रोहित कौशिक

रोहित कौशिक
बाढ़ के भँवर में देश
Posted on 20 Aug, 2016 12:32 PM

बाढ़ और सूखा पुराने जमाने से ही हमारे जीवन को परेशानी में डालते रहे हैं। बाढ़ और सूखा केवल प्राकृतिक आपदाएं भर नहीं हैं, बल्कि ये एक तरह से प्रकृति की चेतावनियाँ भी हैं। सवाल यह है कि क्या हम पढ़-लिख लेने के बावजूद प्रकृति की इन चेतावनियों को समझ पाते हैं।
मुश्किल दौर में बाघ
Posted on 08 Feb, 2015 12:54 PM
बाघ या शेर जैसे वन्य जीवों को बचाने की किसी भी योजना में उस आदिवासी
संकट में जैवविविधता
Posted on 08 Jan, 2013 03:47 PM
भारत में जिन पक्षियों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है उनमें उपरोक
प्रदूषण की भेंट चढ़ती गंगा
Posted on 09 Jun, 2011 11:13 AM

पिछले कुछ वर्षों में गंगा को स्वच्छ बनाने हेतु अनेक परियोजनाएं लागू की गई हैं लेकिन इसका प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा हैं। गंगा के प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाई कोर्ट भी अनेक बार दिशा-निर्देश जारी कर चुके हैं लेकिन इस बाबत अभी तक नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा है। गौरतलब है कि गंगा के किनारे अनेक शहर, कस्बे और गांव स्थित हैं। प्रतिदिन इस आबादी का लगभग 1.3 बिलियन लीटर अपश

जलवायु परिवर्तन की बाढ़
Posted on 04 Jan, 2011 09:12 AM

हाल में पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गयी है कि 2030 तक देश को जलवायु परिवर्तन के गम्भीर परिणाम भुगतने होंगे

'भारत पर जलवायु परिवर्तन का असर' नामक यह रिपोर्ट पर्यावरण और वन राज्य मंत्री जयराम रमेश, प्रोद्यौगिकी मंत्री कपिल सिब्बल और जाने-माने वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन ने जारी की। इस रिपोर्ट में भारत के हिमालय, पश्चिमी घाट, तटवर्ती क्षेत्र और पूर्वोत्तर क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के कारण कृषि, पानी, स्वास्थ्य और वन क्षेत्रों पर वर्ष 2030 तक पड़ने वाले असर का अध्ययन किया गया है।
पुनर्जीवित होती 'एक नदी' | River rejuvenation
जाने काली नदी को कैसे पुनर्जीवित किया गया। | Get information about Kali River rejuvenation.
Posted on 08 Jan, 2024 01:23 PM

हमारे देश में एनजीओ और आम जनता द्वारा छोटी-छोटी नदियों को बचाने के प्रयास बहुत कम हुए हैं। इस वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस के अवसर पर ऐसे प्रयासों की चर्चा हमें एक प्रेरणा दे सकती है। दरअसल नदियों के किनारे अनेक सभ्यताएं विकसित हुई है। नदियां जहां एक और हमारी आस्था से जुड़ी हुई हैं वहीं दूसरी ओर हमारी अनेक मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। पुराने जमाने

पुनर्जीवित होती 'एक नदी'
पेड़-पौधों से स्वास्थ्य
Posted on 11 Apr, 2015 08:01 AM
प्राचीन समय से ही भारतीय समाज पेड़-पौधों के माध्यम से विभिन्न रोगों
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