पंकज चतुर्वेदी

पंकज चतुर्वेदी
गाद तो हमारे ही माथे पर है
Posted on 24 Jun, 2014 01:50 PM
समाज और सरकार पारंपरिक जल-स्रोतों कुओं, बावड़ियों और तालाबों में गा
siltation
फिर भी मैली यमुना
Posted on 09 Mar, 2014 10:07 AM
दिल्ली से लेकर यू.पी तक यमुना की स्थिति एक गंदे नाले जैसी हो गई है। नदी की सफाई के लिए 6500 करोड़ से ज्यादा की रकम खर्च की जा चुकी है। पर हालात पहले जैसे ही बदतर हैं। इसी मुद्दे पर फोकस कर रहे हैं। पंकज चतुर्वेदी।
Polluted Yamuna
विकलांगता की वजह
Posted on 31 Jan, 2014 10:02 AM
जहां एक तरफ लाखों लोग फ्लोरोसिस के अभिशाप से घिरे हैं, वहीं प्रदेश
fluoride water
भूजल में घुलता जहर
Posted on 29 Jan, 2014 01:10 PM
देश के पचास फीसद से अधिक जिलों का भूजलस्तर तेजी से गिर रहा है। कई महानगरों समेत देश के सैकड़ों स्थानों पर भूजल खतरनाक ढंग से जहरीला हो चुका है। जनजीवन पर इसका विपरीत असर पड़ रहा है। जल्द ही इस समस्या से न निपटा गया तो स्थिति भयावह हो सकती है। इसके संकटों का जायजा ले रहे हैं पंकज चतुर्वेदी।
water pollution
संकट में लोकटक
Posted on 08 Jul, 2013 02:41 PM
मणिपुर की लोकटक झील अपनी कुदरती सुंदरता, विशालता और जैव विविधता के लिए मशहूर है। लेकिन कुछ सालों से यह झील संकट में है। इसकी वजहों की पड़ताल कर रहे हैं पंकज चतुर्वेदी।
Loktak lake
कावेरी : लहर में जहर
Posted on 20 Apr, 2013 04:21 PM
पौराणिक कथाओं में कुर्गी-अन्नपूर्णा, कर्नाटक की भागीरथी और तमिलनाडु में पौन्नई यानी स्वर्ण-सरिता कहलाने वाली कावेरी नदी के पानी के बंटवारे को लेकर विवाद से तो सभी परिचित हैं लेकिन इस बात की किसी को परवाह नहीं है कि यदि इसमें घुलते जहर पर तत्काल ध्यान नहीं दिया गया तो जल्दी ही हालात काबू से बाहर हो जाएंगे। दक्षिण की जीवन रेखा कही जाने वाली इस नदी में कहीं कारखाने का रसायन-युक्त पानी मिल रहा है तो क
Kaveri
यह जो ज़मीन है
Posted on 14 Apr, 2013 04:36 PM
देश में खेती की ज़मीन पर दोतरफा हमला हो रहा है। कई राज्यों में निरंतर सूखे की वजह से उपजाऊ ज़मीन बंजर हो रही है वहीं दूसरी तरफ सरकारें विकास के नाम पर बलपूर्वक किसानों से ज़मीन छीन रही हैं। कई राज्यों में संघर्ष की स्थिति है, लेकिन नीति निर्माताओं के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। क्या है असली समस्या और क्यों सरकारें अपनी जन कल्याणकारी भूमिका से विमुख होकर कारपोरेट कंपनियों के सहयोगियों-सा बर्ताव
Land Acquisition
प्यास बुझाने की आस
Posted on 05 Apr, 2013 09:58 AM
राजनेता प्रकृति की इस नियति को नज़रअंदाज़ करते हैं कि यह इलाक़ा सदियों से प्रत्येक पांच साल में दो बा
ponds of bundelkhand
जीवन बचाना है तो यमुना बचाओ
Posted on 15 Mar, 2013 10:42 AM
विकास की बुलंदियों की ओर उछलते देश में अमृत बांटने वाली यमुना आज खुद जहर पीने को अभिशप्त है। यमुना की दुर्दशा तो और भी अधिक विचारणीय है, कारण- यह देश के शक्ति-केंद्र दिल्ली में ही सबसे अधिक दूषित होती है। यमुना की पावन धारा दिल्ली में आकर एक नाला बन जाती है। आंकड़ों और कागज़ों पर तो इस नदी की हालत सुधारने को इतना पैसा खर्च हो चुका है कि यदि उसका ईमानदारी से इस्तेमाल किया जाता तो उस धन से एक समा
Yamuna
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