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सरदार सरोवर विवाद
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से सरदार सरोवर की ऊंचाई 90 मीटर करने की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है। यह बात अलग है कि इस ऊंचाई से होने वाले संभावित विस्थापितों के पुनर्वास की दिशा में कोई गम्भीर पहल नहीं हुई है (गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसला में कहा गया था कि फैसले से तीन सप्ताह के भीतर ही विस्थापितों का पूर्ण पुनर्वास किया जाएगा)। नर्मदा बचाओ आंदोलन ने इस मामले में राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की थी। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर माननीय राष्ट्रपति के अभिभाषण में कहे इन शब्दों "नदी घाटी परियोजनाएं आदिवासियों को उजाड़ रही हैं" से विस्थापित हो रहे लोगों में कुछ आशा जगी है। इस मसले पर चर्चा बदस्तूर जारी है। इसी चर्चा की एक कड़ी की बतौर प्रस्तुत है प्रवीण कुमार का यह लेख । Posted on 06 Dec, 2023 02:18 PM

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सरदार सरोवर बांध के निर्माण को हरी झण्डी दे दी, जो पिछले छह वर्षों से रुका पड़ा था। इस संदर्भ में कुछ तथ्य गौरतलब हैं। पिछले वर्ष भारत के कम्प्ट्रोलर व ऑडिटर जनरल (सी.ए.जी.) ने अपनी रिपोर्ट में उसी बात की पुष्टि की थी जिसे कई समितियां कहती आई हैं इन्दिरा सागर व सरदार सरोवर परियोजना के प्रभावित लोगों के पुनर्वास की स्थिति अत्यन्त घटिया है। मेग्सेसे पुरस्कार से सम्मानि

सरदार सरोवर विवाद
जी20: पृथ्वी, लोग, शांति और समृद्धि के लिए
भारत की जी20 की अध्यक्षता एक मील का पत्थर है जो सफलतापूर्वक जलवायु और विकास दोनों मुद्दों का समर्थन कर रही है और यह पहचान रही है कि देशों को गरीबी उन्मूलन और पर्यावरण संरक्षण के बीच चयन नहीं करना चाहिए। सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों का नेतृत्व करने में हमारे अपने अनुभवों से प्रेरणा लेते हुए भारत के विकासात्मक मॉडल ने वैश्विक स्तर पर लोकप्रियता हासिल की है। यह सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं है कि भारत ने समावेशिता का समर्थन किया है। जनभागीदारी कार्यक्रमों के माध्यम से, देश भर के नागरिक जी20 से संबंधित कार्यक्रमों और गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल हुए। Posted on 01 Dec, 2023 12:38 PM

हमारी जी20 की अध्यक्षता की शुरुआत में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्पष्ट अधिदेश दियाँ गया था कि यह एक महत्वाकांक्षी और समावेशी अध्यक्षता होनी थी, जिसने अपने केंद्र में ग्लोबल साउथ के हितों को रखा था। हमने इस निदेश को पूरे दिल से अपनाया, हर बाधा को एक अवसर में बदल दिया और इस प्रक्रिया में हमने एक असाधारण उपलब्धि हासिल की नई दिल्ली लीडर्स घोषणा (एनडीएलडी) जिसमें 83 पैराग्राफ शामिल थे.

बहुत बड़ा सबक है सिलक्यारा सुरंग हादसा
वैज्ञानिकों, विषय विशेषज्ञों, डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों, अमिकों और सुरक्षा कर्मियों, सेना व भारतीय वायुसेना के रात दिन अनवरत अथक परिश्रम और राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी द्वारा उत्तरकाशी में कैंप कर केन्द्र को एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित कर राहत व बचाव ऑपरेशन की रफ्तार को गति देने में जो अहम भूमिका निभाई, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है। इनकी लगन और मेहनत के बलबूते 17 दिन सुरंग में फंसे रहने और जिंदगी और मौत के बीच जुझते 8 राज्यों यथा हिमाचल, उत्तराखंड, असम, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के मजदूर बाहर आ सके और खुली हवा में सांस ले सके। Posted on 01 Dec, 2023 12:24 PM

उत्तराखंड में चार धाम सड़क परियोजना के तहत बन रही सिलक्यारा सुरंग के हादसे ने मुरंगों की सुरक्षा को लेकर तमाम सवाल खड़े कर दिए है जिन पर विचार किया जाना बेहद जरूरी है। साथ ही इस हादसे में 348 घंटे जिंदगी की जंग लड़ते रहे 41 मजदूरों की सकुशल जिंदा वापसी न केवल हर्ष का, गर्व का विषय है बल्कि इस आपदा के दौर में राहत व बचाव विचार कार्यों में देश की 15 से अधिक एजेंसियों के 650 से ज्यादा इंजीनियरों,

बहुत बड़ा सबक है सिलक्यारा सुरंग हादसा,Pc-Wikipedia
बड़ा तालाब भोजवेट लैंड की 1100 हेक्टेयर जमीन अब तक वानिकी अधिसूचित नहीं
17 लाख पेड़ों के संरक्षण में ये महत्वपूर्ण है, नोटिफिकेशन से तालाब किनारे ग्रीन लैंड बचाव हो सकेगा
Posted on 29 Nov, 2023 04:51 PM

बड़ा तालाब भोज वेटलैंड के 1100 हेक्टेयर क्षेत्रफल को वानिकी वन मंडल को दिए जाने के कैबिनेट के निर्णय के बावजूद अब तक इसे लेकर कोई नोटिफिकेशन नहीं हुआ है। जून में निर्णय हुआ था जिसके तहत भोज वेटलैंड की जमीन को अतिक्रमण और अवैध निर्माण से बचाते हुए यहां की ग्रीनरी को बरकरार रख कर नई ग्रीनरी विकसित करने का लक्ष्य रखा गया था। इसको लेकर गंभीरता दिखाते हुए नोटिफिकेशन जारी होता तो वानिकी वन मंडल यहां

बड़ा तालाब भोजवेट लैंड की 1100 हेक्टेयर जमीन अब तक वानिकी अधिसूचित नहीं
एस्ट्रोनॉट बनकर छुएं सफलता का आसमां
कमांडर की अंतरिक्ष यान के मिशन को सफलतापूर्वक संचालित करने और उड़ान को सुरक्षित ढंग से पूर्ण करने की जिम्मेदारी होती है फ्लाइट इंजीनियर यानी पायलट अंतरिक्ष यान को नियंत्रित और संचालित करने में कमांडर की सहायता करता है। इसके अतिरिक्त अंतरिक्षयान से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों एवं अन्य पेलोड ऑपरेशनों में फ्लाइट इंजीनियर कार्य करता है। Posted on 29 Nov, 2023 04:18 PM

एस्ट्रोनॉट बनने के लिए इंजीनियरिंग से स्नातक होना पहली शर्त है। वहीं एयरोस्पेस या एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री अतिरिक्त योग्यता के तौर पर काम कर सकती है एस्ट्रोनॉट बनने के लिए यह जानना जरुरी है एस्ट्रोनॉट क्या होता है और इनको करना क्या होता है?

एस्ट्रोनॉट बनकर छुएं सफलता का आसमां
तम्बाकू का ज़हरीला सफर
तम्बाकू प्रजाति की उत्पत्ति 8,000 वर्ष पूर्व बताई जाती है जब अमरीकी इण्डियन्स ने इसकी दो प्रजातियों (निकोठियाना रस्टिका और निकोटियाना टेबेकुम) को पूरे अमरीका में फैलाया था। तम्बाकू सोलेनेसी कुल का सदस्य है। निकोटियाना जींस में करीब 60 प्रजातियां हैं Posted on 29 Nov, 2023 03:38 PM

एक हुरोन इण्डियन कबीले में तम्बाकू की उत्पत्ति को लेकर एक रोचक दंतकथा है। इस दंतकथा के मुताबिक, "बहुत समय पहले, धरती बंजर थी और लोग भूख से मर रहे थे। उस समय पवित्र आत्मा ने मानव जाति की रक्षा के लिए एक स्त्री को धरती पर भेजा। धरती पर टहलते हुए जब उसका दायां हाथ मिट्टी को छूता तो वहां आलू पैदा होने लगते थे और जब उसका बायां हाथ मिट्टी को छूता तो मक्का लहलहाने लगती थी। आखिरकार जब दुनिया में भरपूर

तम्बाकू का ज़हरीला सफर
क्या चीज़ है नैनो-टेक्नॉलॉजी( What is Nanotechnology In Hindi)
आजकल नैनो-टेक्नॉलॉजी हरेक की ज़बान पर है। किसी भी विषय पर आयोजित होने वाले सम्मेलनों की संख्या से इस बात का संकेत मिल जाता है कि विज्ञान का कोई नया क्षेत्र सामने आ रहा है या फलने-फूलने लगा है। इसी प्रकार से सरकारी एजेंसियां भी इन नए विषयों/क्षेत्रों के लिए फण्ड देना शुरू कर देती हैं। Posted on 29 Nov, 2023 02:47 PM

प्रसिद्ध भौतिकशास्त्री और नोबल विजेता रिचर्ड फाइनमैन ने कहा था- "जहां तक मैं समझता हूं, भौतिकी के सिद्धांत चीज़ों के साथ परमाणु-दर-परमाणु फेरबदल की संभावना के खिलाफ कुछ नहीं कहते। वास्तव में यह (फेरबदल) किसी नियम का उल्लंघन नहीं है। सिद्धांतन ऐसा किया जा सकता है मगर व्यवहार में ऐसा हो नहीं पाया है क्योंकि हमारा अपना डीलडौल इतना विशाल है।अन्ततः हम रासायनिक संश्लेषण भी कर पाएंगे। कोई रसायनज्ञ आकर

नैनो-टेक्नॉलॉजी
रावतभाटा : परमाणु बिजलीघरों से बढ़ता स्वास्थ्य संकट
संघर्ष समिति द्वारा परमाणु बिजलीघरों के अधिकारियों पर दबाव डाला जाने लगा कि वे निकटस्थ ग्रामों के लोगों का स्वास्थ्य सम्बंधी सर्वेक्षण कराएं और देखें कि क्या उनमें विकिरण जनित बीमारियां बढ़ रही हैं। Posted on 29 Nov, 2023 01:53 PM

रावतभाटा में सन् 1973 में जब पहले परमाणु बिजलीघर का उद्घाटन हुआ था तो आसपास के पिछड़े क्षेत्रों के निवासियों ने इसका खुले दिल से स्वागत किया था। सोचा था कि इसके जरिए क्षेत्र के युवकों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और यह पिछड़ा क्षेत्र अपनी अर्थव्यवस्था के आधुनिकीकरण की दिशा में एक लम्बी छलांग लगा सकेगा। लेकिन न तो रोज़‌गार सृजन की दिशा में उनकी अपेक्षाएं पूरी हुई और न ही क्षेत्र के विकास को कोई

 परमाणु बिजलीघरों से बढ़ता स्वास्थ्य संकट
पीड़कनाशी - कितने सुरक्षित (Food and Pesticides)
कृषि के विकासक्रम में, उत्पादन को पर्याप्त बढ़ाने हेतु फसलों की रक्षा के लिए पीड़कनाशी अब एक महत्वपूर्ण साधन बन गए हैं। फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीट, फफूंद, कृमि इत्यादि को मारने वाली दवाओं के पूरे समूह को पीड़कनाशी (Pesticides) कहा जाता है। भारत में 140 से भी अधिक पीड़कनाशी उपयोग में हैं और उनका इस्तेमाल कुल 90,000 टन प्रति वर्ष के आसपास होता है। Posted on 29 Nov, 2023 01:39 PM

खाद्य पदार्थों के उत्पादन बढ़ाने, उन्हें लम्बे समय तक सुरक्षित रखने, ताज़ा रखने की कोशिश में कई तरह के रसायनों तथा पीड़कनाशियों का इस्तेमाल का इस्तेमाल किया जाता है। ब्रोमोफॉस, डी.डी.टी., क्लोरडेन, मैलाथियोंन, पैराथियॉन जैसे पीड़कनाशियों की लम्बी फेहरिस्त है। ताज़ा अनुसंधान बताते हैं कि इन खाद्य पदार्थों के ज़रिए पीड़कनाशियों का शरीर में प्रवेश खतरनाक है। एक अध्ययन...

गायब हो रही है हरियाली  
भोपाल की सड़कों के बीच और किनारे में बनाए गए ग्रीन बेल्ट पर कब्जे हो गए हैं, जिससे यहां हरियाली खत्म होती जा रही है। जबकि करोड़ों रुपए खर्च कर सड़क के सेंट्रल व साइड वर्ज में पेड-पौधे लगाकर हरियाली विकसित की गई है। लेकिन रसूखदार और जिम्मेदार मिलकर इस ग्रीन बेल्ट को खत्म करते जा रहे है इसको लेकर राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) ने दो वर्ष पहले किए अतिक्रमणों को चिन्हित किया था, साथ ही इसको लेकर एनजीटी में याचिका भी दायर की गई है। इस मामले में पर्यावरणविद सुभाष सी पाडे ने एनजीटी में याचिका दायर की है। Posted on 27 Nov, 2023 04:42 PM

मध्यप्रदेश में हरियाली बढ़ाने के लिए हर साल पौधारोपण होता है और करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं, लेकिन उसके बाद भी हरियाली गायब हो रही है। खासकर प्रदेश के महानगरों में तो स्थिति विकट होती जा रही है। इंदौर में आसपास तो हरियाली है, लेकिन शहर के भीतर सूखे की स्थिति है। यह तब है, जब पांच साल में निगम ने पौधारोपण पर 10 करोड़ खर्च किए हैं। हालांकि 75 फीसदी रकम सजावटी पौधों पर खर्च को गई, जिसके कारण 20

गायब हो रही है हरियाली  
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