Posted on 31 Jan, 2015 12:44 AM'एक वैश्विक मत सर्वेक्षण दर्शाता है कि भारत तथा वास्तव में सभी देश टिकाऊ विकास एवं इसके तीन आयामों- सामाजिक, आर्थिक एवं पर्यावरण के प्रति भी उतने ही प्रतिबद्ध हैं। फिर भी, आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए संसाधन की अपेक्षित मात्रा प्राप्त करने के सन्दर्भ में चुनौतियाँ भी विकट हैं। जनता के बीच वाद-विवाद में जलवायु विज्ञान को महत्वपूर्ण स्थान देना सही है। जहाँ जलवायु विज्ञान अनिश्चितताओं का सामना
Posted on 24 Jan, 2015 09:33 PMयोजना का जनवरी 2012 विशेषाँक हमने बारहवीं पंचवर्षीय योजना की दृष्टि पर केन्द्रित किया था। किन्तु एक विशेषाँक के कलेवर में समूची पंचवर्षीय योजना का सम्यक विवेचन सम्भव नहीं है। साथ ही इस विशेषाँक ने अनेक विद्वानों को अपनी राय प्रकट करने के लिए भी आन्दोलित किया। ऐसे महत्वपूर्ण आलेखों-प्रतिक्रियाओं को हम योजना के आगामी अंकों में प्रकाशित करते रहेंगे। इस शृंखला की दूसरी कड़ी के रूप में यहाँ वरिष्ठ अ