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जलवायु सम्मेलन में भारत की भूमिका
Posted on 01 Dec, 2015 09:09 AM

भारत जैसे-जैसे विकास करेगा, वैसे-वैसे उत्सर्जन भी बढ़ेगा। ऐसे में यदि उसने अपने ऊपर कोई ब

दृष्टि बदलें, उपभोग घटाएँ
Posted on 29 Nov, 2015 09:56 AM सतलुज, गंगा, गोदावरी के मैदान, प्राकृतिक रूप से काफी समृद्ध हैं। जा
विकास के आड़े नहीं आएगा उत्सर्जनः अशोक लवासा
Posted on 27 Nov, 2015 08:00 PM भारत सरकार ने कहा कि भारत ने दुनिया के सामने बहुत ही महत्वाकांक्षी आईएनडीसी प्रस्तुत किया है। दुनिया के अन्य देशों ने इसकी प्रशंसा की है। जलवायु परिवर्तन पर एक बैठक को सम्बोधित करते हुए अशोक लवासा, सचिव-वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने यह बात कही।
दुुनिया की छत से देखें जलवायु परिवर्तन
Posted on 27 Nov, 2015 10:10 AM आगामी पेरिस जलवायु सम्मेलन से पूर्व अभी देश, विकासशील और विकसित के बीच बँटे नजर आ रहे हैं। बँटवारे का आधार आर्थिक है और माँग का आधार भी। किन्तु क्या प्रकृति से साथ व्यवहार का आधार आर्थिक हो सकता है?

उपभोग और प्रकृति को नुकसान की दृष्टि से देखें तो यह दायित्व निश्चय ही विकसित कहे जाने वाले देशों का ज्यादा है, किन्तु इस लेख के माध्यम से मैं यह रेखांकित करना चाहता हूँ कि मानव उत्पत्ति के मूल स्थान के लिहाज से यह दायित्व सबसे ज्यादा हम हिमालयी देशों का है; कारण कि सृष्टि में मानव की उत्पत्ति सबसे पहले हिमालय की गोद में बसे वर्तमान तिब्बत में ही हुई। आज मानव उत्पत्ति का यह क्षेत्र ही संकट में है।
उत्सर्जन नहीं, कार्बन अवशोषण भी है महत्त्वपूर्ण
Posted on 26 Nov, 2015 04:06 PM गंगा को प्रवाह देने वाली धाराओं में करीब 106 धाराएँ सूख गई हैं। सिक
भारत के सर्वाधिक लुभावने समुद्र तट
Posted on 26 Nov, 2015 02:55 PM

समुद्र का भारतीय सभ्यता, संस्कृति, धर्म और अर्थ के क्षेत्र में विशेष स्थान रहा है। रत्नाक

पर्वतों का रहस्यवाद, रोमांस और निमंत्रण
Posted on 26 Nov, 2015 01:10 PM

वनों और बर्फ के बीच काव्यात्मकता से ओतप्रोत वे पर्वत क्षेत्र होते हैं जहाँ ऊपर चढ़ते हुए

नदी और जल के सवाल पर दुनिया की साहसी महिलाओं का अभियान
Posted on 26 Nov, 2015 12:23 PM

गंगा का सवाल पूरे देश के लिये महत्त्वपूर्ण सवाल है। एक ओर करोड़ों देशवासियों के आस्था का प्रतीक है। हमारे पर्व त्योहार और धार्मिक अनुष्ठान नदियों के किनारे होते हैं। वहीं एक बड़ी आबादी की ​जीविका का आधार भी है। देश की तमाम ​नदियाँ कचरा ढोने वाले मालवाहक के रूप में तब्दील हो गई है। इससे जहाँ प्रदूषण का स्तर बढ़ा है और तरह-तरह की बीमारियाँ हो रही हैं। वहीं

स्थायी पर्वत विकास
Posted on 26 Nov, 2015 12:07 PM

पर्वतीय क्षेत्रों और समुदायों के सामने उपस्थित समस्याएँ उनके पर्यावरण की अनूठी विशिष्टताओ

क्या पेरिस सम्मेलन से बदलाव आएगा
Posted on 26 Nov, 2015 10:47 AM अगले हफ्ते फ्रांस की राजधानी पेरिस में 30 नवम्बर से आगामी 11 दिसम्बर तक होने वाले जलवायु शिखर सम्मेलन से पर्यावरण में हो रहे प्रदूषण को कम करने और कार्बन उर्त्सजन को कम करने की दिशा में दुनिया को खासी उम्मीदें हैं। वह बात दीगर है कि पिछले दिनों पेरिस में हुए आतंकी हमले ने समूची दुनिया को हिला दिया है।
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