भारत

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आमुख
Posted on 11 May, 2011 10:49 AM उन पाठकों को यह पुस्तक पढ़कर आश्चर्य होगा जो इसे मात्र कृषि पर लिखी हुई पुस्तक मानकर पढ़ेंगे। क्योंकि उसमें उन्हें आहार, स्वास्थ्य, सांस्कृतिक मूल्यों तथा मानवीय ज्ञान की सीमाओं के बारे में भी बहुत कुछ पढ़ने को मिलेगा। दूसरे, यह उन पाठकों को भी चैकाएगी जो इसके प्रति उसके दर्शन के बारे में दूसरों से सुनकर आकर्षित हुए क्योंकि वह एक जापानी फार्म पर चावल, जाड़े की फसलों, नीबूं तथा सब्जियों की खेती
Agriculture
मुअनजोदड़ोः लघुता में भी महत्ता
Posted on 09 May, 2011 04:14 PM

वह कोई खंडहर क्यों न हो, किसी घर की देहरी पर पांव रख कर सहसा सहम जा सकते हैं, जैसे भीतर कोई

यूं ही बहता रहेगा अथिरापल्ली का पानी!
Posted on 06 May, 2011 02:17 PM

केरल में पश्चिमी घाट स्थित वझाचल के जंगलों में बहने वाली चलाकुडी नदी को छोड़ते हुए मैं जैसे-जैसे आगे बढ़ रही हूं। मेरे दिल में एक अजीब तरह की चिंता घर करती जा रही है। मैं जो लिख रही हूं, इसे पढ़ने वालों में कम लोग ही यहां तक आए होंगे। लेकिन, जो लोग मेरे अनुभवों के साझीदार हैं, वे इसकी अहमियत समझ सकते हैं। जैसे-जैसे मैं पारिस्थितिकी रूप से कमज़ोर हो चुके इस इलाक़े से दूर जा रही हूं, वैसे-वैसे मे

गंगा को बचाने की नई मुहिम
Posted on 05 May, 2011 10:04 AM

आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने हाल में गंगा की सफाई के लिए सात हजार करोड़ की महत्वाकांक्षी परियोजना पर मुहर लगा दी है।तीव्र औद्योगिकरण, शहरीकरण और प्रदूषण से अपने अस्तित्व के लिए जूझ रही गंगा को बचाने के लिए अब तक की यह सबसे बड़ी परियोजना होगी। गंगा को साफ करने की पिछली परियोजनाओं की कामयाबी और नाकामयाबियों से सबक लेते हुए इस परियोजना को बनाया गया है जिसके तहत पर्यावरणीय नियमों का कड़ाई से प

मनरेगा के नीतिगत अर्थ-प्रत्यर्थ
Posted on 05 May, 2011 09:38 AM

इस वर्ष भारत में ग्रामीण मजदूरों के लिए चल रही योजना 'मनरेगा' के पांच वर्ष पूरे हो गये। निश्चित तौर पर यह योजना भारत के मजदूरों की स्थिति बदलने में अहम भूमिका अदा कर सकती है लेकिन इसके लिए जरूरी है इसका सही क्रियान्वयन। हालांकि भारतीय शासन व्यवस्था के मौजूदा परिवेश में इसके सही क्रियान्वयन के बारे में सोचना अपने को धोखा देने जैसा है।

अब बारिश बिना भी लहलहाएंगी फसलें
Posted on 04 May, 2011 09:41 AM

पूसा संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों ने अब एक ऐसी तकनीक इजाद की है जिसके जरिए बिना पानी के ही फसले

अब 2जी स्पेक्ट्रम की तरह बंटेगा पानी
Posted on 02 May, 2011 04:50 PM

अब पानी या तो सरकार के हाथ में है या धीरे-धीरे सरकार उसे अपनी पसंद की कंपनियों को 2जी स्पेक्ट्

water
मानसून की भविष्यवाणी
Posted on 02 May, 2011 04:25 PM हिंद महासागर और अरब सागर की तरफ से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आने वाली हवाओं को मानसून कहते हैं। ये हवाएं दक्षिण एशिया में जून से सितंबर तक लगभग चार महीनों तक सक्रिय रहती हैं। इस तरह के मानसून को दक्षिणी-पश्चिमी ग्रीष्मकालीन मानसून कहते हैं। इसके अलावा दक्षिण एशिया में दिसंबर से मार्च तक पूर्वोत्तर मानसून भी आता है।
monsoon
बदलती जीवन शैली एवं औद्योगिकीकरण का भू एवं समुद्री पर्यावरण पर प्रभाव विषय पर संगोष्ठी का आयोजन
Posted on 30 Apr, 2011 09:24 AM

संगोष्ठी. 06.06.2011


आज भारत का सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य तेज़ी से बदल रहा है एवं इस परिवर्तन में विज्ञान अपनी सार्थक भूमिका बखूबी निभा रहा है। देश तेज़ी से औद्योगिक रूप से विकसित हो रहा है परंतु आज भी देश में पर्यावरण जैसे ज्वलंत मुद्दे पर आमजन की जागरूकता आशानुरूप नहीं है। भू-जल एवं जंगल के रूप में नैसर्गिक रूप से प्राप्त देश की जैव धरोहर की रक्षा हेतु जनभाषा हिंदी के माध्यम से वैज्ञानिक एवं पर्यावरण से जुड़े विषयों पर प्रचार प्रसार आवश्यक है। देश के वैज्ञानिकों एवं युवा पीढ़ी में विज्ञान एवं पर्यावरण के प्रति रचनात्मक व विश्लेषणात्मक प्रवृत्ति जागृत करने के उद्देश्य से राजभाषा हिंदी में यह संगोष्ठी 6 एवं 7 जून 2011 को राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान

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