मनोरमा

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कावेरी के पानी में फिर उबाल
Posted on 18 Sep, 2016 03:10 PM

कावेरी नदी के पानी पर कर्नाटक और तमिलनाडु में फिर आग भड़की हुई है, पानी के नाम पर दोनों राज्य पिछले दो हफ्ते से सुलग रहे हैं, तमिलनाडु को दस दिन तक 15 हजार क्यूसेक पानी देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही कर्नाटक में खासतौर से मंड्या, मैसूर और बंगलुरु में उग्र प्रदर्शन होने लगे, यहाँ से तमिलनाडु और केरल जाने वाली सड़क पर यातायात बाधित कर दिया ग
साक्षात्कार: जानें मोबाइल पर पानी में फ्लोराइड की मात्रा
Posted on 27 Aug, 2016 04:27 PM


जल प्रदूषण मानवता के सबसे बड़े संकटों में से एक ​है खासतौर पर प्रदूषित पेयजल। पूरी दुनिया के लोग पेय की कमी और दूषित पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। आज पूरे विश्व की 85 प्रतिशत आबादी सूखे के हालात में रह रही है और कुल 78.3 करोड़ लोगों की पहुँच में साफ पानी नहीं है।

भारत की बात करें तो पानी से सम्बन्धित कुछ आँकड़ों पर नजर डालना बेहद जरूरी है जैसे दुनिया की 16 प्रतिशत आबादी भारत में बसती है लेकिन विश्व के कुल जल संसाधन का केवल 4 प्रतिशत ही भारत के पास है। जबकि भारत ​में भूजल का दोहन पूरे विश्व में सबसे ज्यादा होता है यहाँ तक ​कि चीन भी इस मामले में हमसे पीछे है।

हाल के आँकड़ों के मुताबिक भारत की कुल एक चौथाई यानी लगभग 33 करोड़ आबादी पीने के पानी की कमी से जूझ रही है।

अनबोडू कोच्चि के युवाओ ने बदली एरनाकूलम के तालाबों की तस्वीर
Posted on 19 Jun, 2016 11:23 AM

चेन्नई में बाढ़ पीड़ितों की सहायता करने के बाद भी 'अनबोडू कोच
कैसे हो फ्लोराइड से मुक्ति
Posted on 14 Jun, 2016 12:24 PM


पानी की समस्या तेलंगाना में काफी विकराल हो चली है। राज्य के कुल 10 जिलों के लगभग 1,174 गाँवों के पानी में फ्लोराइड की अधिकता के कारण हालात गम्भीर हो चले हैं। आदिलाबाद करीमनगर, खम्मम और नलगोंडा जिले पिछले कई दशक से पेयजल की कमी और फ्लोरोसिस की समस्या से पीड़ित हैं। इन चारों जिलों में से भी सबसे ज्यादा प्रभावित नलगोंडा जिला है।

पानी भी अम्मा का
Posted on 14 Jun, 2016 12:12 PM

गम्भीर संकट की दस्तक
Posted on 14 Jun, 2016 11:41 AM

मार्च की शुरुआत से ही गर्मी के कारण नदियों, तालाबों, जलाशयों
हनी सकर्स टैंकर स्वच्छता का इकोफ्रेंडली विकल्प
Posted on 11 Jun, 2016 04:22 PM


यूपीए सरकार के निर्मल भारत अभियान के बाद देश के मौजूदा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दो साल पहले सत्ता में आते ही गाँधी जयन्ती के दिन स्वच्छ भारत अभियान की जोर-शोर से शुरुआत की थी और लक्ष्य ये रखा कि 2019 तक देश के हर घर में शौचालय होगा, खुले में शौच जाने वाले लोगों की संख्या लगभग खत्म हो जाएगी लेकिन अभी भी देश के लगभग 53.1 फीसदी घरों में शौचालय नहीं हैं।

पानी सहेजने का पाठ पढ़ाता रेनबो ड्राइव
Posted on 09 Feb, 2016 03:05 PM


इलेक्ट्रानिक सिटी और व्हाइट फील्ड के बीच ​का इलाका बंगलुरु का आईटी कॉरीडोर कहलाता है, सरजापुर इसी कॉरीडोर के बीच में तेजी से विकसित हुआ इलाका है। दस-पन्द्रह साल पहले तक यहाँ धान के खेत और नारियल के बाग हुआ करते थे लेकिन आज ऊँची इमारतें, मॉल, ढेरों अपार्टमेंट क्लस्टर, विला और गेटेड कम्यूनिटी वाले रिहायशी टाउनशिप हैं।

सरजापुर रोड पर स्थित 'रेनबो ड्राइव' कॉलोनी भी इन्हीं में से एक है लेकिन इन सबसे बहुत अलग है, 360 प्लाट वाले इस रिहायशी कॉलोनी के 250 घरों में जो लोग रहते हैं वो बगैर बंगलुरु नगर निगम से पानी लिये हुए या बगैर पानी का टैंकर मंगवाए ना सिर्फ पानी की अपनी-अपनी जरूरतों के मामले में आत्मनिर्भर हैं बल्कि अति​रिक्त पानी दूसरों को भी देते हैं। और ये सम्भव हुआ है उनके पानी बचाने, संग्रह करने और पुनः इस्तेमाल लायक साफ करने से।

किसान जितनी मौसम की मार झेल रहे हैं, उतनी ​ही कर्ज की भी : प्रीति चौधरी
Posted on 07 Feb, 2016 12:32 PM


गौरवशाली अतीत से समृद्ध बुन्देलखण्ड की धरती पिछले डेढ़ दशक से ज्यादा समय से सूखे की चपेट में है। यह धरती अब अपने अतीत की समृद्धि और शौर्यगाथाओं नहीं, बल्कि गरीबी, भुखमरी, कर्ज, पलायन और हर दूसरे दिन किसानों की आत्महत्याओं की कहानी सुनाती है।

अभी पिछले तीन-चार महीनों में ही लगभग हर दूसरे-तीसरे दिन बुन्देलखण्ड के किसी-न-किसी गाँव से किसान की आत्महत्या की खबर आती रही है और अप्रैल 2003 से मार्च 2015 तक यहाँ के लगभग 3280 किसानों ने आत्महत्या की है।

पिछले साल ओलावृष्टि और फिर सूखा ने हालात और खराब बना दिया। आमतौर पर बुन्देलखण्ड में औसत बारिश 1145.7 मिमी. तक होती है लेकिन पिछले मानसून में यहाँ केवल 643.2 मिमी. बारिश ही दर्ज हुई है और कुछ जिलों में तो केवल 484.1 मिमी. तक।

यह प्राकृतिक आपदा नहीं मानवीय आपदा है
Posted on 31 Dec, 2015 12:53 PM

लौटता मानसून दक्षिण भारत के खेतों को धान की हरियाली से भर देता है और किसानों के चेहरों को उम्मीद की मुस्कुराहट से। लेकिन अति किसी भी चीज की बुरी होती है, इस बार ये अति तमिलनाडु खासकर इस राज्य की राजधानी चेन्नई के लिये प्रलयंकारी साबित हुई।
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