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समाचार और आलेख
खत्म हो वायु प्रदूषण
Posted on 05 Jun, 2019 05:29 PM
1974 से हर साल विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को मनाया जा रहा है। वैश्विक संकट बन चुके वायु प्रदूषण को रोकने के लिए इस बार की थीम ‘बीट एयर पाॅल्यूशन’ बनाई गई है। इस बार डब्ल्यूईडी की मेजबानी एशियाई देश चीन कर रहा है।
ऐसे हुई मनाने की शुरूआत
भविष्य को ध्यान में रखते हुए करें प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग- त्रिवेंद्र सिंह रावत
Posted on 05 Jun, 2019 03:35 PM
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पर्यावरण के प्रति देश में हमेशा में चिंता रही है। हमारी संस्कृति वनों की संस्कृति होने के कारण हमने इसे करीब से समझा भी है। वनों में रहने वाले लोगों ने वनों की रक्षा भी की हैं, लेकिन कुछ समय बाद वनों को हम अपनी संपदा समझने लगे, जिसका दुष्परिणाम अब सभी को भुगतना पड़ रहा है।
गंगा स्वच्छता के लिए जागरुकता आवश्यक
Posted on 04 Jun, 2019 12:42 PM
गंगा की अवरिता तथा निर्मलता व अस्मिता को छिन्न- भिन्न करने के लिए राजनेताओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। गंगा अपनी सफाई खुद कर लेती है। यह कार्य अनादि काल से होता आ रहा है। जिसके लिए बजट निर्गत करने की जरूरत है। इसके बाद भी गंगा की स्वच्छता खत्म हो रही है। इसके लिए लोगों को भी जागरुक होने की जरूरत है।
विकेंद्रकीकृत प्रबंधन पर हो जोर
Posted on 03 Jun, 2019 01:04 PM
बढ़ते सुखाड़ का घाव अब नासूर बन चुका है। अगले पांच साल बाद हालात बेहद गंभीर होंगे। जरूरत राहत की नहीं, रोग की जड़ पर जाकर उसका नाश करने की है। सिंचाई और उद्योग-पानी के दो सबसे बड़े उपभोक्ता हैं। इन दोनों से उनकी जरूरत के पानी के इंतजाम की जवाबदेही खुद उनके हाथ में देने की प्राथमिकता पर लाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है।
सौंग, जाखन में खनन बंद
Posted on 25 May, 2019 12:20 PM
देहरादून की मुख्य नदी सौंग और जाखन में 26 मई से खनन नहीं होगा। केन्द्र से खनन के लिए मिली 10 साल की मंजूरी 25 मई को खत्म हो रही है। फिलहाल दोबारा अनुमति की उम्मीद नहीं है।
वन निगम को सौंग नदी में तीन और जाखन नदी में दो लाॅटों के लिए खनन की मंजूरी 26 मई 2009 में मिली थी। जो 10 साल के लिए वैध थी, 25 मई के बाद यहां खनन नहीं होगा।
गंगा की अविरलता जरूरी
Posted on 23 May, 2019 11:45 AM
जल पुरूष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि गंगा की अविरलता के लिए अब पूरे देश में जन-जागृति शुरु कर दी है। गंगा की अविरलता के लिए देश की नई सरकार एवं सांसदों से मिलजुल कर कार्य किया जाएगा। यदि इसके बाद भी कार्यवाही नहीं होती है, तो गंगा के लिए सत्याग्रह किया जाएगा।