उत्तराखंड

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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस : एक बहुमुखी विषय
Posted on 08 Oct, 2016 12:14 PM
अभी हाल में ही हमारी किताब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का विमोचन पद्मभूषण श्री सुंदरलाल बहुगुणाजी, पद्मश्री श्री अनिल जोशी जी एवं हमारे संस्थान के निदेशक प्रो.
ग्लोबल वार्मिंग : पिघलते ग्लेशियर बढ़ा रहे हैं भूकम्पीय गतिविधियाँ
Posted on 04 Oct, 2016 04:16 PM
यह बहुत आश्चर्य की बात नहीं है कि ग्लोबल वार्मिंग पर बहुत असहमति एवं संशय है। हालाँकि प्रथम अनुभूति में ही यह एक बहुत बड़ी समस्या है जिससे हमें जूझना पड़ रहा है। यह पूरे ग्रह (प्लानेट) को एक साथ प्रभावित कर रही है। कुछ घटनाओं को हम देख नहीं सकते जैसे कि नये अध्ययन बताते हैं कि गहरे समुद्र में लहरें सामान्यत: बर्फ जैसी ठंडी होती हैं, वे भी गरम होना शुरू हो गई हैं। एक अन्य अध्ययन में वैज्ञानिकों
खनिज सर्वेक्षण में सुदूर संवेदन की उपयोगिता
Posted on 04 Oct, 2016 03:56 PM
संपूर्ण विश्व में औद्योगीकरण, तकनीकी विकास एवं निरंतर बढ़ती आवश्यकताओं के कारण खनिजों की खपत बढ़ती जा रही है। उन्नत देशों में नई खनिज संपदा मिलने की संभावना क्षीण है और वर्तमान के भंडार तेजी से खत्म हो रहे हैं। इसलिये यह आवश्यक हो गया है कि वर्तमान की खनिज सर्वेक्षण की तकनीकों में सुधार हो तथा अपारंपरिक एवं नयी सस्ती तकनीकों को व्यवहारीकरण की कसौटी पर परखने के पश्चात तुरंत उपयोग में लाया जाये।
उत्तराखंड का संक्षिप्त भूविज्ञान परिचय : आर्थिक विकास एवं चुनौतियाँ (A short introduction on Geology of Uttarakhand : Economic Development and Challenges)
Posted on 04 Oct, 2016 02:58 PM

उत्तराखंड के पहाड़ी भूभागों में पानी भूमिगत बहुत कम मात्रा में हो पाता है। क्योंकि बहाव की

उत्तर पूर्व हिमालय में भूकम्पलेखी (सिस्मोग्राफ) स्थापित करने का सफर : एक रोमांचक याद (A journey of Seismograph installation in North East Himalaya : An exciting Memoir)
Posted on 04 Oct, 2016 11:51 AM
बात तब की है जब मैंने सन 1985 में रुड़की विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग से एम. टेक.
एक्रीटार्क-एडियाकारन कल्प में उनका महत्व
Posted on 03 Oct, 2016 04:43 PM

एडियाकारन एक्रीटार्कों के प्रलेख विश्व में आस्ट्रेलिया, चीन, रूस, साइबीरिया, कनाडा, आदि स

सोरघाटी पिथौरागढ़ : अतीत से वर्तमान (Sorghati Pithoragarh : Past to Present)
Posted on 02 Oct, 2016 11:07 AM

वर्तमान में पिथौरागढ़ नगर में मात्र एक किला ऐतिहासिक धरोहर के रूप में मौजूद है जिसमें वर्त

सब्र का बाँध (Building Dam)
Posted on 01 Oct, 2016 04:10 PM

बाँध बनाने के पूर्व कुछ आवश्यक जाँच की जाती है। सबसे पहले नदी का वह भाग ढूंढ़ा जाता है, जह

इतिहास के सबसे कठिन दौर से गुजर रही है नैनीताल की खूबसूरत झील
Posted on 29 Sep, 2016 03:31 PM


नैनीताल। देश-दुनिया के सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र नैनीताल की खूबसूरत झील इस दौरान अपने इतिहास के सबसे कठिन दौर से गुजर रही है। एक दौर में बारहों महीने पानी से लबालब भरे रहने वाली नैनी झील अब पर्याप्त पानी के लाले पड़ गए हैं। इस साल की बरसात बीतने को है, पर नैनी झील अभी तक पूरी तरह पानी से भरी नहीं है।

पिथौरागढ़ के नौले-धारे, इतिहास बनने की राह पर
Posted on 25 Sep, 2016 12:01 PM
मैदान में रहने वाले लोगों के लिये पहाड़ों में बने नौले-धारे हमेशा से ही इस प्रकार के स्थान रहे हैं जिसको ये लोग बड़े आश्चर्यजनक तरीके से निहारते हैं। आखिर नौले-धारे जो कभी पहाड़ों की जान और शान हुआ करते थे, आज अपने अन्तिम दिनों की साँस ले रहे हैं। नौले-धारों की इस दुर्दशा के लिये जितनी दोषी सरकारें रही हैं वही इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जवाबदेही भी इस दुर्दशा के लिये कम नहीं है।

मैदान की बावड़ियों में जिस प्रकार से नीचे पानी और ऊपर सीढ़ियों का निर्माण होता था ठीक उसी प्रकार से चंद शासनकाल में बावड़ी स्थापत्यकला का शिल्पकारों ने पहाड़ों में नौलों का निर्माण किया। जो आज हम नौलों का स्वरूप देखते हैं वो आज से 300 साल पहले चंद शासनकाल में बने थे। चंद शासनकाल में पूरे कुमाऊँ क्षेत्र में इस प्रकार से नौलों का निर्माण हुआ था।
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