Posted on 24 Mar, 2010 12:27 PM उदन्त बरदे उदन्त ब्याये। आप जायँ या खसमै खाये।।
भावार्थ- जो गाय उदन्त (जिसके दूध के दाँत न गिर चुके हों) अवस्था में साँढ़ से जोड़ा खाय और उदन्त ही बच्चा दे, वह यो तो स्वयं मर जाती है या मालिक को मार डालती है।
Posted on 24 Mar, 2010 12:17 PM समथर जोते पूत चरावै। लगते जेठ भुसौला छावै।। भादों मास उठे जो गरदा। बीस बरस तक जोतो बरदा।।
भावार्थ- यदि बैल को समथर (बराबर जमीन वाले) खेत में जोते; किसान का बेटा उसे चरावें; जेठ लगते ही भूसा रखने का घर छा दे, बैल के बैठने की जगह ऐसी सूखी हो कि भादों में वहाँ धूल उड़े, तो उस बैल को बीस साल तक हल में जोता जा सकता है।