Posted on 10 Mar, 2015 07:28 AMधरती संकट में है। इंसान ने अपने कर्म से अपने और अपनी भावी पीढ़ियों के भविष्य को खतरे में डाल लिया है। दुनियाभर में चिन्ता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। एक सवाल हम सब के समक्ष है कि क्या हम खुद और अपनी आने वाली पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? जवाब स्पष्ट है— अगर हम अब भी नहीं सम्भले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती जा रही है।
Posted on 07 Mar, 2015 06:53 AMपीवी राजगोपाल एक ऐसा नाम है जिन्हें भूमिहीनों को उनकी जमीन के हक के लिए जाना जाता है। वह कई सालों से गरीबों की लड़ाई लड़ रहे हैं। राजगोपाल के नेतृत्व में यूपीए सरकार के समय भूमिहीनों के हित के लिए आन्दोलन शुरू हुआ था। तब सरकार ने उनकी माँगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। लेकिन वायदा पूरा नहीं किया। उन्हीं माँगों को लेकर एक बार फिर से अब आन्दोलन कर रहे हैं। इस मुद्दे पर उनसे रमेश ठाकुर ने बातची