रदेश में सौ करोड़ की विकास योजना ऋण स्वीकृत, प्राकृतिक संसाधनों का विकास है उद्देश्य
दो नदियों की प्रेमगाथा
Posted on 14 Apr, 2013 04:02 PM हिमाचल के लाहौल स्पीति जिले में बहती चंद्रभागा नदी का सौंदर्य और बहाव अनोखा है। किवदंतियों और पौराणिक कथाओं से जुड़ी यह नदी तीर्थयात्रियों के साथ ही दूसरे पर्यटकों को भी आकर्षित करती है। इसके धार्मिक महत्व और सुंदरता के बारे में बता रहे हैं अश्वनी वर्मा।

चंद्र और भागा नदी का मिलन स्थलचंद्र और भागा नदी का मिलन स्थलहिमाचल के लाहौल स्पीति जिले में अथाह सौंदर्य है। हिमालय की गोद में बसे इस जिले में चंद्रभागा नदी में अनोखा प्रवाह है। चंद्र नदी चंद्रमा की पुत्री और भागा सूर्य का पुत्र माना जाता है।
भारतीय जल संकट : विकास, विवाद और संवाद
Posted on 18 Jan, 2013 11:50 AM स्थान : संभावना इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी एंड पॉलिटिक्स,
गांव : कंडबारी, पालमपुर, हिमाचल, 176061
तिथि : 26 फरवरी-01 मार्च 2013


भारत में आर्थिक सुधारों के लहर के दूसरे दशक में प्राकृतिक संसाधनों के निजीकरण और कारपोरेटीकरण का दौर तेज हुआ है। इसके साथ-साथ जहां एक ओर विवाद बढ़े हैं तो दूसरी ओर इन संसाधनों पर बड़ी संख्या में लोगों का हक छीना गया है। हालांकि वृद्धि केंद्रित विकास के लिए संसाधनों पर होने वाली बहस के केंद्र में ज़मीन तो हमेशा ही मुद्दा रही, पर मुख्य धारा की मीडिया में पानी के मुद्दे को ज्यादा अहमियत नहीं मिली है।

आर्थिक वृद्धि के इस दौर में न केवल मानवीय पेयजल और अन्य जरूरतों के लिए पानी की कमी को महसूस किया जा रहा है। बल्कि
हिमाचल प्रदेश के मतदाताओं के नाम लोक घोषणा पत्र-2012
Posted on 29 Oct, 2012 11:27 AM भाईयों, बहनों व युवा साथियों,
हिमाचल प्रदेश में हो रहे इस विधान सभा चुनावों में विकास के संकट के मूल प्रश्न पर चर्चां ही नहीं है। हालात यह है कि हिमाचल प्रदेश के सामने विकास के निम्न संकटों को किसी भी राजनैतिक दल ने मुद्दा नहीं बनाया। इस लिए हिमालय नीति अभियान प्रदेश की जनता के सामने यह लोक घोषणा पत्र-2012 जारी कर रही है।

विकास के मूल संकट -व्यापक मुद्दे

हुल-1 जल विद्युत परियोजना के विरोध में प्रदर्शन
Posted on 01 Oct, 2012 10:25 AM पूरे हिमाचल प्रदेश में कम्पनी के गुण्डों द्वारा साल घाटी बचाओ मोर्चा की बैठक में किए गए हमले का विरोध किया गया व धरना-प्रदर्शन भी हुए। इस के बाद कम्पनी इस मामले को उच्च न्यायलय शिमला में ले गई। जिसमें कोर्ट ने कोई स्पष्ट फैसला न लेकर जनता के शान्तिपूर्ण विरोध करने के अधिकार को माना तथा कम्पनी के निर्माण कार्य को पुलिस संरक्षण में जारी रखने का निर्देश दिया। हम साल घाटी निवासी 2003 से हुल-1 लघु जल विद्युत परियोजना के विरोध में संघर्ष करते रहे हैं। आप सब जानते हैं कि दिनांक 14.02.2010 को हमारी एक बैठक में कम्पनी के ठेकेदारों, गुण्डों व शरारती तत्वों द्वारा घातक हथियारों से हम पर हमला किया था। इस हमले में हमारे कई साथी घायल हुए। इस घटना के बाद प्रशासन ने एडीएम चम्बा की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया। इस कमेटी ने हमलावर शरारती तत्वों को कम्पनी के इशारे पर स्थानीय लोगों की चल रही शान्तिपूर्ण विरोध बैठक पर घातक हथियारों से हमला करने के लिए जिम्मेवार ठहराया तथा परियोजना को जन विरोध व कानून व्यवस्था के कारण रद्द करने की सिफारिश की।
ठीक नहीं, हिमनद पर हड़बड़ी
Posted on 31 Aug, 2012 10:16 AM

हिमनद में दरार आने से बर्फ के पहाड़ टूटते रहते हैं जिससे कई बार मुहाने में परिवर्तित हो जाता है। बर्फ की दरारों

सतलुज बचाओ जन संघर्ष समिति ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा
Posted on 31 Mar, 2012 09:54 AM सतलुज बचाओ जन संघर्ष समिति, मण्डी जिले के तहसील मुख्यालय करसोग पर एक शांतिपूर्ण रैली का आयोजन किया। मंडी जिले के लुहरी परियोजना की सुरंग प्रभावित क्षेत्र की 10 पंचायतों से बड़ी संख्या में वहां के निवासी करसोग में इकट्ठा हुए और उन्होंने उनके गांवों व परिवारों के नाम परियोजना प्रभावित परिवारों की सूचि में शामिल न किए जाने के विषय में लुहरी जल विद्युत परियोजना के प्रस्तावित मॉडल का पुरजोर विरोध व्यक्त किया।
मंडी जिले में लुहरी जल विद्युत परियोजना का विरोध करते लोग
सतलज यात्रा
Posted on 21 Feb, 2012 02:07 PM

अब हम सतलज के काफी निकट पहुंचे गए थे। उसका विशाल स्वरूप दिखने लग गया था। वह शोर करती हुई आगे बढ़ रही थी। उसका पा

लघु हिमालय के सैंज जलागम में सतही जल संसाधनों की उपलब्धता पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
Posted on 26 Dec, 2011 11:53 AM जल एक अति महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है, जिसके बिना हमारा अस्तित्व असम्भव है। आई.पी.सी.सी.
भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में सैंज जल सम्भरण की रूपरेखा
अंकीय चित्र प्रणाली द्वारा पोंग (राणा प्रताप सागर) जलाशय का तलछट आंकलन
Posted on 24 Dec, 2011 12:25 PM
जलाशयों के साथ अवसाद या तलछट का होना एक मुख्य घटक है। जो कि जलाशयों की अवधि को हानी पहुँचाता है। अवसाद कण साधारणतः दूर तक फैले आवाह क्षेत्र में नदी बहाव से हुए मृदा अपरदन प्रक्रिया से उत्पन्न होते हैं। जब नदी का बहाव जलाशय में कम होता है तो उसके साथ-साथ अवसाद भी जलाशय में जमा हो जाता है और इसकी जलधारण क्षमता को कम कर देता है। जलाशय की जलधारण क्षमता में सीमा से परे हुई क्षति हमारे मूल उद्देश्
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