मध्य प्रदेश में बड़े स्तर पर सही तरीके से हाथ धुलाई को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छ मध्य प्रदेश अभियान के तहत विश्व हाथ धुलाई दिवस के दिन प्रदेश के लाखों स्कूली बच्चों के हाथ धुलवाए गए। स्वच्छता को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य की स्थितियों में सुधार के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने मध्य प्रदेश टेक्निकल असिसटेंट सपोर्ट टीम और वाटर एड के साथ मिलकर गिनिज बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए प्रदेश के 20 हजार स्कूलों में लगभग 26 लाख स्कूली बच्चों को एक साथ एक घंटे के अंदर साबुन से हाथ धुलवाने का यह कार्यक्रम आयोजित किया।
भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बच्चों को हाथ धुलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपने बचपन के दिनों की याद को साझा करते हुए कहा कि बाहर से घर आने पर बिना हाथ-पांव धुले उनकी दादी घर के अंदर नहीं आने देती थी। यानी हमारी परपंरा में साफ-सफाई रही है। पहले हम मिट्टी या राख से हाथ धोते थे, पर अब वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने भी माना कि अच्छी तरीके से हाथ धोने पर डायरिया और दूसरी बीमारियों से बचा जा सकता है, तो हमें इसे बड़े स्तर पर बढ़ावा देना चाहिए। इस अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार शालाओं में हाथ धुलाई के लिए प्लेटफॉर्म का निर्माण करवाएगी एवं साबुन और तौलिया उपलब्ध कराएगी।
आयोजन के लिए गिनिज के दिशानिर्देशों को पालन करने की पूरी तैयारी की गई थी। गिनिज के अनुसार, वर्तमान में विभिन्न स्थानों पर 740870 लोगों द्वारा एक साथ हाथ धुलाई का रिकॉर्ड है। यह पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा 14 अक्टूबर 2011 को दक्षिण अमेरिका के अर्जेटिना, मेक्सिको और पेरू में आयोजित किया गया था। मध्य प्रदेश में गिनिज के दिशानिर्देशों के पालन का प्रयास करते हुए बच्चों के हाथ धुलवाए गए। बड़े स्तर पर दिशानिर्देशों का पालन हो पाया या नहीं, और विश्व रिकॉर्ड बन पाया या नहीं, यह तो तथ्यों के संकलन और गिनिज की पुष्टि के बाद ही पता चलेगा, पर इस आयोजन ने लोगों में सही तरीके से हाथ धुलाई के प्रति जागरूक करने का सकारात्मक प्रयास किया।
पूरी दुनिया में 5 साल से छोटे बच्चों की बड़ी संख्या में मौत होती है। इसके लिए जिम्मेदार कारणों में डायरिया दूसरा सबसे बड़ा कारण है। डायरिया और श्वास संबंधी बीमारियों से बच्चों की मौत को काफी हद तक कम किया जा सकता है। डायरिया और श्वास संबंधी बीमारियों टायफायड, निमोनिया, हैजा आदि को रोकने का एक कारगर वैज्ञानिक तरीका सही तरीके से हाथ धुलाई है। भारत में बड़ी संख्या में लोग शौच के बाद एवं कुछ खाने से पहले अपने हाथ को नहीं धोते हैं और यदि हाथ धोते भी है, तो वह तरीका सही नहीं होता।
अच्छी तरह से हाथ धोकर रोगाणु के कारण होने वाली विभिन्न प्रकार की डायरिया, जैसे टायफायड, हैजा आदि को फैलने से रोका जा सकता है। हाथ धोने से हाथ में बैठे बैक्टीरिया, परजीवी और वायरस को साफ किया जा सकता है। यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार अकेले भारत में डायरिया और श्वास संबंधी बीमारियों से प्रतिदिन लगभग 600 बच्चों की मौत हो जाती है। शौच के बाद एवं खाने से पहले हाथ को अच्छी तरह से धोने पर निमोनिया को एक चौथाई एवं डायरिया को आधा कम किया जा सकता है, जिससे देश एवं दुनिया में लाखों बच्चों के जीवन को बचाया जा सकता है।
विश्व हाथ धुलाई दिवस की शुरुआत स्टॉकहोम में 2008 में विश्व जल सप्ताह के दरम्यान की गई थी। इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर लोगों को हाथ धोने के लिए संगठित एवं प्रेरित करना है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2008 में अंतरराष्ट्रीय स्वच्छता वर्ष की घोषणा के साथ ही प्रथम विश्व हाथ धुलाई दिवस के लिए 15 अक्टूबर का दिन तय किया गया था। तब से लगातार 15 अक्टूबर को हाथ धुलाई दिवस आयोजित किया जाता है।
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Post By: Shivendra