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‘वाटर एंड वेस्ट वाटर’ संग्रहालय का विकास
Posted on 18 Aug, 2010 12:10 PM दिल्ली जल बोर्ड ने ‘वाटर एंड वेस्ट वाटर’ संग्रहालय के विकास के लिए राष्ट्रीय विज्ञान केन्द्र, दिल्ली के साथ एक आपसी सहमति के ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए । 200 वर्ग मीटर में फैले इस संग्रहालय को प्रगति मैदान स्थित राष्ट्रीय विज्ञान केन्द्र के परिसर में स्थापित किया जाएगा, जहां साल भर में साढ़े चार लाख दर्शक आते हैं। दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश नेगी ने बताया कि इसका मकसद दिल्ली जल बो
पानी की कहानी में विज्ञान के कुछ सच
Posted on 18 Aug, 2010 11:33 AM धरती पर पाए जाने वाले पदार्थों में पानी सबसे साधारण है, लेकिन गुणों में असाधारण एवं विशिष्ट है। इसके इन्हीं गुणों के कारण जीवन न केवल इस धरती पर अस्तित्व में आया और विकसित हुआ। हम पानी के आश्चर्यजनक गुणों को प्राय: गंभीरता से नहीं लेते। वास्तव में यह एक उत्कृष्ट विलायक है और काफी अधिक तापमान तक द्रव्य अवस्था में बना रहता है। इसे गर्म करने तथा उबालने के लिए काफी ऊष्मा की जरूरत होती है।
पानी की कल-कल और आपकी वाटिका
Posted on 18 Aug, 2010 11:13 AM
जल न केवल प्राणदायी है, बल्कि अपनी शीतलता और कल-कल ध्वनि से तन-मन को ऊर्जावान बना देता है। कैसा लगेगा, अगर आपके यहां भी एक छोटा सा जलीय उद्यान हो। कैसे बनाएं जलीय उद्यान, बता रही हैं प्रतिभा आर्य।
जल को जीवन देने वाली कुछ विधियां
Posted on 18 Aug, 2010 10:33 AM विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में भूजल स्तर नीचे जा रहा है। इसकी प्रमुख वजह मानवीय गतिविधियां, शहरीकरण और औद्योगिक इकाइयों से रासायनिक निकासी मानी गई है। जलवायु परिवर्तन भी इसकी बड़ी वजह है। दुनिया भर में जल गुणवत्ता मापन डाटा और मॉनीटरिंग की कमी के साथ इस दिशा में जन-साधारण के अज्ञान का भी पर्यावरण और जल गुणवत्ता पर असर पड़ता है। जल स्त्रोतों के संरक्षण के
मनरेगा के बाकी अर्थ
Posted on 18 Aug, 2010 08:48 AM
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) रोजगारपरक होने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और धरोहर सहेजने का प्रतीक भी बन सकती है। दुनिया की सबसे बड़ी सर्वसमावेशी विकास वाली इस महत्वाकांक्षी परियोजना को सहेजने और इसके विस्तार की जरूरत है, ताकि दूर-दराज के इलाकों का भी समग्र विकास किया जा सके। पर तसवीर तभी बदलेगी, जब केंद्र सरकार इसकी निगरानी के लिए मुकम्मल नीति बनाए। यह योजना ह
वार फॉर वाटर 31 राज्यों में शुरू होगा
Posted on 09 Aug, 2010 01:45 PM
नई दिल्ली, झांसी में कहीं कुल जनसंख्या के हिसाब से पानी कम है तो कानपुर के एक हिस्से में पानी को क्रोमियम दूषित कर रहा है। उन्नाव का एक इलाका फ्लोराइड के जहर से जूझ रहा है तो गाजियाबाद में पानी को कीटनाशक प्रदूषित कर रहे हैं।
जीन का जिन्न
Posted on 06 Aug, 2010 01:13 PM एक बार जीन बाहर आ जाए तो इसे रोकने का कोई रास्ता नहीं है।

इसका लंबे समय से डर था। सामाजिक कार्यकर्ता और सजग वैज्ञानिक इसकी चेतावनी दे चुके थे, किंतु सरकार ने आंखें मूंदे रखीं। अब डर सच साबित हो चुका है। इसने पर्यावरण प्रदूषण के एक और विनाशकारी रूप-जीन प्रदूषण पर चिंता बढ़ा दी है।

जीएम धान
अंधी आस्था से मरती नदियां
Posted on 01 Aug, 2010 10:04 PM
आस्था का सार्वजनिक प्रदर्शन पर्यावरण पर किस कदर कहर बरपाता है, इसे समझने के लिए आनेवाले दो-तीन महीने अहम होंगे। क्योंकि थोड़े दिनों बाद पूरे देश में जोर-शोर से गणेशोत्सव मनाया जाएगा, और फिर उसके बाद दुर्गापूजा का आयोजन होगा। एक मोटे अनुमान के मुताबिक,हर साल लगभग दस लाख मूर्तियां पानी के हवाले की जाती हैं और उन पर लगे वस्त्र, आभूषण भी पानी में चले जाते हैं। चूंकि ज्यादातर मूर्तियां पानी में न
कौटिल्य का अर्थशास्त्र और जल
Posted on 31 Jul, 2010 10:47 AM कौटिल्य के अर्थशास्त्र में दर्ज सूचनाओं की पुष्टि शिलालेखों और पुरातात्विक अवशेषों से होती है। चाणक्य के नाम से विख्यात कौटिल्य भारत के प्रथम सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य (321-297 ई.पू.) के मंत्री और गुरु थे। राजनीति और प्रशासन पर प्रामाणिक ग्रंथ माने गए अर्थशास्त्र की तुलना सदियों बाद के मेकियावली
ढलवां पहाड़ी या जमीन पर गिरने वाले पानी को दूर स्थित कुओं तक लाकर उनका संग्रह और उपयोग करना प्राचीन काल में जल-तकनीक संबंधी सबसे महत्त्वपूर्ण खोजों में एक था। इसकी शुरुआत ई.पू. 1000 के करीब आर्मेनिया में हुई, पर ई.पू. 300 तक यह विधि भारत में भी प्रयुक्त होने लगी थी।
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