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तो क्या अब यमुना में डुबकी लगा पाएंगे
Posted on 21 Jun, 2011 09:48 AM नई दिल्ली (प्रसं)। गंदगी से बजबजाती यमुना के पानी को भले ही आप छूने को भी तैयार नहीं हों लेकिन अब आप इसमें डुबकी लगाने को तैयार हो जाइए। दिल्ली जल बोर्ड का यह दावा है कि अगले तीन-चार वर्षों में इस नदी के पानी को इतना साफ कर दिया जाएगा कि लोग इसमें आराम से नहा-धो सकेंगे। इसके पानी से खेती भी की जा सकेगी, अलबत्ता यह पीने के योग्य बिल्कुल नहीं होगा।
यमुना को बचाना होगा
Posted on 18 Jun, 2011 04:20 PM

यमुना के प्रदूषण को लेकर संत-महात्माओं, किसानों और समाजसेवी संगठनों द्वारा वृहद आंदोलन, जनजागरण और धरना-प्रदर्शन अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन प्रदेश व केंद्र की सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। यह आंदोलन सामाजिक संस्थाओं द्वारा चलाया जा रहा है। लोगों का कहना है कि यमुना बचाओ आंदोलन सत्ताधारियों का ढकोसला मात्र है। यमुना प्रदूषण को लेकर नेताओं की दिलचस्पी केवल आगामी चुनाव तक है। इस संबंध म

पानी नहीं बचा तो तय बर्बादी
Posted on 16 Jun, 2011 10:02 AM

यदि हम पानी की बर्बादी को तत्काल नहीं रोकेंगे तो खुद बर्बाद हो जाएंगे क्योंकि देश के अधिसंख्य इलाकों में भूगर्भ जल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है, लिहाजा ग्राउण्ड वॉटर की समस्या खड़ी हो रही है। तमाम जगहों पर बढ़ते जल प्रदूषण से भी आम लोगों की दुश्वारियां बढ़ रही हैं। इसलिए चिंतन की आवश्यकता है कि पानी को कैसे बचाया जाए और पानी को बर्बाद होने से कैसे रोका जाए?

प्रकृति की पूजा तो करते हैं पर संरक्षण नहीं
Posted on 13 Jun, 2011 09:44 AM

वह अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए मशहूर हैं। कैबिनेट मंत्री का ओहदा होने के बावजूद वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश की छवि पर्यावरण कार्यकर्ता जैसी बन गई है। वह शायद पहले ऐसे मंत्री हैं, जिनसे पर्यावरण का सवाल उठाने वाले लोगों, संगठनों और एनजीओ को सबसे ज्यादा उम्मीद है। वह एक साथ जंगलों के सफाये से पैदा हुई समस्या से लेकर उद्योगों के प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिग जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। विश्व

यमुना के लिए लड़नी होगी लंबी लड़ाई
Posted on 11 Jun, 2011 03:46 PM

यमुना के बारे में इतना कुछ कहा और लिखा गया है कि अब पूरे देश को इसकी दुर्दशा और इसके कारणों का

यमुना बचाओ आन्दोलन
Posted on 11 Jun, 2011 03:28 PM

यमुना नदी की हिन्दू जीवन में क्या महत्व है, भक्त के मन में क्या सार्थकता है, यह सब हम अच्छी तरह जानते है । यमुना नदी के बिना ना तो हम बृज की कल्पना कर सकते हैं ना ही कृष्ण लीला का रसास्वादन कर सकते हैं । कालिया दहन , चीर हरण , रास लीला, माँ यशोदा द्वारा ब्रहमांड दर्शन , बाल गोपाल की क्रीडा लीला आदि अनेकानेक लीलाएँ यमुना जी के तीर पर हुई हैं । आज भी भक्तजन वेणु कि मधुर ध्वनी यमुना तट पर सुनते है

दर्द की दो रेखाएं
Posted on 10 Jun, 2011 09:28 AM

हाल के दो सर्वेक्षण बताते हैं कि अब गंगा का पानी कई जगहों पर नहाने के लायक़ भी नहीं रह गया है और यमुना में ऑक्सीजन की मात्रा बेहद कम हो गयी है। बाक़ी नदियों का हाल भी बुरा है। काशी से तन-मन की शुद्धि की धारणा पर विश्वास करने वालों को सदमा लग सकता है कि काशी की डुबकी उन्हें बीमार कर सकती है। काशी ही नहीं, अब अधिकतर जगहों पर गंगा का पानी नहाने के लायक भी नहीं रह गया है। यह किसी गंगा-प्रेमी की चिं

प्रदूषण की भेंट चढ़ती गंगा
Posted on 09 Jun, 2011 11:13 AM

पिछले कुछ वर्षों में गंगा को स्वच्छ बनाने हेतु अनेक परियोजनाएं लागू की गई हैं लेकिन इसका प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा हैं। गंगा के प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाई कोर्ट भी अनेक बार दिशा-निर्देश जारी कर चुके हैं लेकिन इस बाबत अभी तक नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा है। गौरतलब है कि गंगा के किनारे अनेक शहर, कस्बे और गांव स्थित हैं। प्रतिदिन इस आबादी का लगभग 1.3 बिलियन लीटर अपश

मानसून और मेघदूतों से टूटता रिश्ता
Posted on 09 Jun, 2011 10:45 AM

तीन पैसे में सौ लीटर पानी कंपनियों को प्राप्त हो रही हैं, और हमसे कंपनियां एक लीटर का 15 रुपए वसूल कर रहीं हैं। मुनाफे के इस कारोबार के खिलाफ कोई आवाज सुनाई नहीं देता

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