Posted on 24 Mar, 2010 12:03 PM मुँह का मोट माथ का महुआ। इन्हैं देखि जनि भूल्यो रहुआ।। धरती नहीं हराई जोतै। बैठ मेंड़ पर पागुर करै।।
भावार्थ- यदि बैल का मुँह मोटा हो और माथा पीला हो, तो उसे देखकर भूले मत रहो अपितु सावधान हो जाओ क्योंकि वह एक हराई भी खेत नहीं जोत सकता और मेंड़ पर बैठा हुआ पागुर करता रहेगा।
Posted on 24 Mar, 2010 11:57 AM बैल मुसरहा जो कोई ले। राजभंग पल में कर दे।। त्रिया बाल सब कुछ छुट जाय। भीख माँगि के घर खाय।।
भावार्थ- जिस किसान के पास मुसरहा बैल (जिसकी पूँछ के बीच में दूसरे रंग के बालों का गुच्छा) हो, उसके ठाठ-बाट जल्द ही नष्ट हो जाते हैं, स्त्री-पुत्र सब छूट जाते हैं और वह घर-घर भीख माँगने लगता है।