ओछे बैठक ओछे काम, ओछी बातें आठो याम।
घाघ बतायें तीन निकाम, भूलि न लीजौ इनकै नाम।।
शब्दार्थ- ओछे-नीच। आठोयाम- आठों पहर।
भावार्थ- घाघ का कहना है कि जो व्यक्ति आठों पहर ओछे अर्थात् बुरे लोगों की संगत में रहते हैं, नीच काम करते हैं, छोटी बातें करते हैं वे बिल्कुल बेकार होते हैं। भूल कर भी उनका नाम न लीजिए।
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