उत्तर प्रदेश

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भारत के लिये सौर ऊर्जा की उपादेयता
Posted on 21 Nov, 2016 04:19 PM
सौर ऊर्जा की उपादेयताविकास के लिये ऊर्जा बहुत जरूरी ह
बायोमेडिकल कचरा एक और पर्यावरणीय संकट
Posted on 21 Nov, 2016 03:38 PM
आज कचरा किसी भी रूप में हो, वह देश और दुनिया के लिये एक बहुत बड़ा पर्यावरणीय संकट बनता जा रहा है। हम जानते हैं कि हर शहर में कई निजी व सरकारी अस्पताल होते हैं, जिनसे प्रतिदिन सैकड़ों टन चिकित्सकीय कचरा निकलता है और यदि पूरे देश में इनकी संख्या की बात करें तो देश भर के अस्पतालों से निकलने वाला कचरा कई हजार टनों में होता है। इस भागम-भाग की जिंदगी में बीमारियाँ बढ़ती जा रही हैं, बीमारों की संख्या
क्यों हो रहा है जलवायु परिवर्तन
Posted on 21 Nov, 2016 02:46 PM
पिछले कुछ वर्षों से मौसम के बारे में कई तरह की बड़ी अजीब-अजीब बातें सुनने को मिल रही हैं, जैसे कि ‘इस बार बहुत अधिक गर्मी पड़ी’ या ‘अत्यधिक सर्दी पड़ी’। कभी-कभी ऐसा भी सुनते हैं कि ‘इस बार तो लगा ही नहीं कि सर्दी पड़ी।’ इसी तरह बारिश की भी कोई निश्चितता नहीं रह गई है। इस तरह का मौसमी बदलाव निश्चित ही चिंता का विषय है। ये मौसमी परिवर्तन हमारे-आपके आस-पास ही नहीं हो रहा है, बल्कि यह एक विश्वव्यापी
कैसे पैदा होते हैं चक्रवाती तूफान
Posted on 21 Nov, 2016 02:28 PM
सबसे पहले तो ये जानना जरूरी है कि आखिर चक्रवाती तूफान होता क्या है?
एल. ई. डी. प्रौद्योगिकी
Posted on 20 Nov, 2016 03:59 PM

विश्व स्तर पर वैज्ञानिकों द्वारा अनेक अनुसंधान किए जा रहे हैं जो एल.ई.डी.

हाइड्रोपोनिक्स बिना मिट्टी के पौधे उगाने की तकनीक
Posted on 20 Nov, 2016 03:01 PM
हो सकता है कि आपने कभी पानी से भरे ग्लास में या किसी बोतल में किसी पौधे की टहनी रख दी हो तो देखा होगा कि कुछ दिनों के बाद उसमें जड़ें निकल आती हैं और धीरे-धीरे वह पौधा बढ़ने लगता है। जबकि हम देखते आए हैं कि सामान्यतया पेड़-पौधे जमीन पर ही उगाए जाते हैं। ऐसा लगता है कि पेड़-पौधे उगाने और उनके बड़े होने के लिये खाद, मिट्टी, पानी और सूर्य का प्रकाश जरूरी होता है। लेकिन सच यह है कि पौधे या फसल उत्पाद
मूल ग्रन्थि सूत्रकृमि रोग परिचय एवं प्रबंधन
Posted on 20 Nov, 2016 02:52 PM

हमारे देश में सन 1901 में ‘बारबर’ नामक वैज्ञानिक ने तमिलनाडु के देवला नामक स्थान पर सर्वप

पौधों से सीखें जल का महत्त्व
Posted on 20 Nov, 2016 02:31 PM
सामान्यतः हम मानते हैं कि जल हमारी प्यास बुझाता है, मगर सच यह है कि खाने को भोजन और श्वसन के लिये ऑक्सीजन भी जल से ही मिलते हैं। प्यास बुझाने के लिये हम जल का सीधे प्रयोग कर लेते हैं, जब कि जल से भोजन व ऑक्सीजन प्राप्त करने हेतु हमें पादपों की मदद लेनी होती है। इस तथ्य से सभी परिचित हैं कि पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा भोजन बनाते हैं। उसी भोजन से चींटी से लेकर हाथी तक का पेट भरता है।
साठा धान से उपजा संकट
Posted on 19 Nov, 2016 01:19 PM

साठा धान को चैनी धान भी कहते हैं। इस फसल को अधिकांश गर्मी के मौसम में उगाया जाता है। यह ध

पिकर कम वॉकिंग स्टिक स्वच्छ भारत की ओर एक नवाचारी कदम
Posted on 15 Nov, 2016 11:21 AM
महात्मा गाँधी अहिंसा के ही पुजारी नहीं थे बल्कि स्वच्छता के प्रबल समर्थक थे। बाल जीवनकाल से ही उन्‍हें माता-पिता ने स्वच्छता का पाठ पढ़ाया था। वे सदैव चाहते थे कि प्रत्येक घर, गाँव, कस्बा, शहर, स्कूल आदि में किसी भी प्रकार की गंदगी न हो और स्वच्छ वातावरण में सभी का जीवन-यापन हो। अफ्रीका से लौटने के उपरांत भारत को एक स्वच्छ देश के रूप में देखना चाहते थे।
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