अम्बा नींबू बनिया गर दाबे रस देयँ


अम्बा नींबू बनिया गर दाबे रस देयँ।
कायथ कौवा करहटा मुर्दा हू सों लेयँ।।


भावार्थ- आम, नींबू और बनिया ये बिना दबाये रस नहीं देते और कायस्थ कौवा और किलहटा (एक पक्षी) ये मुर्दे से भी रस निकाल लेते हैं।

Path Alias

/articles/amabaa-nainbauu-banaiyaa-gara-daabae-rasa-daeyan

Post By: tridmin
×