तो क्या अब यमुना में डुबकी लगा पाएंगे

नई दिल्ली (प्रसं)। गंदगी से बजबजाती यमुना के पानी को भले ही आप छूने को भी तैयार नहीं हों लेकिन अब आप इसमें डुबकी लगाने को तैयार हो जाइए। दिल्ली जल बोर्ड का यह दावा है कि अगले तीन-चार वर्षों में इस नदी के पानी को इतना साफ कर दिया जाएगा कि लोग इसमें आराम से नहा-धो सकेंगे। इसके पानी से खेती भी की जा सकेगी, अलबत्ता यह पीने के योग्य बिल्कुल नहीं होगा।

यमुना की सफाई का अभियान आगामी अगस्त महीने से शुरू होने की संभावना है। इंटरसेप्टर सीवर बिछाकर इस नदी में गिरने वाले तीन प्रमुख नालों के पानी को सीवर ट्रीटमेंट संयंत्रों में साफ करने के बाद नदी में डाला जाएगा। माना जा रहा है कि इससे नदी के प्रदूषण स्तर में बहुत कमी आएगी।

जल बोर्ड का दावा


• तीन-चार वर्षों में नदी को साफ कर देंगे
• अगस्त से शुरु हो जाएगा नदी की सफाई

दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश नेगी ने सोमवार को बताया कि इंटरसेप्टर सीवर योजना के लिए निकाले गए टेंडर में 18 बड़ी कंपनयिों ने हिस्सा लिया। आखिर कर उन छह कंपनियों का चुनाव कर लिया गया है जो यमुना इंटरसेप्टर सीवर योजना पर काम करेंगी। ये सभी छह कंपनियां छह स्थानों पर काम करेंगी ताकि जल्दी से जल्दी इस काम को पूरा किया जा सके। उन्होंने केन्द्रीय वन व पर्यावरण मंत्री द्वारा कुछ महीनों पहले दिए गए बयान को दोहराते हुए कहा कि वर्ष 2015 तक यमुना साफ हो जाएगी। इस पूरी योजना पर करीब 1800 करोड़ रुपए खर्च किए जाने की संभावना है। इसमें से केंन्द्र सरकार 476 करोड़ रुपए जेएनएनयूआरएम योजना के तहत भुगतान करेगी जबकि बाकी राशि दिल्ली सरकार अपने खजाने तथा कर्ज लेकर जुटाएगी।

श्री नेगी ने बताया कि केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार यमुना का बीओडी स्तर फिलहाल 40 पीपीएम है। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार के पर्यावरण कानून के तहत इसे 20 से ज्यादा नहीं होना चाहिए लेकिन सफाई के बाद नदी में बीओडी का यह स्तर 10 से 12 पीपीएम रह जाएगा। जाहिर है कि इसके बाद यमुना के पानी में नहाना-धोना और इस पानी से खेती करना संभव हो सकेगा। दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि इंटरसेप्टर सीवर शाहदरा, नजफगढ़ व सप्लीमेंट्री नालों के समानांतर लगाए जाएंगे। लेकिन जानने वाली बात यह है कि इन तीन नालों से होकर शहर के 160 नालों का पानी बहता है। उन्होंने बताया कि इन तीन नालों के साथ इंटरसेप्टर सीवर बिछाने के अलावा यमुना में गिरने वाले बाकी 17 अन्य नालों के गंदे पानी को रिंग रोड ट्रंक सीवर में डालकर ओखला सीवर ट्रीटमेंट संयंत्र में ले जाकर साफ किया जाएगा। इसके अलावा 2.2 एमजीडी सीवर की सफाई करने वाले दिल्ली गेट के सीवर ट्रीटमेंट संयंत्र की क्षमता को बढ़ाकर 17 एमजीडी किया जा रहा है।

Path Alias

/articles/tao-kayaa-aba-yamaunaa-maen-daubakai-lagaa-paaengae

Post By: Hindi
Topic
×