दिल्ली

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स्वामी सानंद के उपवास को समर्थन क्यों?
Posted on 26 Feb, 2013 10:40 PM सानंद जी का निर्णय भले ही एकल हो किन्तु वह सरकारी कार्यनीति पर कड़
नीर फ़ाउंडेशन को मिला 2012-2013 का वाटर डाइजेस्ट अवार्ड
Posted on 23 Feb, 2013 11:47 AM नीर फ़ाउंडेशन को वर्ष 2012-2013 का वाटर डाइजेस्ट अवार्ड मिला है। यह पुरस्कार वाटर डाइजेस्ट व यूनेस्को द्वारा दिया गया है।
क्या जी. डी. को मर जाने दिया जाए
Posted on 22 Feb, 2013 11:39 AM सबसे बड़ा ताज्जुब तो इस बात का है कि उस गंगा सेवा अभियानम् ने भी इ
swami gyanswaroop sanand
दिल्ली जलबोर्ड में फर्जीवाड़े का ट्रीटमेंट प्लांट
Posted on 19 Feb, 2013 10:22 AM

अरविंद केजरीवाल ने सोनिया विहार वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर खड़े किए सवाल

भूजल में बढ़ रहे खतरनाक प्रदूषण पर चिंता जताई
Posted on 19 Feb, 2013 10:17 AM

एक तरफ दिल्ली का भूजल खतरनाक ढंग से जहरीला हो रहा है तो दूसरी तरफ दिल्ली की लाइफ लाइन कही जाने वाली यमुना नदी का

समावेशी विकास का नया मंत्र
Posted on 16 Feb, 2013 10:31 AM आने वाले दस साल में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार को बनाए रखने के लिए देश की बिजली उत्पादन की क्षमता 300,000 मेगावाट हो जानी चाहिए और इसके लिए जरूरी है कि जल-विद्युत परियोजनाओं की तादाद ज्यादा बढ़े। ज्यादातर बांध जैव-विविधता वाले क्षेत्रों में बनेंगे, इसलिए विशेषज्ञों का अनुमान है कि इलाके में जैव-विविधता घटकर एक तिहाई रह जाएगी और वनों के आकार में तकरीबन 1700 वर्ग किलोमीटर की कमी आएगी। लोगों की जीविका या संस्कृति के नाश या फिर विस्थापन की बात तो खैर है ही। वन और पर्यावरण मंत्रालय के बारे में उद्योग-जगत की आम धारणा है कि वह पर्यावरण पर होने वाले नुकसान के आकलन की आड़ में परियोजनाओं की मंजूरी में अड़ंगे लगाता है। उद्योग-जगत की इस राय से प्रधानमंत्री भी सहमत हैं। बीते नवंबर महीने में मंत्रिमंडल में नए चेहरे शामिल हुए तो उसके आगे प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की प्राथमिकताओं को दोहराते हुए कहा था कि वित्तीय घाटा देशी और विदेशी निवेश की राह रोक रहा है और निवेश की राह में खड़ी बाधाओं में एक नाम उन्होंने 'एन्वायरनमेंटल क्लियरेंस' का भी गिनाया था। ऐसा कहते समय निश्चित ही प्रधानमंत्री की नजर में वन और पर्यावरण मंत्रालय से जुड़ीं वे समितियां रही होंगी, जिनका गठन मंत्रालय ने 2006 की एक अधिसूचना के बाद किया था। यह अधिसूचना पर्यावरण सुरक्षा अधिनियम 1986 के तहत जारी की गई। अधिसूचना के केंद्र में पर्यावरण की सुरक्षा की चिंता तो थी ही, एक कोशिश 'विकास' की धारणा को समग्रता में देखने की भी थी और इसी के अनुकूल जारी अधिसूचना के उद्देश्य बड़े महत्वाकांक्षी थे।
पेस्टीसाइड्स कंपनियों के साथ धंधा करने वाले लोग
Posted on 12 Feb, 2013 12:16 PM सीएसई द्वारा पेस्टीसाइड्स और जहरीले रसायनों के ऊपर जो अध्ययन जारी है उससे पेस्टीसाइड्स कंपनियों को बहुत बड़ा झटका लगा है। सीएसई द्वारा अपने अध्ययन में पेस्टीसाइड के ज़हरीला साबित होने से पेस्टीसाइड्स कंपनियां सीएसई के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस से लेकर एनजीओ स्तर के विरोध का सहारा ले रही हैं। पेस्टीसाइड्स से न केवल हमारे शरीर को नुकसान पहुंच रहा है बल्कि इससे हवा, पानी और ज़मीन भी ज़हरीली होती जा र
ग़रीबों का चूल्हा और पर्यावरण
Posted on 12 Feb, 2013 11:20 AM चूल्हे से निकलने वाला काला कार्बन अब पर्यावरणवादियों की चिंता में आ चुका है। तरह-तरह के नये चूल्हे बनाये जा रहे हैं जिनसे कम कार्बन निकले और खाना बनाने वाले की सेहत भी ठीक रहे। एक समय था जब यह धारणा फैलाई गई कि गरीब लोग खाना बनाने के लिए लकड़ी जलाते हैं और इसी से जंगलों का नुकसान हो रहा है। साथ ही चूल्हे से जो धुआँ और कालिख उठती है उससे महिलाओं में कैंसर का खतरा बढ़ता है। अमीर लोगों द्वारा किया
पर्यावरण आंदोलन की चुनौतियाँ
Posted on 12 Feb, 2013 10:47 AM एक ओर तो प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग की सघनता बढ़ रही है, जिससे अध
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