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मानसून की भविष्यवाणी
Posted on 02 May, 2011 04:25 PM हिंद महासागर और अरब सागर की तरफ से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आने वाली हवाओं को मानसून कहते हैं। ये हवाएं दक्षिण एशिया में जून से सितंबर तक लगभग चार महीनों तक सक्रिय रहती हैं। इस तरह के मानसून को दक्षिणी-पश्चिमी ग्रीष्मकालीन मानसून कहते हैं। इसके अलावा दक्षिण एशिया में दिसंबर से मार्च तक पूर्वोत्तर मानसून भी आता है।
monsoon
यमुना आंदोलन के प्रति सरकार ने दिखाई बेरुखी
Posted on 02 May, 2011 11:02 AM

नई दिल्ली। सूखी यमुना में पर्याप्त पानी छोड़े जाने की मांग को लेकर पिछले दो महीने से चल रहा आंदोलन आखिरकार एक मई को समाप्त हो गया। अहम मामलों पर सरकार की बेरुखी रविवार को एक बार फिर उस समय सामने आई जब धरने पर बैठे संतों व किसानों से मिलने उसका कोई नमुाइंदा आगे नहीं आया और बगैर किसी नतीजे के आंदोलन का पटाक्षेप हो गया। हालांकि, इस आंदोलन के समर्थन में रविवार को देश के कुछ अन्य हिस्सों में बुद्धिज

आंदोलनकारी किसान
दिल्ली, मथुरा-वृन्दावन व मुंबई में 1 मई को प्रदर्शन
Posted on 30 Apr, 2011 09:20 AM हथिनीकुंड और वजीराबाद में यमुना के साथ हो रहे मजाक से चिंतित धरनारत किसान व साधु-संतों ने कड़ी रणनीति तैयार कर ली है। यमुना की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध 2 मार्च से इलाहबाद से शुरू यमुना बचाओ अभियान ने उत्कृष्ट रूप ले लिया है। इसके समर्थन में देश के तीन मुख्य हिस्सों में 1 मई को प्रदर्शन होने जा रहा है।

1. दिल्ली में जंतर-मंतर पर करीब 5000 किसानों व साधु-संतों की महापंचायत।
गंगा की 7,000 करोड़ से होगी सफाई
Posted on 29 Apr, 2011 11:13 AM नई दिल्ली। गंगा नदी की सफाई के लिए 7,000 करोड़ रुपए की परियोजना मंजूर की गई है। इसे राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण लागू करेगा। इसमें 5,100 करोड़ रुपए केंद्र सरकार और शेष 1,900 करोड़ रुपए उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारें वहन करेंगी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में इसे मंजूरी दी गई। विश्व बैं
जंतर मंतर पर महापंचायत की तैयारी
Posted on 29 Apr, 2011 09:21 AM

देश के सभी भागों से भारी समर्थन गृह मंत्रालय द्वारा गठित समिति का वज़ीराबाद दौरा - एक और विफलता

यमुना को देख छलके आंसू
Posted on 28 Apr, 2011 08:56 AM

खिजराबाद (यमुनानगर)। यमनोत्री से वृंदावन तक सीधे यमुना का पानी मांग रहा यमुना बचाओ आंदोलन का दल बुधवार को यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज तक पहुंच गया। इलाहाबाद से तीन मार्च को चले दल के लोग जब यहां पहुंचे तो यमुना नदी की हालत देखकर उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। यमुना बचाओ आंदोलन के सदस्यों ने बताया कि जो पानी हमें वृंदावन में मिल रहा है, वह यमुना का नहीं है। उसे तो हथिनीकुंड में कैद कर लिया। हमें

यमुना में छोड़े जा रहे पानी की जांची जाएगी मात्रा
Posted on 27 Apr, 2011 09:59 AM सरकार के नुमाइंदे और यमुना बचाओं आंदोलन के सदस्य करेंगे सरकारी दावों की परख, मांग पूरी नहीं किए जाने पर आंदोलनकारियों ने दी एक मई को जंतर-मंतर पर किसान नई दिल्ली। महापंचायत करने की चेतावनी।
यमुना
Posted on 26 Apr, 2011 09:52 AM

कहा जाता है कि पहले यमुना घग्गर की सहायक नदी थी। इसे वैदिक सरस्वती के नाम से भी जाना जाता था। इसे सप्त सिन्धु सात झरने, स्रोत भी कहते थे एक बड़ी प्राकृतिक घटना (टेक्टोनिक) में यमुना ने रास्ता बदला और यह गंगा की सहायक नदी बन गई। आज गंगा-यमुना का व्यापक विशाल क्षेत्र है।

यमुना को यमी नाम से जाना जाता है। यमुना, जमुना, जुमना, जमना आदि नाम से भी इसी पुकारते हैं। कालिंद पर्वत से निकलने के कारण इसको कालिंदी भी कहा जाता है। इसका पानी नीला, श्यामल है जो काला दिखता है। इसलिए भी इसे कालिंदी कहते हैं। यमुना के पिता तेजस्वी सूर्य भगवान तथा माता विश्वकर्मा की पुत्री ‘संजना’ है। यमुना सूर्यवंशी हैं तथा इसका भाई यम मौत का देवता है। यमुना और यम दोनों भाई बहनों में अगाध, प्रगाढ़ प्रेम रहा है। इसका एक कारण यह भी माना जाता है कि माता संजना अपने पति तेजस्वी सूर्य का तेज बर्दाश्त नहीं कर पा सकीं इसलिए अपनी छाया पैदा करके स्वयं दूर चली गई। ऐसे में दोनों भाई-बहनों ने एक दूसरे का खूब ख्याल रखा तथा परस्पर इनका प्रेम और प्रगाढ़ हो गया। यमुना बहन और यम भाई के परस्पर प्रगाढ़ प्रेम की याद में ही“भैया दूज” का पर्व, त्यौहार, उत्सव मनाया जाता है।
नदियों को बचाने में सरकार की विफलता पर सवाल
Posted on 26 Apr, 2011 09:16 AM नई दिल्ली। यमुना के संरक्षण और स्वच्छता की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर धरना दे रहे किसान और साधु-संत सरकार के रवैये से काफी क्षुब्ध नजर आ रहे हैं। उनका सीधा सवाल है कि आखिर सरकार किसके दबाव में आकर अब तक इस निर्णय को क्रियान्वित नहीं कर पा रही है। उनकी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सरकार जल्द से जल्द माने और यमुना में पानी छोड़े। इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि सरकार इस भ्रम में न
यमुना आंदोलनकारियों के समर्थन में जुटा साधु समाज
Posted on 25 Apr, 2011 09:13 AM

नई दिल्ली.जंतर-मंतर पर यमुना में अविरल निर्मल जलधारा के लिए आंदोलनरत साधु संतों व किसानों का समर्थन करने के लिए वृंदावन व हरिद्वार से संत-महंतों का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा। सरकार के लिखित वायदे के बावजूद हथनी कुंड बैराज से अभी तक पानी न छोड़े जाने पर साधु-संतों ने गहरा रोष जताया। कालिका पीठ व अखिल भारतीय संत समिति, दिल्ली के अध्यक्ष सुरेंद्र नाथ अवधूत ने कहा कि शुक्रवार को जंतर-मंतर पर होने वाला व

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