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संसद में उठा राजसमंद झील भरने का मुद्दा
Posted on 10 Mar, 2015 10:53 AM सांसद ने कहा-जलभराव और सुरक्षा पर ध्यान दे सरकार
सांसद हरिओम सिंह राठौड़ ने राजसमंद झील को भरने के स्थायी स्रोत तलाशने का मुद्दा लोकसभा में सोमवार को उठाया।
‘आदेशों की अनदेखी नहीं की जा सकती’
Posted on 10 Mar, 2015 10:22 AM यमुना नदी की सफाई के लिए विभिन्न विभागों में समन्वय एवं सहयोग की कमी पर चिन्ता जताते हुए राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने कहा है कि इसके पास “दीवानी अदालत के सभी अधिकार” हैं और इस पर एवं अन्य मुद्दों पर इसके निर्देशों का “बिना चूक एवं विलम्ब” के पालन किया जाना चाहिए।
पानी देश का, मुनाफा विदेश का
Posted on 09 Mar, 2015 03:08 PM पानी के बोटलिंग का धन्धा अन्तत: पानी से वंचित करने का जरिया साबित ह
कहीं पानी भी हाथ न जला दे
Posted on 09 Mar, 2015 02:34 PM हमारे लिए इन सबसे सबक लेना जरूरी है। इन्दौर हो या बंगलौर, हमें निजी
मनरेगा का मखौल तो न उड़ाइए श्रीमान
Posted on 08 Mar, 2015 01:09 PM

खामियाँ कई : कानून सही

NREGA
पानी को मत बेचिए
Posted on 05 Mar, 2015 02:45 PM

रेलगाड़ी का आविष्कार इंग्लैंड में ज़रूर हुआ था, लेकिन भारत में रेलों का विस्तार होने के बाद उसी की कमाई से ब्रिटेन में रेलों का विकास और विस्तार हुआ। शुरू में अंग्रेज रेलगाड़ी से अपनी फौज़ और सैनिक साज-सामान ढ़ोते थे। बाद में रुई तथा अन्य प्रकार के कच्चे माल को बन्दरगाहों तक पहुँचाने तथा ब्रिटिश मिलों में बने सूती कपड़ों तथा अन्य प्रकार के पक्के माल को भा

क्या हमें सचमुच गुजरात का साबरमती मॉडल चाहिए
Posted on 05 Mar, 2015 01:20 PM जब नदी का पुनर्जीवन महज उसके रिवरफ्रंट डेवलपमेंट ऊपरी सौन्दर्यीकरण बन कर रह जाता है तो उसका फायदा नदी की व्यापक पारिस्थितिकी की कीमत पर सिर्फ रीयल एस्टेट और शहरी अभिजात को होता है। यहाँ अमृता प्रधान साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट और अन्य परियोजनाओं पर चर्चा कर रही हैं ताकि इस मॉडल में अन्तर्निहित खतरों को उद्घाटित किया जा सके।
धरती के रंग बचाने हैं
Posted on 04 Mar, 2015 03:01 PM मैंने प्रकृति के प्रति अपने लगाव के चलते भौतिक विज्ञान की पढ़ाई की थी। शुरुआत में ही मुझे सिखाया गया था कि भौतिकी, प्रकृति को समझने का एक जरिया है। इसलिए भौतिकी में मेरा सफर पारिस्थितिकी में सफर की तरह ही है। इनमें कोई खास अन्तर नहीं है, सिवाय इसके कि पर्यावरणीय तबाही के पहलू में हम देखते हैं कि जीवन के लिए जरूरी तन्त्रों का विनाश हो रहा है। इस बात ने मुझे ब
वंदना शिवा
मनरेगा का मखौल क्यों
Posted on 04 Mar, 2015 11:44 AM लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा करते हुए प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना यानी मनरेगा का मखौल उड़ाया, उससे उनकी मजदूर-किसान विरोधी मानसिकता ही उजागर हुई है। प्रधानमन्त्री को लगता है कि यह योजना गड्ढे खोदने और गड्ढे भरने से ज्यादा और कुछ नहीं है। योजना से देश और देश के लोगों को कोई फायदा नह
किसानों की शंकाओं का समाधान करे सरकार
Posted on 04 Mar, 2015 09:53 AM

अफसोस तो इस बात का है कि किसानों के नाम से जारी सरकारी योजनाओं का लाभ उन तक नहीं पहुँच पाया है।

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