उत्तराखंड

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उफरैखाल में जल और जंगल की खेती
Posted on 07 Jul, 2015 07:19 PM हिमालयी पर्वतमालाओं की बर्फीली वादियों के हिमनदों और जल से लदे बाद
महिलाओं ने की मिसाल कायम
Posted on 16 Jun, 2015 03:12 PM उत्तरांचल के रूद्रप्रयाग जनपद की सुदूरवर्ती ग्राम पंचायत है - कोदि
इस बार चार धाम यात्रा के पुख्ता इन्तजाम
Posted on 24 Apr, 2015 11:16 AM प्रकृति सृजन का पर्याय भी है और प्रकोप के जरिए वह सन्तुलन भी स्थाप
उत्तराखण्ड में आपदा प्रबन्धन
Posted on 28 Feb, 2015 12:12 AM उत्तराखण्ड राज्य की भौगोलिक परिस्थतियाँ एवं संरचना ऐसी है जिसमें आ
उत्तरांचल : ऊर्जा प्रदेश बनने की व्यापक सम्भावनाएँ
Posted on 27 Feb, 2015 01:27 AM उत्तरांचल राज्य में कई ऐसी विशाल झीलें हैं जो बरसात में लबालब भरी र
व्यक्तिगत प्रयासों ने खोली तरक्की की राह
Posted on 11 Feb, 2015 12:33 AM उत्तराखण्ड राज्य में जनपद चम्पावत विकासखण्ड के अन्तर्गत एक छोटा-सा गाँव है— तोली। यह गाँव जनपद मुख्यालय से 45 कि.मी.
पहाड़ पर हरियाली की वापसी
Posted on 02 Dec, 2014 12:55 PM

लोग जैसे अपने खेतों की देखभाल करते हैं उसी तरह जंगल की देखभाल करने लगे। धीरे-धीरे उनकी मेहनत रंग लाने लगी। दो-तीन सालों में ही सूखे जंगलों में फिर से हरियाली लौटने लगी। बांज, बुरास, काफल के पुराने ठूंठों पर फिर नई शाखाएं फूटने लगीं। अंयार, बंमोर, किनगोड हिंसर, सेकना, धवला, सिंसाआरू, खाकसी आदि पेड़-पौधे दिखाई देने लगे। और आज ये पेड़ लहलहा रहे हैं।

जो काम सरकार और वन विभाग नहीं कर पाया वह लोगों ने कर दिखाया। उन्होंने पहाड़ पर उजड़ और सूख चुके जंगल को फिर हरा-भरा कर लिया और वहां के सूख चुके जलस्रोतों को फिर सदानीरा बना लिया। यह गांव अब पारिस्थितिकी वापसी का अनुपम उदाहरण बन गया है।

और यह है उत्तराखंड की हेंवलघाटी का जड़धार गांव। सीढ़ीदार पहाड़ पर बसे लोगों का जीवन कठिन है। अगर पहाड़ी गांव के आसपास पानी न हो तो जीवन ही असंभव है। और शायद इसी अहसास ने उन्हें अपने पहाड़ पर उजड़े जंगल को फिर से पुनर्जीवित करने को प्रेरित किया। यह ग्रामीणों की व्यक्तिगत पहल और सामूहिक प्रयास का नतीजा है। अब यह प्रेरणा का प्रतीक बन गया है।

uttaraakhand ke jadadhaar gaanv ke jangal
ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਦੀ ਬਹੁਪਰਤੀ ਖੇਤੀ
Posted on 11 Aug, 2014 11:13 AM ਕਿਸਾਨ ਅਕਸਰ ਆਪਣੇ ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਨਵੇਂ ਵਿਚਾਰ ਅਪਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਅਵਿਸ਼ਕਾਰਾਂ ਅਤੇ ਅਨੁਕੂਲਨ ਰਾਹੀ ਕਈ ਸਾਰੀਆਂ ਸਥਾਨਕ ਤਕਨੀਕਾਂ ਵਿਕਸਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ। ਇਹ ਅਵਿਸ਼ਕਾਰ ਸਥਾਨੀ ਵਾਤਾਵਰਣ ਆਧਾਰਿਤ ਡੂੰਘੇ ਗਿਆਨ ਉੱਪਰ ਆਧਾਰਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ। ਇਸ ਲੇਖ ਵਿੱਚ ਅਸੀਂ ਉੱਤਰਾਖੰਡ ਸੂਬੇ ਦੇ ਇੱਕ ਪਿੰਡ ਵਿੱਚ ਸੀਮਾਂਤ ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੁਆਰਾ ਸਬਜੀਆਂ ਉਗਾਉਣ ਦੀ ਨਵੀਨ ਤਕਨੀਕ ਬਾਰੇ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦੇਵਾਂਗੇ।
मलबे से उठता प्रदेश
Posted on 04 Aug, 2014 10:15 AM पुनर्निर्माण महज पांच अक्षर का शब्द नहीं है जिसे फट से बोलकर जमीन पर उतार दिया जाए। पुनर्निर्माण में तबाही से सैंकड़ों गुना ज्यादा समय, संसाधन और ऊर्जा लगती है। प्रकृति के विनाश से बेहाल उत्तराखंड आज उसी संसाधन, समय और ऊर्जा को व्यवस्थित करने में लगा है, पर असली सवाल यह है कि क्या वह इन सभी का ईमानदारी से इस्तेमाल कर पाएगा?
Uttrakhand Disaster
त्रासदी से सबक
Posted on 04 Aug, 2014 07:50 AM उत्तराखंड की त्रासदी देश को दशकों तक याद रहेगी। ऐसा विनाश पहाड़ी क्षेत्र में पहले कभी नहीं हुआ। इसका प्रमाण यह अकेला तथ्य है कि केदारनाथ मंदिर वहां 1200 वर्ष से स्थित है और पहली बार उसके चारों तरफ तबाही हुई है। आरोप-प्रत्यारोपों से लेकर विेश्लेषणों तक का दौर जारी है और इसके बीच विकास और विनाश की मौजूदा नीतियों पर बहस भी।
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