Posted on 04 Aug, 2014 03:18 PMसुप्रीम कोर्ट के आदेश को दोहराते हुए राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने देश की किसी नदी में लाइसेंस या पर्यावरण मंजूरी के बिना रेत के खनन पर रोक लगा दी है। सवाल है कि नदियों को बचाने के लिए जनहित याचिकाओं और उस पर दिए गए अदालती फैसले से शुरू हुआ अभियान क्या खनन माफिया के फावड़े रोक पायेगा?
Posted on 04 Aug, 2014 10:15 AMपुनर्निर्माण महज पांच अक्षर का शब्द नहीं है जिसे फट से बोलकर जमीन पर उतार दिया जाए। पुनर्निर्माण में तबाही से सैंकड़ों गुना ज्यादा समय, संसाधन और ऊर्जा लगती है। प्रकृति के विनाश से बेहाल उत्तराखंड आज उसी संसाधन, समय और ऊर्जा को व्यवस्थित करने में लगा है, पर असली सवाल यह है कि क्या वह इन सभी का ईमानदारी से इस्तेमाल कर पाएगा?