"टिकाऊ खेती" का अंग्रेजी में अर्थ "Sustainable Agriculture" होता है. यह एक ऐसी कृषि प्रणाली है जो पर्यावरणीय सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए पौधों और जानवरों के उत्पादन को समन्वित करती है। भाग 2 में जानिए कैसे करें इस्तेमाल जैविक उर्वरकों का Kesar Singh posted 3 months ago
टिकाऊ खेती और मृदा स्वास्थ्य के लिए जैविक उर्वरकों का इस्तेमाल हमेशा बेहतर परिणाम देता है। जैविक उर्वरकों यानी जैविक खादों के इस्तेमाल से खेत को कई तरह के फ़ायदे होते हैं। जानिए विस्तार सेKesar Singh posted 3 months ago
अगर एक लिस्ट बनाई जाए तो यह बनती है पहली - तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण और औद्योगीकरण से जल निकायों का प्रदूषण बढ़ा है। दूसरी - अकुशल कृषि पद्धतियों और ज़्यादा भूजल दोहन से महत्वपूर्ण जल स्रोतों का दोहन हो रहा है। तीसरी जलवायु परिवर्तन से अनियमित वर्षा पैटर्न हो रहे हैं, जिससे नदियों और जलभृतों का पुनर्भरण प्रभावित हो रहा है, इसके साथ ही खराब जल प्रबंधन और बुनियादी ढांचे की कमी भी जल संकट को बढ़ा रही है, इस मुद्दे पर लेखक की एक टिप्पणीKesar Singh posted 3 months ago
लेखिका सीमा मुंडोली वन के महत्व को व्यापक दृष्टिकोण से समझने की आवश्यकता पर जोर देती हैं। वन केवल कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने वाले कार्बन सिंक नहीं हैं, बल्कि वे जैव विविधता के संरक्षण, जलवायु संतुलन, और स्थानीय समुदायों के जीवनयापन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।Kesar Singh posted 3 months ago
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ ज़िले के धारचूला तहसील में व्यास घाटी में स्थित ओम पर्वत पर 'ओम' अक्षर की आकृति दिखती है। यह पर्वत समुद्र तल से 5,900 मीटर की ऊंचाई पर है. ओम पर्वत को हिंदू और बौद्ध दोनों ही धर्मों में पवित्र माना जाता है। बढ़ते तापमान से ऊँ ग्लेशियर की बर्फ गायब हो गई है, पढ़िए एक टिप्पणीKesar Singh posted 3 months ago
अजोला एक जलीय पौधा है जो जहरमुक्त खेती के लिए एक जैविक वरदान साबित हो सकता है। यह पौधा न केवल पशुओं के लिए एक उत्कृष्ट चारा है, बल्कि फसलों के लिए भी उर्वरक के रूप में काम करता है। पढ़िए अजोला के बारे में विस्तार सेKesar Singh posted 3 months ago
मृदा अपरदन (या मिट्टी का कटाव) किसानों के लिए वास्तव में एक गंभीर समस्या है। यह प्रक्रिया मिट्टी की ऊपरी परत को बहा ले जाती है। पढ़िए इसके विभिन्न पहुलुओं पर टिप्पणीKesar Singh posted 3 months ago
कार्बन खेती, जिसे कार्बन फार्मिंग भी कहा जाता है, एक ऐसी कृषि पद्धति है जो वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड को मृदा और वनस्पति में संग्रहित करने पर केंद्रित है। पढ़िए इस विषय पर एक आलेखKesar Singh posted 3 months ago
बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक को पेट्रोलियम आधारित प्लास्टिक की समस्या के समाधान के रूप में देखा जा रहा है। आइए जानते हैं इसके बारे में Kesar Singh posted 3 months ago
'क्लाइमेट एंड कॉन्स्टिट्यूशन' को केन्द्र में रखकर जलवायु परिवर्तन से बचने के कानूनी पहलुओं के क्या विकल्प हैं, इस मुद्दे पर चर्चा हुई। कार्यक्रम के प्रमुख अंश पढ़ें।Kesar Singh posted 3 months 1 week ago
यूसर्क द्वारा हिमालय दिवस के अंतर्गत राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता, देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय "पानी को जानो" कार्यक्रम प्रारंभ Kesar Singh posted 3 months 2 weeks ago
केरल के वायनाड ज़िले में हुए भूस्खलन को लेकर केरल हाई कोर्ट ने टिप्पणी की कि यह मानवीय लालच और उदासीनता की वजह से हुआ है। अदालत ने कहा कि इस भूस्खलन के पीछे कई वजहें हैं, जिनमें से एक है विकास के लिए चेतावनी के संकेतों को नज़रअंदाज़ करना। पढ़िए इस पर एक विस्तृत टिप्पणीKesar Singh posted 3 months 2 weeks ago
जहां सिवनी में खोदे गए तालाबों ने भूजल स्तर को पुनर्जीवित किया है। वहीं इस पहल से न केवल जल स्तर में वृद्धि हुई है, बल्कि स्थानीय कृषि और पेयजल आपूर्ति में भी सुधार हुआ है। सिवनी में नए बने तालाबों पर एक टिप्पणीKesar Singh posted 3 months 3 weeks ago