Posted on 25 Mar, 2010 04:31 PM रिक्ता तिथि अरु क्रूर दिन, दुपहर अथवा प्रात। जो संक्रान्ति सो जानियो, संबत महँगो जात।।
भावार्थ- रिक्ता (चौथ, नवमी और चुतर्दशी) तिथि और क्रूर दिन (जैसे शनि-मंगल) को यदि दोपहर या प्रातः काल में संक्रान्ति पड़े तो समझना चाहिए कि संवत् महँगा जायेगा। अर्थात् वर्ष भर महँगाई रहेगी।
Posted on 25 Mar, 2010 04:12 PM मास ऋष्य जो तीज अँध्यारी, लेहु जोतिसी ताहि विचारी। तिहि नक्षत्र जो पूरनमासी, निहचै चन्द्रगहन उपजासी।।
भावार्थ- महीने की कृष्ण पक्ष की तृतीया को कौन सा नक्षत्र है ज्योतिष से इसका विचार कर लेना चाहिए। यदि उसी नक्षत्र में पूर्णिमा पड़े तो निश्चय ही चन्द्र ग्रहण होगा।
Posted on 25 Mar, 2010 04:08 PM मूल गल्यो रोहिनि गली, अद्रा बाजी बाय। हाली बेंचो बरधिया, खेती लाभ नसाय।।
भावार्थ- यदि मूल और रोहिणी नक्षत्र में बादल छाये हों और आद्रा नक्षत्र में हवा चल रही हो तो किसान को चाहिए कि वह जल्दी से बैलों को बेच डालें क्योंकि खेती में लाभ की सम्भावना नहीं है।