Posted on 03 Mar, 2015 09:55 AMकिसान व मजदूर ऐसी बिजली नहीं चाहता जिसकी कीमत जल, जंगल, जमीन देने के बाद मिले। जमीन की अन्धाधुन्ध लूट के पीछे जो कारण छिपा हुआ है उसे आन्दोलनकारी जानता और समझता भी है। क्योंकि जमीन अधिग्रहण को लेकर ऐसा ही दमन पूरे भारत में हो रहा है। इसके पहले भी विनायक सेन, विश्वविजय व सीमा पर पुलिस का कहर टूट चुका है। पुलिस कितने ही झूठे आरोप लगाए लेकिन किसान अब चुप बैठने वाले नहीं। क्योंकि उससे उसकी जमीन, रोजगार व सम्मान छीना जा रहा है। इलाहाबाद के अति उपजाऊ क्षेत्र यमुनापट्टी में तीन विद्युत घर बन रहे हैं। जिसके विरोध में करछना, बारा व मेजा के किसान आन्दोलनरत हैं। वहाँ के स्थानीय किसान व मजदूर कोयले से बनने वाली बिजली के समर्थक नहीं हैं। विरोध कर रहे किसान व मजदूर को दबाने के लिए पुलिस दमन कर रही है। संवेदनहीनता इस कदर कि मेजा के सलैया कला में खड़ी फसल को रौंद दिया गया, जिसे देख किसान तड़प उठा। दिन-ब-दिन प्रशासन का मनमाना बढ़ रहा है। केवल आश्वासन की लाॅलीपाॅप दूर से दिखानी की कोशिश की जा रही है। इससे किसानों में और गुस्सा बढ़ता जा रहा है। परिणामस्वरूप आन्दोलन की धार और तेज होती जा रही है।
इलाहाबाद में लग रहे पावर प्लांट के तीनों जगहों के किसान व मजदूर मिलकर के पुलिसिया दमन से बचाव करने के लिए इलाहाबाद के कोहड़ार में प्रगतिवाहिनी कानूनी सहायता केन्द्र खोला। यह प्रयास दमन विरोधी मंच के प्रो. ओडी सिंह, अंशू मालवीय विस्थापन विरोधी मंच राजीव सिंह चन्देल के प्रयास का सकारात्मक परिणाम रहा। इस अवसर पर इलाहाबाद के जेबी पन्त समाज विज्ञान संस्थान के प्रो. सुनीत सिंह ने 25 तारीख को इस केन्द्र का उद्घाटन किया।
Posted on 23 Feb, 2015 01:03 PMलखनऊ। नालों का प्रदूषित जल गोमती नदी में जाने से नदी का सफाई अभियान सार्थक होता नहीं दिखाई दे रहा है। नालों के न रोके जाने से गोमती नदी में सीवेज का पानी जमा हो रहा है। जल निगम व नगर निगम प्रशासन इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। शहर के कुल 26 नालों के डिस्चार्ज को पूरी तरह से डायवर्ट नहीं किया जा सका है। वहीं शहर की आबादी बढ़ने एवं नए क्षेत्र के वि
Posted on 19 Feb, 2015 12:52 PMकिसी भी राज्य में प्रदूषण नियन्त्रित करने की सबसे अधिक अधिकारिक जवाबदेही, राज्य प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड की होती है। किन्तु यदि उसे इसके लिए धन ही न मिले अथवा उसे प्रदूषण नियन्त्रण हेतु राज्य के सम्बन्धित विभाग द्वारा जारी आदेशों/निर्देशों की जानकारी ही न हो, तो इस स्थिति को आप किस धिक्कार से नवाजेंगे?
Posted on 18 Feb, 2015 12:31 PMगाजियाबाद। गाजियाबाद में भू-जल लगातार प्रदूषित हो रहा है। लेकिन इस पर अंकुश के लिए सरकारी तंत्र का बिल्कुल ध्यान नहीं है जिसका नतीजा यह है कि कई क्षेत्रों में मानकों से आठ सौ गुना ज्यादा क्रोमियम भू-जल में मिल गया है।
Posted on 13 Feb, 2015 11:13 AMअभी तक यमुना में गिरने वाले गन्दे पानी पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है और न ही यमुना में जल छोड़ा गया है। इसे लेकर स्थानीय नाव चालकों एवं आने वाले श्रद्धालुओं में रोष व्याप्त है। ज्ञात रहे कि धार्मिक नगरी श्री धाम वृन्दावन में प्रतिवर्ष उत्सव आयोजित किए जाते हैं, जिसके चलते दूरदराज से आने वाले लाखों श्रद्धालु सर्वप्रथम माँ यमुना में डुबकी लगाकर यमुना जल आचमन क
Posted on 13 Feb, 2015 10:37 AMआगरा। जिले में अनियमित और अत्यधिक भूगर्भ जल निकासी के कारण स्थिति खतरनाक होती जा रही है। हरे क्षेत्रों के अथक कांक्रीटाइजेशन करने के लिए हालात और विकराल होते जा रहे हैं। जल निगम के आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते वर्ष मानसून की तुलना में वर्ष-2014 में भूगर्भ जलस्तर में करीब 4.18 मीटर की कमी दर्ज की गई है। इतना ही नहीं जिले के 15 से 10 ब्लॉक अत्यधिक जल दोहन की श
Posted on 03 Feb, 2015 12:57 PMआगरा का ताजमहल अब केवल एक ऐतिहासिक इमारत, या दुनिया के सात अजूबों में से एक ही नहीं रह गया है, प्रेम की यह निशानी अब भारत की राजनयिक सम्बन्धों की मिलन स्थली बन गया है। पिछले महीने भारत आए अमेरिका के राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा भी वहाँ जाना चाहते थे। इससे पहले कई देशों के ताकतवर राष्ट्राध्यक्ष वहाँ जा चुके हैं।