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पूर्वोत्तर क्षेत्र में जैव-विविधता
Posted on 22 Feb, 2015 11:35 PM

पूर्वोत्तर भारत की जैव-विविधता का क्या महत्व है?

पर्यावरणीय विकास सुनिश्चित करने की पहल
Posted on 21 Feb, 2015 08:23 PM भारत में बुरांश की करीब 50 प्रजातियाँ हैं। जिनमें हिमालय क्षेत्र म
आपदा नियन्त्रण में गैर-सरकारी संगठनों की भूमिका
Posted on 19 Feb, 2015 05:20 PM वर्तमान समय में गैर-सरकारी संगठन सहभागिता आपदा प्रबन्धन कार्यनीति
हिमालय की नजाकत
Posted on 19 Feb, 2015 05:08 PM मशहूर अंग्रेज कवि जॉन कीट्स ने एक बार कहा था ‘‘धरती की कविता कभी खत्म नहीं होगी।’’ कीट्स एकदम सही थे। धरती अपने रूप बदलती रही है। धरती के विभिन्न रूपों के निशान धरती के ही इतिहास के पन्नों में दफन हैं। हिमालय की ऊँची चट्टानों की सतहों के बीच समुद्री जीवाश्म की प्रचुर मात्रा मौजूद हैं, जो बताते हैं कि उत्तुंग पर्वत श्रृंखला की जगह एक समय वहाँ लहराता समुद्र हुआ करता था।
ग्रामीण विकास और स्वयंसेवी संगठन
Posted on 18 Feb, 2015 09:58 AM स्वयंसेवी संगठन ग्रामीण विकास हेतु विविध क्षेत्रों में महत्वपूर्ण
सौर मच्छर नाशक
Posted on 16 Feb, 2015 05:06 PM केरल के कोट्टायम जिले के कलाकेट्टी में निवास करने वाले मैथ्यूज के.
खतरे में वन
Posted on 15 Feb, 2015 11:17 PM भारतीय वन सर्वेक्षण की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, देश में वन पूरे क्षे
पर्यावरण प्रदूषण व विकलाँगता
Posted on 13 Feb, 2015 04:13 PM द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात 80,000 नये रसायनों का आविष्कार हुआ ह
पहाड़ों में सिंचाई
Posted on 12 Feb, 2015 07:24 PM देश की खाद्य सुरक्षा के लिए अन्य क्षेत्रों की ही तरह पहाड़ों में भी सिंचित खेती का क्षेत्रफल बढ़ाना होगा। पहाड़ों में सिंचित खेती का प्रतिशत बहुत कम, औसतन बीस प्रतिशत के लगभग ही है। पहाड़ों में सिंचित खेती का प्रसार अन्य कारणों से भी प्राथमिकता में रखा जाना चाहिए।
Mountain
मिट्टी की उत्पादकता बहाली
Posted on 12 Feb, 2015 07:11 PM मिट्टी का क्षरण रोकने और उपजाऊपन बहाल करने के अगर प्रभावी उपाय न किए गए तो हरित क्रान्ति से हुए लाभों पर बुरा असर पड़ सकता है। इसके लिए एक सफल परियोजना तैयार की गई जिसके सुखद परिणाम किसानों को महसूस होने लगे हैं।
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