उत्तराखंड

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यमुना और टौंस के अस्तित्व पर भारी संकट
Posted on 14 Mar, 2016 01:17 PM
यमुना, टौंस, रूपिन तथा सूपीन की घाटियाँ अपनी जल प्रचुरता, उत्
समझाती रही नानी पानी की कहानी
Posted on 12 Mar, 2016 04:02 PM
ज्यादातर परिवारों में पवित्र गंगाजल को अनमोल बताकर पानी की फिजूलखर्ची नहीं करने का संस्कार देने वाले हमारे बुजुर्ग ही होते हैं। पर हम कहाँ समझ पाये थे गंगाजल की ही तरह पानी का भी मितव्ययिता से उपयोग करने का यह सन्देश।
पेयजल, क्या है साधन और समस्या
Posted on 12 Mar, 2016 01:53 PM
पेयजल की समस्या को देखते हुए सन 1977 में अर्जेन्टिना में संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन हुआ था। सम्मेलन में 1981-90 को अन्तरराष्ट्रीय जल आपूर्ति एवं स्वच्छता दशक के रूप में मनाए जाने का फैसला किया गया। उस फैसले के अनुसार संयुक्त राष्ट्रसंघ की विभिन्न एजेंसियों द्वारा सन 1990 तक विकासशील देशों की 2 अरब जनसंख्या को पेयजल उपलब्ध कराने का कार्यक्रम तैयार किया गया। इस कार्यक्रम से सम्बन्धित प्रस्त
पुनर्जीवन बन सकता है: भूजल पुनर्भरण
Posted on 12 Mar, 2016 01:15 PM
भूगर्भ में जल उत्पन्न तो होता नहीं, वहाँ पाया जाने वाला सम्पूर्ण जल ऊपरी धरातल से समाया हुआ जल होता है, जो वर्षा काल में बरसा हुआ जल रिस-रिस कर अन्दर पहुँचता है। जब से वर्षा का क्रम बदला है तब से ऊपरी जल का पृथ्वी में समाना भी कम हो गया है।
उच्छल जलधि तरंग
Posted on 12 Mar, 2016 12:26 PM
प्रतिदिन घर के बाहर-भीतर सीढ़ियाँ आदि सबमर्सिबल चला कर धोना आम बात है। जो काम एक-दो बाल्टी से हो सकता है, उसमें इतना पानी व्यर्थ बहाना क्या बुद्धिमानी है? क्या सबमर्सिबल चलाकर हम ऊर्जा का दुरुपयोग नहीं करते? क्योंकि इन इलाकों में पानी की कमी नहीं होती अतः पानी व्यर्थ करना इनका जन्म सिद्ध अधिकार है।
पानी बीमा - एक सुरक्षित निवेश
Posted on 11 Mar, 2016 03:53 PM
एक विचारशील व्यक्तित्व होने के नाते यह हमारा उत्तरदायित्व बनता है कि हम प्रकृति संरक्षण के लिये छोटा सा ही सही पर अपना कदम जरूर रखें। एक समन्वित नीति का प्रयोग कर हम जल संरक्षण के लिये उचित कदम उठा सकते हैं।
मछलियों का रोचक संसार
Posted on 11 Mar, 2016 03:39 PM
मछलियों का संसार बड़ा विचित्र और रोमांचक है। इन्हें जल की रानी या जलपरी कहा गया है। पानी में ही जन्म लेने, पलने और विचरण करने वाली इन मछलियों की अनन्त किस्में हैं। आइए, ऐसी ही कुछ अजब अनोखी मछलियों से आपका परिचय कराएँ -
नर्मदा - मध्यभारत की जीवनरेखा
Posted on 11 Mar, 2016 03:23 PM
नर्मदानर्मदा भारत में पाँचवीं सबसे बड़ी नदी है। यह 1312 कि.मी.
जल का महत्व
Posted on 11 Mar, 2016 01:25 PM
जीवन का अनमोल सौगात है जल,
सुखमय जीवन का नवप्रभात है जल,
लोक कल्याण का जीवन संगीत है जल,
ऊर्जा स्रोत का सतरंगी उद्गम का मीत है जल।

सभ्य संस्कृति का सम्मान है जल,
जीवन का सच्ची पहचान है जल,
प्यासे लोगों का अमृत रूपी जान है जल,
प्रकृति का अनूठा वरदान है जल।

सृष्टि का परिधान है जल,
जीव-जन्तुओं का जान है जल,
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