Posted on 26 Mar, 2010 09:29 AM कपड़ा पहिरै तीनि बार। बुध बृहस्पत सुक्रवार।। हारे अबरे इतवार। भड्डर का है यही बिचार।।
भावार्थ- वस्त्र धारण करने के लिए बुध, वृहस्पति और शुक्रवार का दिन विशेष शुभ होता है। अधिक आवश्यकता पड़ने पर रविवार को भी वस्त्र धारण किया जा सकता है, ऐसा भड्डरी का विचार है।
Posted on 25 Mar, 2010 04:35 PM सातै पाँच तृतीया दसमी, एकादसि में जीव। एहि तिथिन पर जोतहू, तौ प्रसन्न हो सीव।।
भावार्थ- ऐसा माना जाता है कि सप्तमी, पंचमी, तृतीया, दशमी और एकादशी में जीव का निवास होता है। यदि इन तिथियों में खेत की जुताई की जाये तो शिव जी प्रसन्न होते हैं।