In our quest to spotlight dedicated entrepreneurs in the water sector, we bring you the inspiring story of Priyanshu Kamath, an IIT Bombay alumnus, who pivoted from a lucrative corporate career to tackle one of India's most intricate water quality challenges, that of pollution of its urban water bodies.
जानिए क्या कारण है कि चंपावत जिले की एकमात्र झील श्यामलाताल आज अपने अस्तित्व को तलाश रही है और तकरीबन 7 मीटर गहरी झील में अब सिर्फ एक से डेढ़ मीटर पानी रह गया है।
Posted on 11 Jan, 2014 10:44 AM10 जनवरी 2014, महोबा। जिले के विकासखण्ड कबरई का गांव सलारपुर मप्र जनपद छतरपुर की सीमा से सटा है। गांव के एक बरसाती नाले से लगा, किसान रामकृपाल पुत्र मनुवा व उसके छोटे भाई बाबूलाल की 3 एकड़ ढालूदार, बालू कंकड़ युक्त जमीन है, जिसमें उपजाऊ मिट्टी और सिंचाई के पानी के अभाव में नाम मात्र की फसल हाथ लगती रही है। शायद ही कभी इस जमीन से फायदे की फसल काटने का सौभाग्य मिला हो।
Posted on 11 Jan, 2014 10:25 AM11 जनवरी 2014, महोबा। बदहाली के मुकाम में ठहरे बुंदेलखंड को खुशहाली को राह में लाना कोई आसान बात नही हैं जो किसी संस्था अथवा सरकार के संसाधनों मात्र से हो सके। इस तरह के बदलाव सिर्फ व सिर्फ समुदाय व समाज की अपनी समझ और चाहत से सम्भव है। ऐसा ही कुछ बदलाव बुंदेलखंड में किसानों के खेतों पर श्रृंखलाबद्ध बनते तालाबों से आसार नजर आ रहे हैं। जहां बदहाली का डेरा है।
Posted on 10 Jan, 2014 10:08 AM9 जनवरी 2014, महोबा। जिले में खेतों की प्यास बुझाने के लिए गांव-गांव से किसानों के तालाब की फेहरिस्त और सूचनाओं का ब्यौरा सुबह से शाम तक मिलना आम बात होती जा रही है, जो अपने खेत के पांचवें-दसवें हिस्से में अपना तालाब बनाने के इच्छुक हैं। पर इसी जिले के एक गांव की महिला किसान का हौसला देखते ही बनता है, जिसने अपने खेत को तालाब में तब्दील कर दिखा दिया।
Posted on 09 Jan, 2014 08:26 AM अमर उजाला ब्यूरो, 19 नवंबर 2013, बाँदा। बुंदेलखंड के सूखे खेतों को तालाबों के पानी से तर करने के लिए अब किसानों ने खुद बीड़ा उठाया है। मेहनती किसान अपने खेतों में निजी तालाब खोद रहे हैं। फिलहाल यह अभियान पानी के लिए डार्क जोन घोषित हो चुके महोबा में जोरशोर में चल रहा है। यहाँ छह माह में एक सैकड़ा से ज्यादा तालाब खोदे जा सके हैं। लक्ष्य इस वर्ष एक हजार तालाब खोदने का हैं महोबा के जिलाधिकारी भी
Posted on 07 Jan, 2014 11:30 PM 22 दिसम्बर 2013; महोबा जिले के बरबई गाँव में ‘अपना तालाब अभियान’ विस्तार कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की चर्चा का केंद्र था कि प्रतिभागी किसान आपस में अपने-अपने तालाबों के अनभुव का विनिमय तथा खेतों की जरूरत के अनुरूप आवश्यक विस्तार कार्य योजना।
Posted on 05 Nov, 2013 10:54 AMએકતા મહિલા મંડળના હેમલતાબહેન શાહે પાણી બચાવવાની રીત રજુ કરતું બાળગીત ગવડાવ્યું હતું. મુન્દ્રા રોડ રિલોકેશન સાઇટ ચાર રસ્તા પંચાયતી પ્રાથમીક શાળાના આચાર્ય ઉપેન્દ્રભાઇ ઠાકરે આ સ્કૂલમાં કેવી રીતે કામગીરીનું આયોજન કરવામાં આવ્યું તે અંગેની માહિતી રજૂ કરી હતી અને એકટના ગોપાલ રીલે અમલીકરણ કરવામાં આવેલી કામગીરીને વિસ્તારપૂર્વક વિદ્યાર્થીઓને સમજાવી હતી.
Posted on 27 Sep, 2013 11:21 AM23 नवंबर 2012, जागरण प्रतिनिधि, महोबा। यह महज एक जलाशय नहीं है। कीरत सागर नाम के दोहरे निहितार्थ हैं। लगभग दो सौ एकड़ में फैले क्षेत्र में इसे सागर का स्वरूप दिया तो 1100 साल पहले इसी के तटबंध में चन्देली सेनाओं ने दिल्ली नरेश पृथ्वीराज चौहान के छक्के छुड़ा अपनी कीर्ति पताका फहराई। शायद इसीलिये महाराजा कीर्तिवर्मन ने इसका नाम कीरत सागर रखा। महोबा के शौर्य की मूक गवाह पुरातत्व संरक्षित यह धरोहर अवैध
Posted on 25 Nov, 2012 10:17 AMकिसी भी जिले या शहर की संस्कृति को अक्षुण्ण बनाये रखने का एक कारक तालाब भी है। इससे वहां की खूबसूरती भी बढ़ती है। युगो-युगों से नगर के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के रूप में तालाबों को स्वीकार किया गया है। इतिहास गवाह रहा है कि मानव सभ्यता का विकास किसी नदी के किनारे ही हुआ है। भारतीय सभ्यता संस्कृति का शैशव काल यानी सिंधु घाटी सभ्यता के मोहनजोदड़ो से प्राप्त विशाल स्नानागार इतिहास में जिसकी चर्चा
Posted on 25 Nov, 2012 01:16 AMमछलीपालन की दिशा में बड़ा प्रयास मुजफ्फरपुर में बंदरा प्रखंड के मतलूपुर के किसानों ने किया है। यहां 85 एकड़ भूमि पर एक साथ मछलीपालन किया जायेगा। इसमें 24 किसानों की भूमि शामिल है। इसकी शुरुआत हो गयी है। तालाब बन गये हैं। दो तालाबों में मछलीपालन का काम शुरू हो चुका है। बाकी में फरवरी तक मछलीपालन शुरू हो जायेगा। यह बिहार का अभी तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट माना जा रहा है, जब यहां से पूरी तरह से मछली