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समाचार और आलेख
आपदाओं की गाज
Posted on 27 Nov, 2023 04:35 PMमध्यप्रदेश हर साल बेमौसम बारिश के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। बारिश के कारण फसलें चौपट हो रही हैं। इससे किसानों का हर साल हजारों करोड़ का नुकसान हो रहा है। लेकिन आपदाओं की गाज केवल मप्र ही नहीं बल्कि दुनियाभर के किसानों पर गिर रही है। पिछले तीन दशकों में किसानों को आपदाओं के चलते करीब 316.4 लाख करोड़ रुपए (380,000 करोड़ डॉलर) का नुकसान उठाना पड़ा है। मतलब कि इन आपदाओं के कारण
सिंचाई के पानी की कमी से जूझता मध्यप्रदेश आज उठाए कदमों पर निर्भर है कल का भविष्य
Posted on 27 Nov, 2023 04:08 PMमध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज म चुका है, इसलिए दोनों प्रमुख राष्ट्रीय दलों, भाजपा और कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में सिंचाई के पानी की कमी को एक राजनीतिक मुद्दा बना दिया है। राज्य के कई क्षेत्रों में गर्मियों के दौरान पीने के पानी की कमी के साथ-साथ किसानों को सिंचाई के लिए पानी आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाता है। हर घर में नल से पानी पहुंचाने के अभियान और कई सिंचाई परियोजनाओं के चलते राज्य
परमाणु बिजली घर और सेहत
Posted on 27 Nov, 2023 03:41 PMपरमाणु प्रतिष्ठान दुनिया भर में यह आकलन करने में लापरवाही बरतता है कि उसके क्रियाकलापों का पर्यावरण व सेहत पर क्या असर होता है। उचित आकलन तो छोड़िए, कई देशों में तो इस बाबत आंकड़े भी इकट्ठे नहीं किए जाते और इस तरह के आंकड़े लोगों को बताना तो कहीं नहीं किया जाता है। भारत में भी बरसों तक परमाणु सम्बंधी बहस निरर्थक ही थी क्योंकि दोनों ही पक्षों के पास परमाणु गतिविधि के प्रभाव सम्बंधी पर्याप्त आंकड
जंगल नामा
Posted on 25 Nov, 2023 04:25 PMदेश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली हो या फिर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल हर जगह प्रदूषण बढ़ रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह है पेड़ों की अंधाधुंध कटाई। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, विश्व में वायु प्रदूषण से प्रतिवर्ष अनुमानित 35,00,000 लोगों की मौतें हो जाती हैं, जिसमें पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की 2,37,000 से अधिक मौतें शामिल हैं। भारत में वायु प्रदूषण के कारण कुल 16.7 लाख लोगों की मौत हुई, जिसमें 9
कटिबंधीय कृषि में नाइट्रस ऑक्साइड
Posted on 25 Nov, 2023 04:09 PMइस बात के कई सारे प्रमाण मौजूद हैं कि खेती में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से वायुमंडल में बड़ी मात्रा में नाइट्रस ऑक्साइड छोड़ी जा रही है। नाइट्रस ऑक्साइड की चर्चा हमारे सरोकार का विषय इसलिए बनी क्योंकि यह एक ग्रीनहाउस गैस है और मानवजनित ग्रीनहाउस प्रभाव का 6% है। समताप मंडल (स्ट्रेटोस्फियर) की ओजोन परत को क्षीण करने में इसका प्रमुख हाथ है।
बांध बनाम लोग
Posted on 25 Nov, 2023 03:55 PM1999 की शुरुआत में सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई 88 मीटर करने के बाद नर्मदा घाटी में लगातार दूसरे वर्ष सूखा पड़ा है। लेकिन बावजूद इसके अपने पूर्वजों की जमीन को अपने कब्जे में रखने के लिए नर्मदा घाटी में आदिवासियों का संघर्ष जारी है। लेकिन बांध विरोधी अभियान को उसकी असली सफलता तो बिना शोरगुल के मिली जब लोगों ने अपने जीवन पर केवल अपना नियंत्रण बनाए रखने हेतु नए कदम उठाए।
तीन गुणा बढ़ जाएगी भूजल में गिरावट की दर
Posted on 25 Nov, 2023 03:42 PMभूजल-आपदा
दुनियाभर में बढ़ता तापमान अपने साथ अनगिनत समस्याएं भी ला रहा है, जिनकी जद से भारत भी बाहर नहीं है। ऐसी ही एक समस्या देश में गहराता जल संकट है जो जलवायु में आते बदलावों के साथ और गंभीर रूप ले रहा है। इस बारे में अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं द्वारा किए नए अध्ययन से पता चला है कि बढ़ते तापमान और गर्म जलवायु के चलते भारत आने वाले दशकों में अपने भूजल का कहीं ज
कैसे साफ हो गंगा ? गंगा थक चुकी मैला ढोते ढोते
Posted on 25 Nov, 2023 03:04 PMगंगा में 60 फीसदी सीवेज की निकासी जारी है, वह भी तब जब राष्ट्रीय नदी के बिगड़े रंग-रूप को बदलने के लिए 30 हजार करोड़ रुपए खर्च करने का बजट बनाया गया था। स्थिति यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय गंगा परिषद के गठन को करीब छह वर्ष बीतने वाले हैं और अभी तक सिर्फ एक बार ही बैठक की जा सकी है।
आओ ! नदियों को बचाएं
Posted on 25 Nov, 2023 01:58 PMमानव सभ्यता का विकास नदियों के तट पर हुआ। नदियों को मानव ने जल स्रोत और जीवनोपयोगी साधन जुटाने का माध्यम बनाया। सिंधु घाटी की सभ्यता, नील नदी घाटी सभ्यता से लेकर अद्यतन मानव और जीव जंतुओं का जीवन का आधार भी नदियाँ ही हैं। यह परिवहन और कृषि कार्य के लिए भी अत्यंत उपयोगी हैं।
हिंडन नदी को प्रदूषण मुक्त करने को बैठक
Posted on 24 Nov, 2023 03:50 PMगाजियाबाद, उत्तर प्रदेश पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए जीवनदायिनी मानी जाने वाली हिंडन नदी अत्यधिक जनसंख्या, शहरीकरण, और तीव्र औद्योगिक और कृषि गतिविधियों के साथ सामरिक प्रदूषण और पानी की कमी का सामना करते हुए अपने मूल स्वरूप को खो रही है।