सनि चक्कर की सुनिये बात


सनि चक्कर की सुनिये बात। मेष राशि भुगतै गुजरात।।
वृष में करै निरोधाचार। भूवै आबू औ गिरनार।।

मिथुने पिंगल और मुलतान। कर्के कास्मीर खुरसान।।
जो सनि सिंहा करसी रंग। जो गढ़ दिल्ली होसी भंग।।

जो सनि कन्या करै निवास। तो पूरब कछू माल बिनास।।
तुला वृश्चिकै जो सनि होय। मारवाड़ ने काट विलोय।।

मकरा कुंभा जो सनि आवै। दीन्हों अन्न न कोई खावै।।
जो धन मीन सनीचर जाइ। पवन चलै पानी जु नसाय।।


भावार्थ- भड्डरी का कहना है कि यदि शनि मेष राशि पर है तो गुजरात कष्ट भोगेगा। यदि शनि वृष राशि पर है तो सभी प्रकार के सुख छिन्न-भिन्न हो जायेंगे और आबू गिरनार प्रान्त दुख भोगेगा। यदि शनि मिथुन राशि पर है तो पिंगल (उत्तर-पश्चिम) देश और मुल्तान, कर्क राशि पर है तो कश्मीर और खुरासान में संकट आयेगा। यदि शनि सिंह राशि पर हो तो दिल्ली का राज बंग होगा। शनि यदि कन्या राशि पर हो तो पूर्व दिसा को हानि पहुँचायेगा और तुला तथा वृश्चिक राशि पर शनि है तो मारवाड़ भूखों मरेगा। शनि यदि मकर और कुंभ राशि पर हो तो इतना भीषण कष्ट पड़ेगा कि दिया हुआ अन्न भी व्यक्ति नहीं का पायेगा। शनि यदि धनु और मीन राशि पर है तो हवा तेज चलेगी और सूखा पड़ेगा।

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Post By: tridmin
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