उत्तर प्रदेश

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यूनीकोड से फोनीकोड : श्रुति क्रांति की ओर
Posted on 25 Nov, 2016 02:13 PM
भारतीय भाषाएँ ध्वन्यात्मक (Phonetic) हैं। सभी भारतीय भाषाओं के लिये वर्णक्रम साम्य आई एस सी आई आई (ISCII) राष्ट्रीय कोड बनाया गया है। इस 8 बिट कोड में अंग्रेजी और एक भारतीय भाषा समाहित थी और भाषा बदल ए एल टी (ALT) कुँजी से लगभग 15 बड़ी आईटी कंपनियों के संयुक्त प्रयास से विश्व भाषाओं के लिये 16 बिट यूनीकोड कोड बनाया गया। इसमें भाषा बदल की जरूरत ही नहीं है। लेकिन यह लिपि पर आधारित है, जो-जो रूप
उत्तर प्रदेश में आर्सेनिक का कहर
Posted on 25 Nov, 2016 11:26 AM


पानी में आर्सेनिक की मात्रा बढ़ने की बात अब केवल पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों तक सीमित नहीं है। पूरे देश में आर्सेनिक का फैलाव न केवल बढ़ता जा रहा है बल्कि इसका दुष्प्रभाव भी देखने को आ रहा है। देश में बढ़ते आर्सेनिक ने जहाँ मानव स्वास्थ्य को खतरे में डाल दिया है वहीं पर अभी भी शासन इसके रोकथाम पर उतना संजीदा नहीं है जितना जरूरी है।

उत्तर प्रदेश के गाँवों में जहर बाँटता हैण्डपम्प
मोटर गाड़ियों के लिये वैकल्पिक र्इंधन
Posted on 24 Nov, 2016 04:53 PM
प्राय: सभी मोटर गाड़ियाँ, कार, बस लॉरी, इत्यादि पेट्रोल और डीजल अंतर्दहन इंजन से चालित होती हैं। क्रूड तेल तथा पेट्रोल (पेट्रोलियम) से प्राप्त होता है, जो एक जीवाश्म र्इंधन है। किंतु कुछ दशकों से इन तेलों का उपयोग दो कारणों से चिंता का विषय बन गया है। प्रथम, जीवाश्म र्इंधन के स्रोत तीव्र गति से समाप्त होते जा रहे हैं और द्वितीय इन तेलों के दहन से खतरनाक वायु प्रदूषण पैदा होता है। आज के संदर्
भावी विकास का आधार - महासागर
Posted on 24 Nov, 2016 04:38 PM
समस्त ब्रह्मांड में अभी तक पृथ्वी ही एक ऐसा ज्ञात ग्रह है जहाँ जीवन विविध रूपों में रचा-बसा है। पृथ्वी ग्रह पर जीवन का अस्तित्व यहाँ उपस्थित विभिन्न जटिल व नाजुक प्रणालियों या पारितंत्रों के आपसी समन्वय व संतुलन का परिणाम है। वैसे देखा जाए तो पृथ्वी पर जीवन मुख्यत: तीन तंत्रों स्थलमंडल, वायुमंडल और महासागरों या समुद्रों की सहभागिता के कारण संभव हुआ है।
बीटी बैंगन उर्फ पेट हमारा, मर्जी उनकी
Posted on 24 Nov, 2016 10:47 AM
वैश्वीकरण के उस दौर में हमारी थाली में जो व्यंजन परोसे जाएंगे और उन्हें हम खाएंगे, उसके बारे में हम नहीं जान सकेंगे कि हम जो खा रहे हैं, बिल्कुलवही खा पा रहे हैं। व्यंजन तो वही होंगे, यानी चावल, दाल, रोटी, भिंडी की सब्जी, बैंगन का भुर्ता और टमाटर की चटनी। इन्हें हमारे किसान ही उगाएंगे, लेकिन इसमें अमरीकी कृषि बायोटेक कम्पनी मोनसेंटो का बीटी जीन डाला होगा। ऐसी फसलों को जीएम (जेनेटिकली मोडिफाइ
मलेरिया के खिलाफ वैज्ञानिकों की जंग
Posted on 22 Nov, 2016 04:34 PM
मलेरिया को इस समय दुनिया की महामारियों में से एक माना जाता है और इसमें हर साल करीब 10 लाख लोगों की मौत हो जाती है। अफ्रिकी महादेश इससे सर्वाधिक प्रभावित है। दुनियाभर के वैज्ञानिक इसके उन्मूलन में जुटे हुए हैं तथा अब वह दिन दूर नहीं जबकि मलेरिया का नामोनिशान नहीं होगा।
प्लास्टिक बैग, पृथ्वी, पर्यावरण, पशुधन और हमारी तनिक सी सुविधा की कीमत
Posted on 22 Nov, 2016 03:34 PM
पृथ्वी की सजीव सृष्टि का मूलाधार पर्यावरण में सन्निहित है तथा पर्यावरण का अर्थ प्राकृतिक रूप से सुस्थापित अद्यतन पारिस्थितिकी में सामंजस्य स्थापना से संबद्ध है। पर्यावरण में होने वाला सूक्ष्मतर परिवर्तन भी भविष्य के बहुआयामी दूरगामी दुष्परिणामों का वाहक होता है तथा पर्यावरण में पाई जाने वाली अप्राकृतिक तथा असंतुलित असामान्यता ही प्रदूषण कहलाती है। वस्तुत:, मनुष्य प्रकृति के समस्त घटकों में स
राष्ट्रीय जलीय जीव : गंगा की डॉल्फिन
Posted on 22 Nov, 2016 11:06 AM
गांगेय डॉल्फिनजल में रहने वाली डॉल्फिन मनमौजी जीव है, जो कभी
भारत में नवोन्मेष की अपार संभावना
Posted on 22 Nov, 2016 10:45 AM

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के समांतर नवोन्मेष एक वृहत क्षेत्र के रूप में आज हमारे सामने है,

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