रंजीत

रंजीत
ब्रह्मपाश में ब्रह्मपुत्र
Posted on 25 Apr, 2012 12:32 PM
भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की जीवनरेखा ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा बांध बनाए जाने के बाद ब्रह्मपुत्र नदी में पानी का लेवल गिर गया है कही-कहीं तो ब्रह्मपुत्र नदी को पैदल ही पार किया जा रहा है। चीन के द्वारा बांध की वजह से भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के किसान और मछुआरों का जीवन संकट में आ गया है। इसी आने वाली संकट के बारे में बताती रंजीत की रिपोर्ट
पर्यावरण के सौदागर
Posted on 19 Mar, 2012 09:58 AM

ग्लिक का अनुमान सही साबित हो रहा है। लीक दस्तावेजों से पर्यावरण विरोधी लॉबी के षड़यंत्रों और गुप्त एजेंडे का पर्

एक सवारी भविष्य के लिए
Posted on 08 Aug, 2011 02:09 PM

पर्यावरण और सेहत के लिए फ़ायदेमंद साइकिल की सामुदायिक संस्कृति कई देशों में बहुत लोकप्रिय है लेकिन भारत में योजना बनने के बावजूद उस पर अमल होना कठिन लगता है। अगर शहरों में रहने वाले पांच प्रतिशत लोग भी रोजाना की भागदौड़ में साइकिल का इस्तेमाल करें तो साल में पांच हजार करोड़ रुपये का पेट्रोलियम बचाया जा सकता है और इस तरह तकरीबन 200 लाख टन ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन रोका जा सकता है।' यह केंद्रीय

साइकिल की सवारी पर्यावरण के लिए बेहतर
भारत में घटते संसाधन
Posted on 08 Aug, 2011 01:47 PM

द मिलेनियम प्रोजेक्ट की रिपोर्ट में भविष्य की चुनौतियों के लिहाज से भारत की स्थिति को विकासशील देशों में सबसे गंभीर माना जा रहा है। द मिलेनियम प्रोजेक्ट की रिपोर्ट में जिन समस्याओं को भारत के भविष्य के लिए सबसे गंभीर चुनौती माना गया है उनमें बढ़ती आबादी के कारण संसाधनों की कमी का संकट (जिसमें जल संकट प्रमुख है), आंतरिक अशांति, गरीबी-अमीरी की बढ़ती खाई का संकट और भ्रष्टाचार प्रमुख हैं। रिपोर्ट म

बारिश, बाढ़ और लोग
Posted on 26 Jul, 2011 08:31 AM

वर्षा ठेठ हिंदुस्तानी ॠतु है, जिसका इंतज़ार साल भर रहता है लेकिन अब यह एक कठोर ॠतु में बदल गयी है जिसमें साधारण जन पानी से लड़ते हुए ज़िंदगी की राह बनाते हैं। पावस ठेठ हिंदुस्तानी ॠतु है। एक ऐसा मौसम, जिसका इंतजार देश के किसानों से लेकर खेतों और पक्षियों तक को रहता है। प्राचीन साहित्य हो या लोक संस्कृति, जितनी रचनाएं वर्षा पर केंद्रित हैं, उतनी किसी और ॠतु पर नहीं। यहां तक कि वसंत जैसी फूलों की

बाढ़ की वजह से नाव पर स्कूल जाते बच्चे
एक और कुसहा का इंतजार?
Posted on 24 Jun, 2011 11:54 AM

नेपाल सरकार के विरोध के कारण कोसी में पायलट चैनल का निर्माण ठप है। अगर गतिरोध दूर नहीं हुआ तो कोसी एक बार फिर कुसहा की प्रलय-कथा को दोहरा सकती है। एक बार फिर कोसी नदी में सब कुछ उसी तरह हो रहा है जैसे तीन साल पहले हुआ था। नेपाल के सप्तरी जिले में भीमनगर कोसी बैराज के अधिकारियों से मिली सूचना के मुताबिक, इस बार मानसून से पहले ही कोसी मैया ने पूर्वी तटबंध पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है। बैराज के

दर्द की दो रेखाएं
Posted on 10 Jun, 2011 09:28 AM

हाल के दो सर्वेक्षण बताते हैं कि अब गंगा का पानी कई जगहों पर नहाने के लायक़ भी नहीं रह गया है और यमुना में ऑक्सीजन की मात्रा बेहद कम हो गयी है। बाक़ी नदियों का हाल भी बुरा है। काशी से तन-मन की शुद्धि की धारणा पर विश्वास करने वालों को सदमा लग सकता है कि काशी की डुबकी उन्हें बीमार कर सकती है। काशी ही नहीं, अब अधिकतर जगहों पर गंगा का पानी नहाने के लायक भी नहीं रह गया है। यह किसी गंगा-प्रेमी की चिं

बांस की व्यथा कथा
Posted on 01 Jun, 2011 11:32 AM

पर्यावरणविद् इसे 'हरा सोना' भी कहते हैं । बांस उच्च मात्रा में जीवनदायी ऑक्सीजन गैस का उत्सर्जन

खेत को खाती खाद
Posted on 13 Oct, 2011 04:57 PM

दो दशक पहले तक देश की कृषि पर्यावरण अंसतुलन की मार से बची हुई थी, लेकिन अब जंगलों की अंधाधुंध क

fertilizer mill
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