अधकचरी विद्या दहे राजा दहे अचेत।
ओछे कुल तिरिया दहे दहे कलर का खेत।।
शब्दार्थ- कलर-कपास।
भावार्थ- यदि व्यक्ति पढ़ा लिखा हो पर अनुभवहीन हो, राजा असावधान हो, स्त्री नीच कुल की हो और खेत कपास का हो, तो यह सब दुख दायी हैं, व्यर्थ हैं। खेत में कपास बोने से खेत कमजोर हो जाता है।
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