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हरियाणा
2.5 एकड़ जमीन से दस-बारह लाख रु. की सालाना आमदनी!
Posted on 19 Mar, 2022 10:16 AM
हरियाणा के सोनीपत जिले का अकबरपुर बरोटा गांव। यहां आने के पहले आपके मस्तिष्क में गांव और खेती का कोई और चित्र भले ही हो, परंतु यहां आते ही खेत, खेती एवं किसान के बारे में आपकी धारणा पूरी तरह बदल जाएगी। इस गांव में स्थित है श्री रमेश डागर का माडल कृषि फार्म जो उनके अथक प्रयासों एवं प्रयोगधर्मिता की कहानी खुद सुनाता प्रतीत होता है। उनकी किसानी के कई ऐसे पहलू हैं, जिनके बारे में आम किसान सोचता ही नहीं। आइए जानते हैं, ऐसे कुछ पहलुओं के बारे में उन्हीं के शब्दों में…
प्रश्न : रमेशजी आज आप हर दृष्टि से एक सफल किसान हैं। हम आपके शुरुआती दिनों के बारे में जानना चाहेंगे।
रमेश डागर : बात सन् 1970 की है, घर की परिस्थितियों के कारण मुझे मैट्रिक स्तर पर ही पढ़ाई छोड़कर खेती में लगना पड़ा। तब मेरे पास केवल 16 एकड़ जमीन थी। शुरू में मैं भी वैसे ही खेती करता था जैसे बाकी लोग किया करते थे। मैंने पहले-पहले बाजरे की फसल लगाई थी, फसल अच्छी हुई, लाभ भी हुआ। फिर गेहूं की फसल लगाई, जिसमें खर-पतवार इतना
किरणजीत ने पानी की बर्बादी रोकने के लिए 20 गावों में चलाई मुहिम
Posted on 21 Feb, 2022 03:55 PM
जल की बर्बादी को रोकने के लिए कई सालों से किरणजीत कौर हरियाणा के सिरसा के 20 गांव में जल जागरूकता अभियान चला रही है। किरणजीत कहती है
आरओ का बर्बाद पानी भी हो सकता है किचन किंग
Posted on 07 Aug, 2020 09:46 AMहम सभी जानते हैं कि पूरी दुनिया आने वाले दिनों में भीषण जल संकट का सामना करने वाला है। भारत भी इससे अछूता नहीं रहेगा, बल्कि भारत की आबादी को देखते हुए यहां संकट और भी विकराल हो सकता है।
हरियाणा में धान की खेती के लिए नहरों से नहीं मिलेगा अतिरिक्त पानी
Posted on 11 Jun, 2020 09:34 PMभू-जल को बचाने के लिए हरियाणा सरकार ने राइस शूट पॉलिसी बदली है। इसके तहत धान उत्पादक किसानों को नहरी पानी भी कम मिलेगा। 20 एकड़ से कम भूमि पर कहीं भी राइस शूट नहीं दिया जाएगा। इस 20 एकड़ में से 15 एकड़ से अधिक भूमि में धान नहीं लगाया जा सकेगा।
हरियाणा में यमुना नहरों का टूटना आम बात हो गई है
Posted on 21 May, 2020 10:54 AM17 मई, 2020 को करनाल के रंवार गाँव के निवासी अपने गाँव को पानी के तेज बहाव से घिरे हुए पाते हैं, जो तेजी से उनके घरों में घुस रहा था। बाढ़ का कारण गांव के करीब से बहने वाली आवर्धन नहर का टूटना था।