Posted on 09 Mar, 2013 12:19 PMयोगीराज कृष्ण की भूमि मथुरा से शुरू हुआ यमुना बचाओ आंदोलन नियोजित न होकर स्वतः स्फूर्त है। आंदोलन में कश्मीर से कन्याकुमारी तक के पुरुष हैं। महिलाएं हैं, किसान है, व्यापारी है, शहर है, गांव है। और इन सबके लिए यमुना जीवन-मरण का प्रश्न है। 52 वर्षीय सियाराम यादव इलाहाबाद की फूलपुर तहसील के जगतपुर गांव से चलकर आए हैं।
Posted on 09 Mar, 2013 11:43 AMयमुना मुक्ति यात्रा के तहत आंदोलनकारी दिल्ली पहुँचकर संसद और जंतर-मंतर का घेराव करेंगे। कहना है आंदोलन का एक अहम हिस्सा भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव राजेंद्र प्रसाद शास्त्री का उन्होंने कहा कि दिल्ली पहुंचने पर हमारे साथ लाखों का कारवाँ होगा। केंद्र सरकार को हमारे सामने झुकना ही होगा। आंदोलनकारी इस बार केंद्र सरकार को यमुना में पानी की अविरल प्रवाह के लिए मजबूर करेंगे। यमुना तो मात्र प
Posted on 09 Mar, 2013 11:28 AMयमुना मुक्ति यात्रा केवल धर्म और धार्मिकता का सवाल नहीं है। ऐसा नहीं है कि इसकी चिंता सिर्फ धर्म और आध्यात्म से जुड़े लोगों को हो। यमुना में बढ़ते प्रदूषण और गिरते भूजलस्तर को समझने वाले वे चाहे किसान हों, खेतीहर मजदूर हों, या फिर वकिल, व्यापारी, कॉलेज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर। यमुना सबके लिए चिंता का विषय है। दुनिया की नामी-गिरामी साफ्टवेयर कंपनी इंफ़ोसिस में काम करने वाले धर्मिन पहले दिन से इस या
Posted on 08 Mar, 2013 04:26 PMएक अच्छा विचार केवल एक इंसान के ही जिंदगी की दशा और दिशा ही नहीं बदलता वरन् समूह में एक साथ कई लोगों की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, धार्मिक, वैचारिक दशा सुधारने एवं जीवन में गतिमयता, प्रवाहमयता लाने में सकारात्मक भूमिका निभा सकता है। इस बात का जीता-जागता सबूत है महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले की श्रीमती निर्मला गिरीश कान्दड़गांवकर देशपांडे। इन्होंने विवाह पश्चात लगभग दो दशकों तक घर-परिवार की ज़िम्मेदा
Posted on 07 Mar, 2013 11:52 AMसाढ़े चार हजार करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी यमुना नदी की हालत बीते दो दशकों में ज्यादा खराब हुई है। विशेषज्ञ व पर्यावरणविदों का मानना है कि यमुना की दुर्दशा की असल वजह यमुना बेसिन के राज्यों के बीच नदी जल बँटवारे का वह करार है जो 1994 में हुआ था। इस करार के तहत पांच राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान व दिल्ली ने तय किया कि वे
Posted on 07 Mar, 2013 11:16 AMपूरा विश्व लगातार हो रहे पर्यावरणीय परिवर्तनों को लेकर चिंतित है। खतरे में पड़ी प्रजातियों की सूची में लगातार इज़ाफा हो रहा है, ऐसे में पूरी दुनिया में वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन के लिए काम करने वाले विशेषज्ञों की मांग बढ़ती जा रही है। बढ़ती हुई इस मांग ने इस क्षेत्र को कॅरिअर के एक बेहतर विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया है। आने वाले सालों में रिसर्च से लेकर फील्ड में बेहतर माहौल तैयार करने के लिए दुनिय
Posted on 07 Mar, 2013 10:13 AMखुद का मैं नीर बहूं गन्दी नदियों में , साफ सी नदियां लाओ ना मै पानी हूँ लेकिन मेरी अब तक कोई शक्ल नही है नाम कोई इंसा सा दे दो ,शक्ल कोई इंसा सा दे दो मेरा कोई रंग नही है पर मै हर रंग में रंग जाता हूँ तुम भी अब मेरी ही तरह से पानी क्यों नही बन जाते हो रिश्ते सा कुछ रख भी लो मुझको, खून सा अब कर लो मुझको तुमने पाले तोते, कबूतर, पानी पाल दिखाओ ना
Posted on 06 Mar, 2013 10:50 AMतीन-चौथाई की प्यास बुझाने वाली यमुना की हालत खस्तादिल्ली की तीन चौथाई आबादी की प्यास बुझाने वाले यमुना नदी की हालत बेहद खराब है। वजीराबाद से आगे निकलते ही यमुना नाले जैसी दिखाई देती है। दिल्ली की 50 फीसदी से ज्यादा गंदा पानी यमुना में बिना ट्रीटमेंट के बहाया जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सुप्रीम कोर्ट को इस बारे में रिपोर्ट देने के बाद भी यमुना की बदहाली में कोई सुधार नहीं हो रहा ह