मछलियों का संसार बड़ा विचित्र और रोमांचक है। इन्हें जल की रानी या जलपरी कहा गया है। पानी में ही जन्म लेने, पलने और विचरण करने वाली इन मछलियों की अनन्त किस्में हैं। आइए, ऐसी ही कुछ अजब अनोखी मछलियों से आपका परिचय कराएँ -
1. झींगा मछली के रक्त का रंग लाल की बजाय काला होता है।
2. कटलफिश नामक मछली के रक्त का रंग नीला होता है। इसके एक नहीं तीन हृदय होते हैं। स्टोन फिश नामक मछली इतनी जहरीली होती है कि उसके छूने भर से इंसान की मौत हो सकती है।
3. गम्बुशिया मछली मलेरिया के मच्छरों का नाश करती है।
4. ट्रीगर नामक मछली की पीठ के अन्दर नुकीला काँटा होता है। जब उसे खतरा दिखाई देता है, वह उस काँटे को ऊपर कर लेती हैै और खतरा टलते ही उसे भीतर कर लेती है।
5. सर्जन मछली की पूँछ पर तीखी धार वाले नश्तर पाये जाते हैं। इसमें रंग बदलने के अद्भुत गुण है।
6. सोलोमन नामक मछली सीढ़ियाँ भी चढ़ सकती है।
7. चाऊपिन नामक मछली जब तैरती है तो घंटी जैसी आवाज करती है।
8. तारपीडा नामक मछली करंट पैदा करती है।
9. फाइजेटेक्स नामक मछली जब तैरती है तो ऐसा लगता है कि टार्च चलाकर तैर रही है।
10. स्टार मछली लड़ाकू होती है। लड़ाई में एक भुजा टूट जाने पर नई भुजा उत्पन्न हो जाती है।
11. वोफिन फिश अंडे देने के बाद उन्हें खाने का प्रयत्न करती है। इस बात पर नर और मादा में लड़ाई होती है। यदि नर जीतता है तो वह उसे मादा को खाने नहीं देता और स्वयं उनकी देखभाल करता है।
12. मिलिया बिट्टा नामक मछली अंडे की बजाय बच्चे पैदा करती है।
13. मिसिसिपी नदी की घाटी में एक विचित्र किस्म की मछली पाई जाती है जो कुत्तों के समान भौंकती है।
14. व्हेल शार्क सबसे बड़ी मछली है जो 12 मीटर लम्बी और 15 टन भारी हो सकती है।
15. विशालकाय सफेद शार्क मछली आदमखोर होती है।
16. प्ला बक नामक मछली अपना सारा जीवन खारे या मीठे पानी में व्यतीत करती है।
17. पायलट मछलियाँ राह भटकी हुई मछलियों को रास्ता दिखाती हैं। राह दिखाने हेतु काफी दूर तक उनके साथ जाती हैं।
18. ग्लासफिश का शरीर पारदर्शी होता है जिसकी वजह से उसके शरीर के भीतरी अंग भी बाहर से दिखाई देते हैं। पारदर्शी होते हुए भी ये रंग-बिरंगी होती है।
19. मध्य हिन्द महासागर के चागोस द्वीप समूह की बौनी पिगमी गोबी सबसे छोटी समुद्री मछली है जिसकी औसत लम्बाई 8.6 मिलीमीटर है। समाओ की बौनी गोबी का वजन मात्र 2 मिलीग्राम होता है।
20. सेलफिश सबसे तेज चाल वाली मछली है जो कि 109 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से तैर सकती है।
21. उत्तरी अमेरिका की बड़ी झीलों में पाई जाने वाली स्टर्जन मछली 82 वर्ष तक जीवित रह सकती है। बेसोगिनस प्रोफांडिसिमस नामक दुर्लभ मछली 8 हजार मीटर की गहराई में भी पाई जाती है। महासागरों में पाई जाने वाली सनफिश नामक मछली एक बार में तीस करोड़ तक अंडे देती है।
22. फ्लोरिडा की टूथ कार्प नामक मछली सबसे कम यानी 20 अंडे देती है।
23. इलेक्ट्रिक ईल नामक मछली 650 वोल्ट विद्युत करंट प्रवाहित कर सकती है।
24. कटलफिश पर जब कोई शत्रु हमला करता है तो यह अपने थैले से स्याही जैसा काले रंग का पदार्थ शत्रु की ओर छोड़ती है जो धुएँ जैसे बादल पैदा करता है।
25. लांगफिश नामक मछली गलफड़ों की बजाय फेफडों से साँस लेती है।
26. फ्लाइंग फिश हवा में उड़ती भी है। उड़ते समय इनके फिन्स फैल जाते हैं। उड़ने से पहले इसे हवाई जहाज की भाँति दौड़ना पड़ता है।
27. ईल नामक मछली को जमीन पर चलने में भी कोई परेशानी नहीं होती है। ये अपनी त्वचा से साँस लेती है। यह जमीन पर भी जिन्दा रह सकती हैं।
28. एंगलर फिश नामक मछली प्रकाश पैदा करती है। इसके मुँह में प्रकाश पैदा करने वाले अंग होते हैं। अफ्रीका के तटीय क्षेत्रों में सिचेल्स द्वीपों पर अदृश्य हो जाने वाली मछलियाँ पाई जाती हैं। काले रंग की यह मछली दिखने में सामान्य मछलियों जैसी लगती है। लेकिन खतरा महसूस होते ही वे पारदर्शी होकर अदृश्य हो जाती है। वह एक घंटे तक अदृश्य रह सकती है।
29. मडस्किपर नामक मछली जब कीचड़ से बाहर निकलती है तो इसकी पूँछ ही श्वसन का माध्यम बनती है। इसकी पूँछ में असंख्य रक्त कोशिकाएँ होती हैं। कीचड़ में रहने वाली यह मछली जमीन पर भी रह सकती है तथा पेड़ों पर भी चढ़ सकती है।
30. समुद्री घोड़ा एक विचित्र प्रकार की मछली है। जिसका सिर घोड़े के सिर से मिलता है। इसका शरीर कड़ा और चिकना तथा पूँछ साँप जैसी होती है।
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