रांची जिला

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झारखण्ड विधानसभा में उठा फ्लोराइड, आर्सेनिक का मामला
Posted on 10 Mar, 2015 11:02 AM मन्त्री ने कबूल किया कि अधिक मात्रा में है फलोराइड और आर्सेनिक
Fluoride
संथाली साहित्य के पुरोधा समीर
Posted on 08 Feb, 2015 11:53 AM

समीर जी ने भगीरथ की तरह संथाली भाषा और साहित्य की गंगा को संथाली भाषी लोगों के घर-घर तक पहुंचाय

गंगा में गाद की समस्या के निराकरण हेतु सुझाव देगी मुख्य सचिवों की समिति
Posted on 04 Feb, 2015 11:28 AM

भूमिगत जल में आर्सेनिक की समस्या को लेकर ट्रीटमेंट के लिए बनाई जाएगी योजना

Uma Bharti
बुल्के और पोनेट्ट
Posted on 01 Feb, 2015 11:28 AM

फादर बुल्के जितने संवेदनशील थे उतने ही भावुक भी अपनी माँ की और अपने देश की स्मृति उन्हें कभी-क

इक्कीसवीं शताब्दी में बिरसा
Posted on 31 Jan, 2015 11:40 AM बिरसा भगवान की मृत्यु से उनके आंदोलन का अन्त नहीं कहा जा सकता, क्योंकि जिन प्रयोजनों से यह आंदोलन प्रारम्भ हुआ, उनकी आंशिक पूर्ति ही हो सकी। यह सही है कि बिरसा भगवान के आंदोलन का प्रभाव बीसवीं शताब्दी के आरम्भ में ही शुरू हो गया था। बहुत शीघ्र, उनके निधन के तत्काल बाद ही, ब्रिटिश सरकार ने यह अनुभव किया था कि इस आंदोलन के मूल में भूमि-समस्या है। भूमि के स्वाम
सावन में भी सूखे की चिंता
Posted on 02 Aug, 2014 12:39 PM बारिश के इंतजार में किसान झारखंड में मौसम की स्थिति को देखते हुए किसानों के माथे पर बल पड़ता दिखाई दे रहा है। सुखाड़ की संभावनाओं को इनकार करने की परिस्थिति अब नहीं
जीविकोपार्जन का महत्वपूर्ण घटक है जलछाजन (वाटरशेड) कार्यक्रम
Posted on 02 Aug, 2014 12:17 PM जलछाजन प्रबंधन कार्यक्रम में जीविकोपार्जन एक महत्वपूर्ण घटक है। जलछाजन क्षेत्र में महिलाओं, किसानों, कारीगरों के स्वयं-सहायता समूह निर्माण करने होते हैं। स्वयं-सहायता समूह के द्वारा आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लक्ष्य को हासिल करने का सफल प्रयास किया जाता है। स्वयं-सहायता समूहों सदस्यों को आय सृजक गतिविधियों से जोड़ कर उनका आर्थिक विकास किया जाता है। ताकि उनकी आमदनी में इजाफा हो, वे अपने जीवन स्तर को सुधार कर बेहतर जीवन जी सकें। केंद्र सरकार के भूमि संसाधन विभाग द्वारा प्रायोजित समेकित जलछाजन प्रबंधन कार्यक्रम का क्रियान्वयन प्रत्येक राज्य के हरेक जिले में किया जा रहा है।

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जल, जंगल, जमीन जन एवं जानवर के विकास एवं संवर्धन के साथ-साथ टिकाऊ जीविकोपार्जन एवं खेती का विकास करना है। इसके सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य के ग्रामीण विकास विभाग में राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी बनायी गयी है।

हमारे राज्य झारखंड में झारखंड राज्य जलछाजन मिशन के माध्यम से राज्य के सभी जिलों में एक जलछाजन प्रकोष्ठ -सह-आकड़ा संग्रहण केंद्र बनाया गया है।
झारखंड के एक गांव के हर घर में लगा देसी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
Posted on 07 Jul, 2014 12:32 PM

पहले 250 फुट तक नहीं मिलता था पानी, अब एक बूंद भी नहीं होता बर्बाद

सिंहभूमि से बड़े बांधों के विरोध की गर्जना
Posted on 30 Jun, 2014 03:32 PM स्वर्णरेखा एवं खड़कई नदी पर बन रहे बांध, बिजलीघर आदि को स्वर्णरेखा
धोखा है आपदाओं से जोखिम का बीमा
Posted on 12 Jun, 2014 09:24 PM प्राकृतिक आपदाएं जैसे बाढ़, सुखाड़ एवं ओलावृष्टि आदि कह कर नहीं आती हैं। लोग इससे बचने के लिए विभिन्न उपायों के साथ-साथ बीमा का भी सहारा लेते हैं। मानव एवं विभिन्न जीव-जंतुओं के साथ-साथ फसलों का भी बीमा होता है। हाल के वर्षों में फसल बीमा के प्रति जागरूकता आयी है। बड़ी संख्या में किसान अपनी फसलों का बीमा कराते हैं। इसमें झारखंड के किसान भी पीछे नहीं हैं। लेकिन, व्यवस्थागत खामियों की वजह से झार
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