/topics/lakes-ponds-and-wetlands
झीलें, तालाब और आर्द्रभूमि
गांव की एटीएम हैं तालाब
Posted on 24 Nov, 2012 12:01 PMसामान्य खेतों में जहां साल भर खूब मेहनत के बावजूद फसल उत्पादन से अच्छी आय नहीं होती है, वहीं तालाब बनवा कर मछलीपालन अधिक लाभकारी है। बिहार में बेगूसराय के किसान जयशंकर कुमार को मात्र 38 कट्ठे की जमीन पर तालाब से चार से छह लाख रुपये सालाना आय हो रही है। जयशंकर की तरह ही राज्य के कई किसान अब सामान्य खेती के बदले समेकित खेती करने लगे हैं। समेकित खेती के लिए तालाब जरूरी है। बिहार में कृषि और मत्स्यतालाब खुदाई में लें सरकारी मदद
Posted on 24 Nov, 2012 01:44 AMतालाब एवं कुएं की महत्ता से हम सभी वाकिफ हैं। हममें से कई लोग तालाब एवं कूप निर्माण कराना चाहते भी हैं, लेकिन पैसे के अभाव में हमारी योजनाएं फेल हो जाती है। ऐसे में निराश होने की जरूरत नहीं है। विभित्र प्रकार की नकारात्मकताएं होने के बाद भी कुछ चीजें साकारात्मक भी है जिसके जरिये स्थिति को बदला जा सकता है। सरकार के ग्रामीण विकास, कृषि, मत्स्य, जल संसाधन, वन आदि विभागों के पास तालाब एवं कूप निर्माणन होने दें तालाबों का अतिक्रमण
Posted on 22 Nov, 2012 09:41 AMतालाब का न केवल मनुष्य बल्कि धरती के विभित्र जीव-जंतुओं के जीवन में बड़ा योगदान है। इसके बिना जीवन संकट से घिर जाता है। ऐसे में तालाब को बचाने के लिए आप आगे आयें। किसी भी परिस्थिति में तालाबों का अतिक्रमण न होने दें। आप इसके खिलाफ लडें.। तालाब अतिक्रमणकारियों के खिलाफ आप शासन-प्रशासन के पास शिकायत करें। इससे भी बात न बने तो कोर्ट से गुहार लगायें। भारत का उच्चतम न्यायालय आपके साथ है। जगपाल सिंह एवंजलसंग्रह में मनरेगा का है योगदान
Posted on 22 Nov, 2012 09:26 AMजल संग्रह में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम की योजनाओं का भरपूर योगदान है। पूरे झारखंड में मनरेगा के जरिये एक लाख से ज्यादा तालाब एवं बांध बनाये गये हैं। लगभग 79 हजार सिंचाई कूपों का निर्माण हुआ है। चूंकि मनरेगा मजदूर के हित पर आधारित है, इसलिए इसके निर्माण कार्य बिना मशीन के किया जाता है। ऐसे में तालाबों या बांधों की संरचना भी बहुत छोटी होती है। निर्माण के दौरान तालाब के मतालाब हैं तो गांव हैं
Posted on 21 Nov, 2012 09:45 AMझारखंड की कुल आबादी का 80 प्रतिशत कृषि एवं इससे संबंधित कार्यों पर निर्भर है। जबकि कृषि योग्य भूमि कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 48 प्रतिशत ही है। इसमें भी सिंचाई सुविधा महज 10 प्रतिशत पर ही उपलब्ध है। जबकि राष्ट्रीय औसत 40 प्रतिशत है। रबी में तो यह और घट जाता है। यानी 90 प्रतिशत से अधिक कृषि वर्षा पर आधारित है। जिस साल बारिश अच्छी हुई उस साल ठीक-ठाक उत्पादन होता है और जिस साल बारिश नहीं हुई, उस साल स्थिति चिंताजनक हो जाती है। पलायन एवं बेरोजगारी बढ़ जाती है।15 किलोमीटर में बन गए हैं 500 तालाब
Posted on 23 May, 2011 09:35 AMइंदौर। कभी वे पानी की तलाश में 600 फीट तक जमीन में उतर जाते थे, अब खुद के खेत में तालाब भरे रहते हैं। हालत यह है कि 15 किमी की परिधि में बसे गांवों में करीब 500 तालाब बन गए हैं। एक-दो गांव तो ऐसे हैं जहां हर किसान एक-दो तालाबों का मालिक है। तालाबों में कुछ सरकारी भी हैं। ये तालाब एक से पांच बीघा तक में फैले हैं।
भोपाल ताल
Posted on 02 Aug, 2010 04:01 PM
तटबंध: भोपाल में अभी तक मौजूद 11वीं सदी के तटबंध का कुछ भाग, मध्यकालीन कौशल का अद्भुत उदाहरण राजा भोज द्वारा बनवाया ताल दो पहाड़ियों के बीच तटबंध से बना था। इसमें 365 स्रोतों से पानी आता था।भोपाल ताल का निर्माण राजा भोज ने करवाया था। परमार वंश के इस राजा ने 1010 से 1055 ई. तक राज किया। राजा भोज ने जो ताल बनवाया था वह काफी विशाल रहा होगा। आज भी यह छोटे आकार में मौजूद है।
कहां खो गए आगरा के 115 तालाब
Posted on 10 Feb, 2010 07:00 PMआगरा। जब बाड़ ही खेत को खाने लगे तो भला कौन बचा सकता है। शहर के तालाबों के साथ प्रशासन ने कुछ ऐसा ही रवैया अपना रखा है। रसातल की ओर सरकते जल स्तर से बेफिक्र प्रशासन सहित सभी सरकारी विभाग तालाबों को समतल कर उन्हें भूमाफियाओं के मनमाफिक बनाते जा रहे हैं। हद तो यह है कि पानी की कीमत पर मालपानी ऐंठने के लिए हाईकोर्ट तक को गच्चा दे दिया। सवाल उठता है कि कभी सैकड़ों की संख्या में दिखने वाले तालाब आखि