भारत

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फसलें और पानी
Posted on 26 Nov, 2015 09:49 AM

संसार की अपेक्षा हमारे देश में सबसे अधिक सिंचाई के संसाधन उपलब्ध हैं। हमारी 22 प्रतिशत भूमि पर

फ्लश टॉयलेट की गन्दगी बनाम सूखे शौचालयों की पवित्रता
Posted on 25 Nov, 2015 04:34 PM ‘हर घर में शौचालय अपना, यही है हमारा सपना’ का सरकारी नारा अक्सर सुनाई पड़ता है। सपने को साकार करने में विभिन्न सरकारें अपनी ओर से तत्पर भी हैं। पर अगर हर घर में शौचालय बन गए तो स्वच्छता के लिहाज से बहुत बुरा होगा क्योंकि प्रचलित ढंग के शौचालयों से मानव-मल का निपटारा नहीं होता।

महज खुले में मल त्याग करने से छुटकारा मिल जाती है और शौचालयों में एकत्र मानवमल आखिरकार जलस्रोतों को मैला करता है। तकनीकी विकास के आधुनिक दौर में भी मानव मल का निपटारा एक बड़ी समस्या बना हुआ है। ऐसे में बरबस गाँधीजी की सीख ‘मल पर मिटटी’ की याद आती है। उस तकनीक के आधार पर बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में खास किस्म के शौचालयों का विकास हुआ जिसके परिष्कृत रूप को ‘इकोसेन’ कहा जा सकता है।
खेत को आस्था का विषय बनाएँ
Posted on 25 Nov, 2015 12:38 PM

पिछले साल की तुलना में कोई तीन प्रतिशत कम, लगभग 85 लाख टन अनाज कम पैदा होगा। इस बीच मकान, कारखा

सिर्फ स्नान पर्व नहीं है कार्तिक पूर्णिमा
Posted on 25 Nov, 2015 11:21 AM नदी में तांबे, सोना, चाँदी के सिक्के डालने का चलन था, आज की तरह नुक
ईंधन, बिजली और कार्बन उत्सर्जन
Posted on 24 Nov, 2015 04:16 PM विकसित देशों के वैज्ञानिक, बिन पानी सिर्फ हवा से संयंत्रों को ठंडा
भारतीय हिमालय पर्वतमाला : एक नजर
Posted on 24 Nov, 2015 04:13 PM

हालाँकि पिछली सहस्त्राब्दी में भारतीय हिमालय पर्वतमाला पर काफी कुछ कार्य किया गया है, फिर

पर्वतारोहण, ट्रैकिंग और साहसिक खेलकूद
Posted on 24 Nov, 2015 01:13 PM

मनाली जैसी जगहों में मैदानी इलाकों के लोगों द्वारा चलाए जा रहे बड़े होटल कोई अच्छे विकल्प

पर्यावरण-पर्यटन और पर्वत
Posted on 24 Nov, 2015 12:24 PM

अपनी व्यापक भौगोलिक एवं वातावरणीय विविधता के कारण भारत में सचमुच वनस्पतियों और पुष्पों-पा

पर्यावरण-पर्यटन भूमि का समुचित प्रबंध
Posted on 24 Nov, 2015 11:39 AM

समझदार और संवेदनशील विकासकर्ता और डिजाइनकर्ता के नाते हम यह काम तो कर ही सकते हैं कि भूमि

पर्यावरण-पर्यटन और हिमालय
Posted on 24 Nov, 2015 11:03 AM

हिमालय क्षेत्र का कठोर संरक्षण ही समाधान नहीं है। इसके विकास के लिये यहाँ के स्थानीय निवा

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