डॉ. मनोज चतुर्वेदी एवं डॉ. प्रेरणा चतुर्वेदी
डॉ. मनोज चतुर्वेदी एवं डॉ. प्रेरणा चतुर्वेदी
गंगा जल की आणविक संरचना आंतरिक शक्ति का द्योतक है -प्रो. उदयकांत चौधरी
Posted on 20 Mar, 2013 12:04 PMनदियां केवल हमारी धार्मिक आस्था ही नहीं बल्कि मानव सभ्यता के प्रारंभिक इतिहास से ही मानव का जीवन रही है। जब धरा पर भयंकर दुर्भिक्ष पड़ा था उस वक्त भागीरथ मुनि की कठोर तपस्या ने मां गंगा को स्वर्ग से धरती पर आने के लिए विवश कर दिया। लेकिन स्वर्ग से पृथ्वी पर गिरती प्रचंड धारा को सहन करना संभव न था। यह उस वक्त की सबसे बड़ी समस्या थी कि प्रचंड वेग को धारण कौन करेगा?मेरे लेखन और कला का केवल विषय रहा है नर्मदा - अमृतलाल बेगड़
Posted on 20 Mar, 2013 12:01 PMवर्तमान युग की बढ़ती भागदौड़, आगे बढ़ने की अंधी प्रतियोगिता में जब लोगों के पास अपनों के लिए घर-परिवार, मित्र, रिश्तेदारों के लिए, उनका हाल-चाल लेने की फुर्सत नहीं बच रही है। ऐसे में नदी, जंगल और पेड़ों, प्रकृति का हाल-चाल लेना, उनके साथ समय बिताना, उनसे बात कर उसकी भावाभिव्यक्ति को सार्थक-साकार रूप देना सचमुच आश्चर्य की बात है।महिलाओं को रोज़गार ही मेरे वेस्ट का आधार – निर्मला गिरीश कंदलगांवकर
Posted on 08 Mar, 2013 04:26 PMएक अच्छा विचार केवल एक इंसान के ही जिंदगी की दशा और दिशा ही नहीं बदलता वरन् समूह में एक साथ कई लोगों की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, धार्मिक, वैचारिक दशा सुधारने एवं जीवन में गतिमयता, प्रवाहमयता लाने में सकारात्मक भूमिका निभा सकता है। इस बात का जीता-जागता सबूत है महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले की श्रीमती निर्मला गिरीश कान्दड़गांवकर देशपांडे। इन्होंने विवाह पश्चात लगभग दो दशकों तक घर-परिवार की ज़िम्मेदालापोड़िया का प्रयोग भारत के लिये आदर्श होगा- लक्ष्मण सिंह लापोड़िया
Posted on 08 Mar, 2013 03:47 PM‘आसमां में होगा सूराख जरूरतबियत से एक पत्थर तो उछालो यारो।’