देहरादून की मुख्य नदी सौंग और जाखन में 26 मई से खनन नहीं होगा। केन्द्र से खनन के लिए मिली 10 साल की मंजूरी 25 मई को खत्म हो रही है। फिलहाल दोबारा अनुमति की उम्मीद नहीं है।
वन निगम को सौंग नदी में तीन और जाखन नदी में दो लाॅटों के लिए खनन की मंजूरी 26 मई 2009 में मिली थी। जो 10 साल के लिए वैध थी, 25 मई के बाद यहां खनन नहीं होगा।
खनन के डीएलएम शेर सिंह ने कहा, दोनों नदियों में 25 मई के बाद खनन नहीं हो सकेगा। दोबारा परमिशन के लिए प्रस्ताव भेजा है। अनुमति मिलते ही दोबारा खनन चालू किया जाएगा।
इन नदियों से रोजाना करीब 10 हजार टन बजरी या रेत की निकासी होती है। इससे दून और आसपास की जरूरतें पूरी होती हैं। इन नदियों से निकाला जा रहा खनिज लोगों को कम दामों पर भी मिलता है। इसमें ढुलान की लागत कम होती है, लेकिन अब खनन बंद होने से रेत बजरी की सप्लाई कम होगी।
दूसरा बाहर से आने वाला माल महंगा भी मिलेगा। देहरादून के डीएफओ ने कहा, खनन बंद होने के बाद अवैध खनन की आशंका बढ़ जाएगी। इसके लिए पूरी निगरानी रखी जाएगी। इसमें ड्रोन की भी मदद ली जा रही है
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