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भारत
दिल्ली को नहीं मिलेगा और पानी
Posted on 24 Mar, 2015 04:26 PMकेजरीवाल व खट्टर की मीटिंग रही बेनतीजा, समर एक्शन प्लान पर संकटचिन्ता पर चिन्तन का दिन
Posted on 24 Mar, 2015 04:10 PMविश्व जल दिवस पर विशेष
प्रकृति और इंसान के बनाए ढाँचों में सन्तुलन कैसे हो?
प्रकृति है, तो पानी है। पानी है, तो प्रकृति का हर जीव है; पारिस्थितिकी है। समृद्ध जल सम्पदा के बगैर, पारिस्थितिकीय समृद्धि सम्भव नहीं। पारिस्थितिकीय समृद्धि के बगैर, जल समृद्धि की कल्पना करना ही बेवकूफी है। विश्व जल दिवस के प्रणेताओं की चिन्ता है कि जलचक्र, अपना अनुशासन और तारतम्य खो रहा है। प्रकृति और इंसान की बनाए ढाँचों के बीच में सन्तुलन कैसे बने? प्रकृति को बदलने का आदेश हम दे नहीं सकते। हम अपने रहन-सहन और आदतों को प्रकृति के अनुरूप कैसे बदलें? चिन्ता इसकी है।
स्लम बढ़े या गाँव रहें?
पानी बसाता है। सारी सभ्यताएँ पानी के किनारे ही बसीं। किन्तु दुनिया भर में हर सप्ताह करीब 10 लाख लोग अपनी जड़ों से उखड़कर शहरों की ओर पलायन कर रहेे हैं। 7400 लाख लोगों को वह पानी मुहैया नहीं, जिसे किसी भी मुल्क के मानक पानी योग्य मानते हैं।
![polluted river water](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/polluted%20river%20water_4.jpg?itok=9CQk0Wcc)
पानी का सामुदायिक प्रयोग हो
Posted on 24 Mar, 2015 12:32 PMविश्व जल दिवस पर विशेषजब मानवजाति का विकास नहीं हुआ था तब जीवन पूरी तरह प्रकृति पर ही निर्भर थी। जैसे-जैसे विकास की गति तेज होती गई प्रकृति का दोहन शुरू हो गया। हवा, जल, मिट्टी और यहाँ तक कि आकाश पर मानव अपना एकाधिकार जताने लगा। पहले पर्यावरण अपने आप में इतनी सन्तुलित थी कि शायद ही कभी किसी बीमारी या प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा रहा हो।
![water](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/water_0_50.jpg?itok=FuZiAcae)
सन्थाली लोक-कथाएं
Posted on 24 Mar, 2015 11:21 AMहमारा देश भारत कथाओं का देश माना गया है। इस देश में बच्चे-बूढ़े, नर-नारी सभी बड़े चाव से कथा-कह
जल संस्कृति जीवन का मूलाधार
Posted on 24 Mar, 2015 10:54 AMविश्व जल दिवस पर विशेष'अगली शताब्दी के युद्ध पानी के कारण होंगे।' यह घोषणा विश्व बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष इस्माइल सेराबेल्डिन ने 1995 में ही की थी। पानी का संकट भारत, इजराइल, चीन, बोलिविया,कनाडा, मेक्सिको, घाना और संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के मीडिया की सुर्खियाँ बन रही हैं। दुनिया में 1993 से हर 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है।
![water](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/water_11_8.jpg?itok=s5CXvc47)
बचेगी भाषा-संस्कृति
Posted on 23 Mar, 2015 04:06 PM1993 में इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय ने आदिवासी भाषाओं में लिखे गए साहित्य को संगृही
औरत की दुनिया का सच
Posted on 23 Mar, 2015 01:09 PMजब हम दुनिया की बात करते हैं, तो हमारी चेतना में एक व्यापक परिदृश्य उभरता है, लेकिन जब बहुत कुछ
आदिवासी रहेंगे तो बचेंगे जंगल
Posted on 23 Mar, 2015 12:34 PMआज भारत और चीन के खेतों में जो कुछ भी हो रहा है वह शताब्दियों पहले हो चुका था। ये गतिविधियाँ लग
बिहार सरकार, जल संसाधन विभाग
Posted on 22 Mar, 2015 03:39 PMथीम पेपर, 02 अप्रैल 2003नदियों को जोड़कर अतिरेक जल वाली नदी घाटी से जल की कमी वाली नदी घाटी में जल के अन्तरण की योजना तथा बिहार पर इसके प्रभाव
प्रस्तावना
जल दिवस का भारतीय संयोग
Posted on 22 Mar, 2015 01:07 PMविश्व जल दिवस पर विशेष
कितना सुखद संयोग है! 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस के बहाने हम सब की अपनी एक नन्हीं घरेलू चिड़िया की चिन्ता; देशी माह के हिसाब से चैत्री अमावस्या यानी गोदान का दिन। 21 मार्च को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानी मौसमी परिवर्तन पर संयमित जीवनशैली का आग्रह करते नवदिन और नवदिनों का प्रारम्भ।
![world water day](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/world%20water%20day_6.jpg?itok=XLA7JJhD)