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हरियाणा
99999 बत्तियां बुझाओ अभियान
Posted on 06 Sep, 2009 05:36 PMएक्सनोरा पानीपत नवनिर्माण समिति, हरियाणा के तत्वावधान में 4 सितम्बर 2009 को, ग्लोबल वार्मिंग से मातृ भूमि को बचाओ विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य ग्लोबल वार्मिंग के खतरों के प्रति जागरूकता बढाना था। यह कार्यक्रम पेप्सी को और आर्ट ऑफ लिविंग के सहयोग से आयोजित किया गया।“यूथ फॉर यमुना’ कैम्प सम्पन्न
Posted on 10 Aug, 2009 11:54 AMपट्टीकल्याणा, पानीपत। रिवर्स ऑफ द वर्ल्ड फाऊंडेशन, वाटर कम्युनिटि इंडिया और लोक सेवक मण्डल (दिल्ली) द्वारा आयोजित त्रि-दिवसीय आवासीय शिविर के आज दूसरे दिन “यूथ फॉर यमुना’ कैम्प के युवा समूह ने समालखा के हथवाला के आस-पास के गावों में यमुना जागरुकता यात्रा निकाली। प्राकृतिक जीवन केंद्र, पट्टी कल्याणा, समालखा, में चल रहे इस शिविर में ग्लोबल वार्मिंग, पर्यावरण एवं नदियों के तेजी से गिरते जलस्तर
सूखे पर हरियाणा सरकार और किसान आमने-सामने
Posted on 02 Aug, 2009 02:06 PMहरियाणा प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित करने के मुद्दे पर सरकार और किसान आमने-सामने हैं। सरकार की नजर में प्रदेश में सूखे जैसे हालात नहीं हैं, जबकि किसानों के मुताबिक फसलें पूरी तरह चौपट हो गई हैं। कुछ यही स्थिति 2002 में भी बनी थी और तत्कालीन सरकार ने 1 अगस्त को प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित किया था। किसान मुख्यमंत्री के उस बयान पर भड़क गए हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य में सूखे की स्थिति नहीं है
सरस्वती को धरती पर लाने की कवायद
Posted on 10 Jul, 2009 09:35 PMहरियाणा में आदि अदृश्य नदी सरस्वती को फिर से धरती पर लाने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके लिए राज्य के सिंचाई विभाग ने सरस्वती की धारा को दादूपुर नलवी नहर का पानी छोड़ने की योजना बनाई है। देश के अन्य राज्य में भी इस पर काम चल रहा है। अगर यह महती योजना सिरे चढ़ जाती है तो इससे हरियाणा, राजस्थान और गुजरात के तकरीबन 20 करोड़ लोगों की काया पलट जाएगी। इस नदी से जहां राज्यों के लोगों को पीने का पानी उपलमेवात के गांवों का पानी हुआ जहरीला
Posted on 10 Jul, 2009 05:18 PMनूंह. मेवात के लोगों की प्यास बुझाने और उन्हें शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के सभी सरकारी प्रयास बेमानी साबित हो रहे हैं। सरकारी आंकड़े ही इस बात के गवाह हैं कि भीषण जल संकट से जूझ रहे मेवात को इससे निजात मिलने की संभावनाएं दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रही है। आलम यह है कि मेवात के पांच खंडों के 423 गांवों में से सिर्फ 57 गांव ही ऐसे हैं, जहां अच्छी गुणवत्ता का पीने योग्य भू-जल उपलब्ध है।एक गांव जहां पानी ही पानी
Posted on 10 Jul, 2009 05:08 PMनई दिल्ली। बूंद-बूंद आंसू टपकाते नल भारत के लगभग हर शहर की समस्या हैं। ऐसे में सरकारी आश्वासनों से मन बहलाने के बजाय देश के कुछ इलाके अपने लिए पानी की व्यवस्था करने में जुट गए हैं। हरियाणा के मेवात जिले का करहेड़ा गांव इसकी जीती-जागती मिसाल है। जल संरक्षण प्रणाली को लेकर करहेड़ा को मिली छोटी सी सफलता कई मायनों में महत्वपूर्ण है।सहगल फाउंडेशन 'बेस्ट वाटर एनजीओ अवार्ड 2008' से सम्मानित
Posted on 26 Feb, 2009 07:36 PMनई दिल्ली में 11 दिसंबर को आयोजित एक समारोह में यह पुरस्कार यूनेस्को के सहयोग से वाटर डाइजेस्ट पत्रिका की ओर से प्रदान किया गया।पिछले वर्ष स्थापित इस पुरस्कार के लिए वाटर डाइजेस्ट ने जल संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रही संस्थाओं, कंपनियों व व्यक्तियों की पहचान करने की जरूरत महसूस की।
हरियाणा में भी भूजल संरक्षण अधिनियम
Posted on 24 Jan, 2009 06:06 AMप्रमुख संवाददाता /नवभारतचंडीगढ़। हरियाणा में गिरते भूजल स्तर को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार भूमिगत जल संरक्षण अधिनियम बनाने पर विचार कर रही है। ऐक्ट बनते ही राज्य में भूजल स्तर सुधरने में मदद मिलेगी। फिलहाल दक्षिण हरियाणा में वॉटर लेवल एक हजार फुट से ज्यादा गहराई पर जा चुका है।सरस्वती क्यों न बही
Posted on 20 Jan, 2009 10:13 AM....और सरस्वती क्यों न बही अब तक?
वैज्ञानिक प्रमाण, पुरातात्विक तथ्य
1996 में 'इन्डस-सरस्वती सिविलाइजेशन' नाम से जब एक पुस्तक प्रकाश में आयी तो वैदिक सभ्यता, हड़प्पा सभ्यता और आर्यों के बारे में एक नया दृष्टिकोण सामने आया। इस पुस्तक के लेखक सुप्रसिध्द पुरातत्वविद् डा. स्वराज्य प्रकाश गुप्त ने पहली बार हड़प्पा सभ्यता को सिंधु-सरस्वती सभ्यता नाम दिया और आर्यों को भारत का मूल निवासी सिद्ध किया।