महोबा जिला

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केंचुवा खाद - वर्मी कम्पोस्ट
Posted on 12 Mar, 2014 10:49 PM

1.वर्मी कम्पोस्ट क्या है:-


मृदा पर उपलब्ध सभी जैविक घटकों को हम ह्यूमस में परिवर्तन करने का महत्वपूर्ण कार्य एक छोटे से जीव द्वारा हैं। जिसे अर्थवर्म/ केंचुआ/ गिंडोला कहते हैं। इससे तैयार उत्पाद को वर्मी कम्पोस्ट कहते हैं। अर्थात केचुओं की विष्टा को वर्मी कम्पोस्ट कहा जाता है।

2. वर्मी कल्चर क्या है:-

वेटलैण्ड: क्या और क्यों
Posted on 09 Mar, 2014 06:48 PM आज के विकसित व आधुनिक युग में हमें स्वीकार करना चाहिए कि इस धरती पर सिर्फ हमारा ही अधिकार नहीं है अपितु इसके विभिन्न भागों मे विद्यमान करोडों प्रजातियों का भी इस पर उतना ही अधिकार है जितना हमारा। धरती पर हमारे अस्तित्व को बचाए रखने में समस्त प्रकार की जैव विविधता को बनाए रखना अपरिहार्य है। वेटलैंड एक विशिष्ट प्रकार का पारिस्थितिकीय तंत्र है तथा जैवविविधता का महत्वपूर्ण अंग है। भू-जल क्षेत्र का मि
नर्मदा के आसपास :विस्थापन
Posted on 19 Feb, 2014 10:07 PM डूब में आते हुए
हलके,इलाके, नदी पोखर,
हो सकूँगा समूचा में
इन्हें खोकर ?

बड़ी मछली के लिए
बाकायदा
छोटी समर्पित हों !
युगों की लम्बी पुरानी
कथा –यात्राएँ विसर्जित हो !
मुनादी हम सुन रहे चुप
चीख हा-हाकार होकर,
सुन रही गोचर जमीनें,
डूँगंरी डाँगें अगोचर,
पानी बिच मीन
Posted on 19 Feb, 2014 09:53 PM पानी बिच मीन पियासी
खेतों में भूख–उदासी
यह उलट बाँसियाँ नही कबीर –खालिस चाल सियासी !
पानी बिच मीन पियासी

लोहे का सर, पाँव काठ के,
बीस बरस में हुए साठ के
, मेरे ग्राम निवासी कबिरा-झोपडपट्टी वासी !
पानी बिच मीन पियासी

सोया बच्चा गाये लोरी,
पहरेदार करे है चोरी,
जुर्म करे है न्याय निवारण –न्याय चढ़े है फाँसी!
धरोहर
Posted on 19 Feb, 2014 09:35 PM नदी वो अपने अश्रु में आकाश को डुबोएगी
नदी के अंग कटेंगे तो नदी रोएगी
नदी को हंसने दो
नदी को बहने दो

छुरी के हाथ ही होते हैं, आँख कब होती
नदी में धुल गई होती तो बहुत रोती
मिलेगा उसको क्या, जो भी मिलेगा खोएगी
नदी के अंग कटेंगे रो नदी रोएगी
नदी को बहने दो

तुम्हारे काँपते चुल्लू में खून है जिसका
नवीकरण
Posted on 19 Feb, 2014 09:21 PM यह
एक लहर थी
जो ले गयी
एक जल
Posted on 19 Feb, 2014 09:04 PM
झर रहा नयाज्ञानोदय, मार्च 2004एक जल
मेघों के लकीरों से

पलकों पर
पत्तों पर
पक्षी के थरथराते पंखो पर

झर रहा एक जल
प्याऊ से
बच्चों की ओक बनी
हथेलियों में

तट पर
आँगन में
तुलसी के चौरे पर
माथे के राग में

विराग में
वंशी के स्वर में
एक जल
उत्तर प्रदेश में 20-25 फरवरी 2014 तक ‘ग्रामीण पेयजल जागरूकता सप्ताह'
Posted on 15 Feb, 2014 10:31 AM प्रदेश के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध एवं सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिये राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अन्तर्गत कई पेयजल योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इन योजनाओं का लाभ जनसामान्य तक पहुंचाना, असुरक्षित पेयजल के दुष्प्रभाव, पेयजल योजनाओं के क्रियान्वयन में ग्राम पंचायतों की भागीदारी, पेयजल स्रोतों का रख-रखाव, पेयजल स्रोतों में जैविक एवं रासायनिक अशुद्धियों का परीक्षण, उनक
खुद करें पम्पिंग सेट का रखरखाव
Posted on 06 Feb, 2014 05:02 PM फार्म एन फूड, 1 दिसम्बर 2013। हमारे यहां सिंचाई के साधनों में पंपिग सेट का अहम रोल है। ये 2 तरह के होते है,एक बिजली से चलने वाले और दूसरे डीजल से चलने वाले डीजल से चलने वाले पंपिग सेट में एक डीजल इंजन सेंटीफ्यूगल पंप होता है, जो कपलिंग या पट्टे से चलता है। कपलिंग सिस्टम में डीजल इंजन के साथ ही पंप भी जुडा़ होता है और पंप को पट्टे से जोड़ कर चलाया जाता है। पम्पिंग सेट में इंजन पंप को चला कर जमीन के
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